BAREILLY: कन्या महाविद्यालय, भूड़ में टीचर्स की सिचुएशन ठीक वैसी है जैसी यहां के इंफ्रास्ट्रक्टचर की। पुरानी बिल्डिंग, स्टूडेंट्स के लिए ठीक से बैठने की जगह नहीं। टीचर्स के लिए स्टाफ रूम जैसी कोई चीज नहीं। ना तो ग्रांउड है ना ही कैंपस। एक काफी पुराने मकान में यह डिग्री कॉलेज संचालित हो रहा है। वैसे तो यहां पर टीचर्स के सृजित पद करीब संतोषजनक है, क्योंकि स्टूडेंट्स की संख्या उतनी नहीं है। लेकिन जितने पद उसके मुकाबले टीचर्स की संख्या यहां पर भी कम है। काफी समय से यह पद खाली चल रहे हैं। यहां तक कि दो मेन सब्जेक्ट्स में एक भी टीचर नहीं है। स्टूडेंट्स इन सब्जेक्ट्स की तैयारी खुद ही अपनी व्यवस्था से करते हैं।

क्भ् में से क्क् टीचर्स ही हैं

कन्या महाविद्यालय, भूड़ में बीए की म्ब्0 सीटें हैं। जबकि एमए में दो सब्जेक्ट्स की पढ़ाई होती है। इंग्लिश में म्0 और ड्राइंग व पेंटिंग में फ्0 स्टूडेंट्स हैं। टोटल यहां पर 7फ्0 स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ है। इसके सापेक्ष यहां पर क्भ् टीचर्स के पद सृजित हैं। वैसे तो टीचर्स स्टूडेंट्स रेसियो की बात करें तो टीचर्स के सृजित पद तो सही है लेकिन उनमें टीचर्स अब कम हो गए हैं। कुल क्भ् टीचर्स में क्क् टीचर ही पढ़ाते हैं। जबकि ब् टीचर्स के पद काफी समय से खाली पड़े हुए हैं।

इंग्लिश और इकोनॉमिक्स के टीचर्स नहीं

कन्या महाविद्यालय में मेन दो सब्जेक्ट्स में ही एक भी टीचर नहीं। यहां पर इंग्लिश और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई नहीं होती। हो भी कैसे जब एक भी टीचर नहीं है। स्टूडेंट्स अपने स्तर से इन सब्जेक्ट्स की तैयारी करते हैं। इंग्लिश में ख् और इकोनॉमिक्स में एक पद सृजित हैं। लेकिन एक भी नहीं है। इसके अलावा संगीत वादन व तबला सब्जेक्ट में भी कोई भी टीचर नहीं है। इसमें एक ही टीचर का पद सृजित है।

शासन की बेरुखी के आगे बेबस

कॉलेज एडेड है। टीचर्स की नियुक्ति शासन के आदेश पर आयोग द्वारा होती है। डिमांड हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के जरिए शसन को भेजी जा चुकी है। लेकिन आयोग की तरफ से ही नियुक्ति प्रक्रिया ना होने के चलते कॉलेज बेबस है। अपने स्तर से टीचर रख नहीं सकते। कॉलेज के फंड जेनरेट करने का कोई साधन नहीं है जिससे वे टीचर रख सकें। प्रिंसिपल डॉ। कुहूदत्त ने बताया कि टीचर शासन को प्रोवाइड कराना है। प्रोवाइड होंगे तो पढ़ाई होगी नहीं होंगे तो भी हमें पढ़ाना है। इसमें हम क्या कर सकते हैं।