लिंगदोह की limitation में नहीं हो पा रही कैंपेनिंग
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन के लिए कैंपेनिंग पीक पर होने के साथ ही सभी रूल्स और गाइडलाइंस को ब्रेक करने की परंपरा भी पीक पर है। कैंडीडेट्स को इसमें कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा है। उनके लिए तो सब जायज है। कोड ऑफ कंडक्ट के अंतर्गत जो भी एक्टिविटीज बैन है कैंडीडेट्स वो सब कर रहे हैं। आखिर मामला स्टूडेंट्स का अट्रैक्शन गेन करने का है और एक दूसरे से आगे निकलने का। इसी होड़ में कैंडीडेट्स सब नियम कानून भूल बैठे हैं।
Posters से पटा campus
बरेली कॉलेज का पूरा कैंपस कैंडीडेट्स के कैंपेनिंग वाले पोस्टर्स से पट चुका है। कैंपस की कोई ऐसी दीवार नहीं बची जहां पोस्टर्स न लगे हों। नोटिस बोर्ड, बाउंड्री वाल, क्लास की वॉल, ऑफिस काउंटर्स यहां तक की क्लासेज में भी पोस्टर्स चिपकाए गए हैं। हालांकि यह हैंड मेड पोस्टर्स हैं लेकिन लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार कैंपेनिंग में किसी भी रूप में कैंपस की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना मना है। साथ ही कॉलेज द्वारा फिक्स्ड स्थानों पर ही पोस्टर्स लगा सकते हैं।
Visiting card on demand
कैंपेनिंग के लिए कैंडीडेट्स विजिटिंग काड्र्स का भरपूर यूज कर रहे हैं। कैंडीडेट्स इसे हाथों हाथ ले रहे हैं और स्टूडेंट्स के बीच इसी माध्यम से सबसे ज्यादा प्रचार कर रहे हैं। जबकि कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार कैंपेनिंग के लिए प्रिंटेड मैटेरियल यूज नहीं कर सकते। कैंपस में हर जगह इनके विजिटिंग काड्र्स बिखरे मिल जाएंगे।
Luxury vehicles का रौब
स्टूडेंट्स के बीच खास प्रभाव छोडऩे के लिए कैंडीडेट्स कैंपस में धड़ल्ले से लग्जरी व्हीकल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। महंगी से महंगी एसयूवी से ही वे कैंपस में आना पसंद करते हैं। कैंपस के सभी एंट्रीज पर अपनी व्हीकल के साथ ग्रुप में खड़े हो जाते हैं और हर आने-जाने वाले स्टूडेंट्स को रोक कर कैंपेनिंग करते हैं।
Students को कर रहे oblige
स्टूडेंट्स को रिझाने के लिए कैंडीडेट्स तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। फीस से लेकर एग्जाम फॉर्म जमा कर उन्हें ऑब्लाइज कर रहे हैं। जिससे स्टूडेंट्स को लंबी लाइन में न लगना पड़े और कैंडीडेट्स की बेहतर छाप भी पड़ जाए। जबकि आचार संहिता के अनुसार किसी भी रूप में स्टूडेंट्स को ऑब्लाइज करना साफ मना है।
बरेली कॉलेज में बन रहे हैं फर्जी आईकार्ड
बीसीबी में वोटिंग को प्रभावित करने के लिए स्टूडेंट्स के फर्जी आई कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसपर एबीवीपी के मेंबर्स बिफर पड़े। सुमित गुर्जर, अभिनव शील समेत कई मेंबर्स प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह का घेराव किया। उन्होंने इस संबंध में जांच कराने और फर्जी आई कार्ड बनाने में मदद करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग है।
कुसुम भट्ट को एबीवीपी का समर्थन
बरेली कॉलेज में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में पुस्तकालय मंत्री के लिए खड़ी कैंडीडेट कुसुम भट्ट को एबीवीपी ने अपना समर्थन दिया है। प्रदेश मंत्री दीपक ऋषि ने बताया कि टिकट की घोषणा के समय पुस्तकालय मंत्री के कैंडीडेट की घोषणा नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि कुसुम भट्ट को एबीवीपी की तरफ से लड़ाया जाएगा।
Ballot paper के colours तय
आरयू ने इलेक्शन के लिए बैलेट पेपर्स के कलर तय कर दिए हैं। चुनाव अधिकारी के अनुसार प्रेसीडेंट पद के लिए पिंक, वाइस प्रेसीडेंट के लिए येलो, जनरल सेक्रेट्री के लिए ग्रीन, पुस्तकालय मंत्री के लिए ब्लू और फैकल्टी के लिए व्हाइट कलर का बैलेट पेपर इस्तेमाल होगा.ताकी काउंटिंग के समय सभी बैलेट पेपर आसानी से अलग किए जा सकें।
Candidates ने hightech team
