बरेली (ब्यूरो)। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में मंगलवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि यूपी की पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने कई सख्त कानून बनाए हैं। इन कानूनों से महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। लेकिन सख्त कानून होने के बाद भी अभी उनके समक्ष बहुत सारी समस्याएं हैं। स्व। कमला बहुगुणा की जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने कहा कि उनकी माता स्व। कमला बहुगुणा ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने व निर्धन समाज की सेवा करने का कार्य किया। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न विद्यालयों के 160 बच्चों ने पक्ष-विपक्ष में पंजीकरण कराया था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। केपी ङ्क्षसह ने वाद-विवाद के विषय Óक्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है?Ó की प्रशंसा करते हुए इसे समय के अनुरुप बताया। बोले, उठाए गए मुद्दे अन्य को प्रेरणा देेंगे। बहुगुणा स्मृति समिति के समन्वयक अनिल कुमार पांडेय एडवोकेट ने स्व। कमला बहुगुणा के जीवन पर विस्तारपूर्वक विचार प्रकट करते हुए कुलपति प्रो। केपी ङ्क्षसह एवं उनके द्वारा बनाए गए समन्वयक प्रो। एसपी ङ्क्षसह व उपसमन्वयक प्रो। ज्योति पांडेय की प्रशंसा की। कुलपति, समन्वयक एवं उपसमन्वयक को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।


पक्ष में दीपांशु और विपक्ष में शुभ्रा प्रकाश रहीं प्रथम
प्रतियोगिता में पक्ष में दीपांशु दीप पांडेय प्रथम, द्वितीय स्थान प्रगति मिश्रा और तृतीय स्थान मोहम्मद इनाम ने हासिल किया। विपक्ष में प्रथम शुभ्रा प्रकाश, द्वितीय प्रतिमा और तृतीय स्थान पर आरबीडी कालेज बिजनौर की खुशी शर्मा रहीं। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। निर्णायक मंडल में प्रो। सुबोध धवन और प्रो। रेखा कुलश्रेष्ठ शामिल रहीं। मंच का संचालन डा। ज्योति पांडेय ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव संजीव कुमार, संयोजक प्रो। सोमपाल ङ्क्षसह, सहसंयोजक डा। ज्योति पांडेय, प्रो। आलोक श्रीवास्तव, प्रो। पीबी ङ्क्षसह, डा। कौशल सक्सेना, प्रो। नवीन कुमार, डा। सौरभ वर्मा, तपन कुमार आदि मौजूद रहे।