बरेली (ब्यूरो)। झाडिय़ों में फेंके गए नवाजत की मां का पता चल गया है। वह एक बिन ब्याही 16 साल की किशोरी है। लोकलाज के भय से नवजात को उसकी नानी ने बोरे में बंद करके झाडिय़ों में फेंक दिया था। फेंकते हुए वह सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसके बाद पहचान कर पुलिस की मदद से उसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) बुलाया गया। वहां उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है.च्बच्चे की परवरिश के लिए उसकी नानी उसे मांग रही थी, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने सिर्फ मां-बाप को हीच्बच्चा सौंपने की बात कही है।

प्रेम प्रसंग में बनी मां
इज्जतनगर के एक मुहल्ले में रहने वाली महिला ने बताया कि उसके चार बेटियां है। तीन बेटियों की शादी कर चुकी है। सबसे छोटी बेटी शादी के लिए रह गई है। उसकी उम्र अभी 16 वर्ष है। उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बेटी की शादी भोजीपुरा थाना क्षेत्र में हुई है, जिसका एक 22 वर्षीय देवर है। उसी देवर के साथ उनकी बेटी का प्रेम प्रसंग था। कुछ माह पहले उनकी बेटी अपनी बहन के यहां तीन-चार दिन के लिए रुकने को गई थी। उसी वक्त दोनों के बीच संबंध बन गए। जब बेटी लौटकर आई तो कुछ महसूस नहीं हुआ। कुछ महीनों बाद उसकी तबियत बिगड़ी तो जानकारी हुई। किशोरी की मां ने बताया कि पिता से छिपाने के लिए उसे घर के अंदर ही रखा, घर से बाहर नहीं आने दिया। हालांकि उनका यह दावा सीडब्ल्यूसी की कमेटी ने नहीं माना। चाइल्डलाइन टीम के अनुसार, 11 जून को उनकी बेटी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो मां ने ही घर पर खुद उसकी डिलीवरी कर दी औरच् बच्चे को बोरे में बंद कर उसे झाडिय़ों में फेंक दियाच् बच्चे की नानी ने बताया कि उन्होंने लोक-लाज के भय की वजह से ऐसा किया था। सीडब्ल्यूसी में चाइल्ड लाइन की तरफ से काउंसलर सौरभ और टीम की सदस्य रिया शामिल थी।

अगले दिन कराया निकाह
किशोरी की माच् ने बच्चे की डिलीवरी होने के अगले दिन ही उसका निकाह करवा दिया। यह निकाह उस युवक से ही करवाया गया, जिसकाच्वह बच्चा था। नवजात की नानी ने बताया कि जब युवक को बेटी के गर्भवती होने की बात का पता चला तो उसने निकाह से इनकार कर दिया। इसके बाद जब उसे फेंक दिया तो उसने अगले दिन निकाह कर लिया। 11 जून को दोपहर करीब एक बजे डिलीवरी के बाद 12 अप्रैल को सुबह करीब नौ बजे तक उसका निकाह करा दिया गया।

मां-बाप को भी बुलाया
सीडब्ल्यूसी ने नवजात को नानी के हवाले करने से स्पष्ट मना कर दिया है। उनका कहना हच् कि बच्चे को मां-बाप को बुलाकर उसे उनके ही हवाले किया जाएगा। मां से पूछा जाएगा कि आखिर च्सने बच्चे को जन्म देने के बाद उसे क्यों फेंका। उसके बताए गए कारणों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। किशोरी की मां से बेटी को बुलाने की बात कही है। गुरुवार को उनके पहुंचने के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी।

एसआरएमएस में हुआ रेफर
चाइल्डलाइन की टीम ने बचया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है। उसे जिला अस्पताल से एसआरएमएस में रेफर कर दिया गया है, जहां उसका इलाज किया जा रच है। बच्चे के ठीक होने के बाद उसे उसके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया जाएगा।


वर्जन ::
अभी मां हमारे सामने नहीं आ पाई है, नानी आई थी। उनके बयान बार-बार बदल रहे हैं। यदि मां की शादी हो गई है तो मां-बाप दोनों आएंगे अन्यथाच्मां को ही बच्चा सौंपा जाएंगा।
-- दिनेश चंद्रा, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी