- पिछले महीनों में निमोनिया से निगल ली दो नौनिहालों की जान
बरेली : सर्दी के मौसम में निमोनिया, कोल्ड डायरिया ने भी दस्तक दे दी है। खास बात कि इस बार हालात ज्यादा खतरनाक हैं। वजह, इस बार इन दोनों बीमारियों के साथ कोरोना संक्रमण का भी सामना मरीजों को करना पड़ेगा।
आंकड़ों पर नजर
जिला अस्पताल के आंकड़ों को देखें तो इस साल जुलाई से अक्टूबर तक यानी चार महीनों में निमोनिया और कोल्ड डायरिया के 40 केस सामने आए थे। वहीं, नवंबर महीने में ही 27 मरीजों को कोल्ड डायरिया और निमोनिया ने अपनी चपेट में लिया। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा। अजय मोहन अग्रवाल बताते हैं कि निमोनिया के मरीज को संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसकी वजह है कि दोनों बीमारियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगभग खत्म हो जाती है। वहीं, इस मौसम में सर्दी के साथ प्रदूषित हवा भी नमी के साथ मिलकर लोगों की सेहत पर तेजी से बुरा असर डाल रही है।
इलाज में देरी से हो चुकीं दो मौत
निमोनिया या कोल्ड डायरिया की वजह से पिछले कुछ महीनों में दो लोगों की मौत हुई है। डॉक्टर बताते हैं कि ये ऐसे केस थे, जो निमोनिया और कोल्ड डायरिया को केवल साधारण जुकाम और खांसी समझते रहे। इससे समस्या काफी बढ़ गई थी। जब तक मरीजों के तीमारदार उन्हें लेकर पहुंचे और इलाज शुरू हुआ, तब तक देर हो चुकी थी। वहीं फिजीशियन मानते हैं कि अमूमन लोग सर्दी के मौसम में खांसी या जुकाम होने पर खुद ही मेडिकल स्टोर से दवा ले आते हैं। ऐसा कतई न करें, क्योंकि यह जिंदगी के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
ये हैं कोल्ड डायरिया और निमोनिया लक्षण
कोल्ड डायरिया : भूख नहीं लगना, दस्त, कंपकंपी लगना, शरीर में पानी की कमी, पैरों में ऐंठन, दिन भर सुस्ती रहना, पेट दर्द आदि की समस्या बढ़ जाती है।
निमोनिया : सांस तेज चलना, चेहरा नीला पड़ना, लगातार खांसी आना, सीने में खड़खड़ाहट की आवाज आना, पसली चलना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
यूं करें बचाव
इस मौसम में निमोनिया के बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं। इसलिए बंद कमरे में घर के ज्यादा लोग एक साथ न रहें। ऐसा करने से निमोनिया का खतरा होने का खतरा बढ़ जाता है। दिन के समय खिड़की को खोलकर रखना बेहतर होगा, ताकि घर में फैले बैक्टीरिया मर जाएं।