बरेली (ब्यूरो)। सरकारी कार्यालयों में पहुंचने वाले फरियादियों और कर्मचारियों के साथ ही अधिकारी अपनी जान जोखिम में डाले हुए हैं। क्योंकि गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद से आग की घटनाएं बढ़ गई हैं और शहर में 20 से ज्यादा ऐसे सरकारी कार्यालय हैं, जिनमें आग से बचाव के पर्याप्त संसाधन न होने के साथ ही फायर एनओसी नहीं ली गई है। ऐसा तब है, जबकि फायर डिपार्टमेंट की ओर से ऐसे विभागों को पत्राचार के माध्यम से फायर एनओसी लेने के लिए कहा गया, लेकिन परिणाम शून्य रहा। अब तक किसी भी विभाग की ओर कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यह हम नहीं बल्कि फायर डिपार्टमेंट के आंकड़े बता रहे हैं।
जिंदा जला था मासूम
कोतवाली थाना क्षेत्र के जोगियान मोहल्ला आजमनगर में रविवार की रात गैस सिलिंडर लीक होने से कमरे में आग लगी थी। ऐसे में कमरे में सो रहा सात वर्षीय शेखू पुत्र सादाब आग में जिंदा जल गया था, जबकि उस की 12 वर्षीय बहन अरिना गंभीर रूप से झुलस गई थी। गर्मी के मौसम में आग की बढ़ती घटनाओं को ले कर फायर डिपार्टमेंट तो एक्टिव हैं। लेकिन सरकारी विभाग लापरवाही बरत फरियादियों के साथ ही अपनी जान जोखिम डाल रहे हैं।
अब तक नहीं जवाब
सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा ने बताया कि फायर एनओसी न लेने पर विभाग की ओर से सरकारी विभागों कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। सिर्फ पत्राचार कर विभागों को बिल्डिंग्स में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम करने के साथ ही फायर एनओसी लेने कहा जाता है। कार्रवाई अमल में न आने के चलते लापरवाही बरती जा रही है। यदि ऐसा रहा तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
केस-1
इंडियन ऑयल का डिवीजन कार्यालय
रामपुर गार्डन स्थित इंडियन पेट्रोल पंप के पीछे बने इंडियन ऑयल का डिवीजनल कार्यालय की बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नहीं है। जबकि आगे पेट्रोल पंप हैं। फायर डिपार्टमेंट की ओर से कई बार इंडियन ऑयल के कार्यालय में पत्र भेजकर आग से बचाव के इंतजाम करने के साथ ही फायर एनओसी लेने के लिए कहा। लेकिन किसी भी पत्र का विभाग को कोई जवाब नहीं दिया। सीएफओ ने बताया कि पत्राचार का जवाब न मिलने पर रिमाइंडर भेजा गया। लेकिन अभी तक इंडियन ऑयल की बिल्डिंग की फायर एनओसी नहीं ली गई है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
केस-2
विकास भवन
श्यामगंज गांधी उद्यान रोड पर स्थित विकास भवन की बिल्डिंग का निर्माण वर्षों पहले होने के बाद भी अभी तक फायर एनओसी नहीं ली गई। विकास भवन में 100 से ज्यादा कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती होने के साथ ही प्रतिदिन 500 से ज्यादा लोगों को आना-जाना होता है। ऐसे में यदि कभी आग की घटना हो जाए तो क्या होगा। जबकि फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि विकास भवन की बिल्डिंग की फायर एनओसी लेने के लिए कई बार पत्र लिखा गया। लेकिन संबंधित अधिकारियों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
केस-3
नगर निगम की नई बिल्डिंग
पुरानी बिल्डिंग जर्जर होने के बाद कुछ वर्ष पहले नगर में नई बिल्डिंग का निर्माण किया गया। जिसमें बीते वर्ष से मेयर के कार्यालय समेत अन्य अधिकारियों के कार्यालय सिफ्ट हो गए। लेकिन आज नगर निगम की ओर से न तो आग के पर्याप्त इंतजाम किए गए और न ही फायर एनओसी ली गई है। जबकि प्रतिदिन नगर निगम में हजारों की संख्या में लोगों को आना-जाना होता है। ऐसे में यदि कोई हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा।
केस-4
आयकर विभाग
रामपुर गार्डन स्थित आयकर विभाग की बिल्डिंग में भी आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। साथ ही फायर एनओसी भी नहीं ली गई है। जबकि प्रतिदिन यहां पर भी सैकड़ों लोग आते हैं। ऐसा नहीं है कि विभागीय अधिकारी सिर्फ कार्यालय में आने वाले लोगों की सुरक्षा को अनदेखी कर रहा है। बल्कि उनकी सुरक्षा भी दांव पर लगी है। कई बार फायर डिपार्टमेंट की ओर से पत्र भेजा गया, लेकिन अब तक रिजल्ट शून्य है।
बोले अधिकारी
शहर में ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। न ही विभाग से फायर एनओसी ली गई है। कई बार पत्राचार कर रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।
चंद्रमोहन शर्मा, सीएफओ