यह कैसा खेल?
इंटरमीडिएट में जिन स्टूडेंट्स ने साइंस सब्जेक्ट ले रखा है उन्हें फिजिक्स, बायोलॉजी और कैमेस्ट्री के प्रैक्टिकल एग्जाम में शामिल होना पड़ता है। 30 नंबर के इस एग्जाम में स्टूडेंट्स को अपनी रिपोर्ट सौंपनी पड़ती है और इंटरव्यू में शामिल होना पड़ता है। इस 30 नंबर के नंबर गेम में कम से कम 25 नंबर लाने के लिए स्टूडेंट्स को कम से कम 500 रुपए देने पड़ रहे हैं। इस नंबर गेम को सुविधा शुल्क का नाम दिया गया है। जिसकी जैसी क्षमता उससे उतने ही ऊंचे दाम वसूले जाते हैं। हजार से दो हजार रुपए तक होती है सेटिंग।
क्या मिलती है 'सुविधा'
सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली जा रही धनराशि का बंटवारा टॉप टू बॉटम तक होता है। स्टूडेंट्स को जो सुविधा दी जाती है उसमें सबसे अहम है इंटरव्यू के कठिन दौर से छुटकारा। अगर आपके पास पैसे थोड़े अधिक हैं तो आपको प्रैक्टिकल फाइल भी आसानी से मुहैया करवा दी जाएगी। बस आपको पेज वन पर अपना नाम, रोल नंबर और सब्जेक्ट लिखने की जरूरत है। इस सुविधा शुल्क में इन्विजिलेटर की खातिरदारी भी शामिल है।
सभी को है जानकारी
ऐसा नहीं है कि प्रैक्टिकल के नाम पर शुरू हुआ यह नंबर गेम कोई नया है। इस परंपरा की शुरुआत तो काफी पहले से है लेकिन अब इस वसूली को सुविधा शुल्क का नाम दे दिया गया है। समय के साथ इसकी धनराशि भी बढ़ा दी गई है। एजुकेशन डिपार्टमेंट के सीनियर ऑफिसर्स भी इस नंबर गेम से वाकिफ हैं लेकिन वे शिकायती पत्र का इंतजार कर रहे हैं। जबकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में है कि वे किसी भी समय कॉलेजों में चल रहे प्रैक्टिकल की हकीकत से रूबरू हो सकें। अधिकारियों के जवाब ऐसे हैं कि स्टूडेंट्स भी हैरान हैं।
सुनिए जरा यह जवाब
''हां हमारे पास ऐसी शिकायतें आ रही हैं लेकिन कोई भी लिखित में यह देने को तैयार नहीं है। हमें जब तक लिखित रूप से कोई परीक्षार्थी कंप्लेन नहीं करता हम कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। हम किसी कॉलेज पर उंगली नहीं उठा सकते हैं। यह कहना है जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार का। SFI ने दी शिकायत इंटरमीडिएड के प्रैक्टिकल एग्जाम में सुविधा शुल्क के नाम पर हो रही वसूली के खिलाफ स्डूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने आवाज उठाई है। एसएफआई के जिला संयोजककमल हसन ने बताया कि जिले के करीबन सभी कॉलेजों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं। इस संबंध में एसएफआई ने जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा है। एसएफआई ने कहा है कि अगर यह परंपरा बंद नहीं होती है तो जोरदार आंदोलन की शुरुआत होगी। उधर, जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा है कि एसएफआई द्वारा की गई कंप्लेन को सीरियसली लिया जा रहा है। जिन कॉलेजों के खिलाफ शिकायत मिल रही है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Report by: Abhishek singh