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन की बिसात बिछ चुकी है और शह-मात का खेल भी चरम पर है। कैंडीडेट्स इस बिसात पर जीत की तलाश कर रहे हैं और इस तलाश को हकीकत में बदलने के लिए वह तरह-तरह के लुभावने तरीके भी अपना रहे हैं। कोई गाना गाकर वोटर्स को अट्रैक्ट रहा है तो कोई फेसबुक के जरिए अपनी अपडेट्स वोटर्स तक पहुंचा रहा है। इतना ही नहीं प्रत्याशी हाइटेक दिखने के लिए अपने साथ लैपटॉप लेकर भी क्लास में जा रहे हैं।
Facebook, twitter, orkut हैं खास
चुनावी माहौल में कॉलेज में प्रेजेंस ऑफ स्टूडेंट्स काफी कम हो गई है। ऐसे में कैंडीडेट्स वोटर्स तक पहुंचने के लिए फेसबुक, ट्विटर और ऑरकुट का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए वह अपने विजिटिंग काड्र्स वॉल पर पोस्ट कर रहे हैं। अपनी डेली कैंपेनिंग के फोटोज और एजेंडा भी हर दिन अपडेट कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम्स का हवाला दे रहे हैं। उन्हें प्रॉब्लम से निजात दिलाने के बदले वोट की अपील कर रहे हैं। इतना ही नहीं कैंडीडेट्स मीडिया में हर दिन पब्लिश होने वाली अपनी फोटो और न्यूज को सोशल साइट्स पर डाल रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स तक पहुंच सकें और वे उनके फेवर में वोट डाले।
Atleast 1000 SMS तो करते ही हैं
फेसबुक के बाद कैंडीडेट्स का जो बड़ा हथियार है, वह है एमएमएस। इसके लिए कैंडीडेट्स ने पूरा पैनल बना रखा है। पैनल के आईटी एक्सपट्र्स के पास एमएमएस कार्ड और वोटर्स के कांटेक्ट नंबर्स मौजूद हैं। एसएमएस के लिए उन्हें पैनल में से कोई क्रिएटिव राइटिंग कर के देता है। इसके बाद ही वह इसे मैसेज बॉक्स में कंपोज कर वोटर्स के अवेलेबल नंबर्स पर सेंड कर देते हैं। इस स्लोगन को इतना प्रभावशाली बनाने की कोशिश की जा रही है कि यह पहली बार में ही वोटर्स के दिलो-दिमाग में बस जाए।
Voters को रिझाने के हैं कई तरीके
आरयू में वोटर्स का अटेंशन गेन करने के लिए कैंडीडेट्स के सपोर्टर्स सिंगिंग और मिमिक्री का सहारा ले रहे हैं। वोटर्स की गैदरिंग होने के बाद कैंडीडेट्स अपने पूरे पैनल के साथ एंट्री करते हैं और वोटर्स से अपना एजेंडा बताकर अपने फेवर में वोट करने की अपील करते हैं।
Laptop से दे रहे presentation
आरयू कैंपस में प्रचार क रने के लिए कैंडीडेट्स अपने लैपटॉप पर प्रेजेंटेशन तैयार करके भी वोटर्स को दिखा रहे हैं। इस प्रेजेंटेशन में वह अपनी गत वर्षों की एक्टिविटीज का इंफॉर्मेशन दे रहे हैं। इससे वोटर्स के बीच उनकी साफ-सुथरी इमेज भी डेवलप हो रही है।
तीन लोगों का panel कर रहा है hightech प्रचार
एक छात्र संघ की ओर से हाइटेक प्रचार के लिए तीन सदस्यीय पैनल बनाया गया है। इस पैनल में आदर्श मिश्रा, आदित्य राय और अतुल भारद्वाज शामिल हैं। अतुल ने बताया कि वह हर दिन की एक्टिविटी को फेसबुक पर अपडेट करते हैं। इसके अलावा ट्विटर पर भी उनका अकाउंट है। यहां भी वह काफी एक्टिव रहते हैं। साथ ही वोटर्स को अपने फेवर में करने के लिए एक दिन में 1000 से 1200 एसएमएस भी वोटर्स को भेजते हैं।
BCB का बना दिया अलग page
एक अन्य स्टूडेंट यूनियन के महानगर सचिव रोहित यादव ने पार्टी के हाईटेक प्रचार की कमान संभाल रखी है। इसके लिए उन्होंने चुनाव से पहले ही फेसबुक पर पार्टी के पेज के अलावा बीसीबी का भी पेज बना लिया है। इस पेज से अब तक तकरीबन 700 लोग जुड़े चुके हैं। उनका मानना है कि जो लोग पार्टी से नहीं जुड़ते, वह कॉलेज के पेज से जरूर जुड़ते हैं। इसके साथ ही वह रेगुलर एसएमएस भी कर रहे हैं।
Facebook walls पर update डाल रहे
आरयू में एक संगठन से अलग होकर तैयार हुए पैनल की हाइटेक कैंपेनिंग की जिम्मेदारी जितेंद्र शर्मा के कंधों पर है। वह इसके लिए डेली ऑरकुट और फेसबुक वॉल्स पर अपडेट डाल रहे हैं। साथ ही जीमेल के जरिए वोटर्स को ई-मेल भी कर रहे हैं। वोटर्स को एसएमएस करना भी उनके डेली शेड्यूल में शामिल है।