- बदलते मौसम में करीब 30 परसेंट लोग वायरल डिजीज की चपेट में
- डॉक्टर्स के मुताबिक प्रीकॉशन के जरिए वायरल इफेक्ट पर लगेगी लगाम
BAREILLY: ठंड की दस्तक दे दी है। ऐसे में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है। मौसम में आए बदलावों की वजह से शहर में वायरल डिजीज का खतरा भी बढ़ गया है। डॉक्टर्स के मुताबिक वेदर चेंजेज होने से वायरल अटैक से बचने के लिए प्रीकॉशंस की काफी जरुरत होती है। ऐसे में अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो वायरल से बचा जा सकता है। साथ ही प्रीस्टेज पर बीमारी का पता चल जाए तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। डॉक्टर्स के मुताबिक शहर में करीब फ्0 परसेंट लोग वायरल के चंगुल में आ चुके हैं।
कई डिजीज की पाॅसीबिलिटीज
वेदर चेंजेज के दौरान होने वाला वायरल लंबे समय तक पीछा नहीं छोड़ता। डॉक्टर्स के मुताबिक बदलते मौसम में ह्यूमन बॉडी का रेजिस्टेंस कम हो जाता है। बॉडी को नए टेंप्रेचर में एडजस्ट करने में मैक्सिमम क्भ् दिन लगते हैं। यह कंटेजियस भी होता है। इस मौसम में आमतौर पर टाइफाइड, मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू, पीलिया, कालरा, सर्दी, जुकाम और खांसी ही समस्या होती है। हार्ट और शुगर के पेशेंट्स को ऐसे में काफी दिक्कत होती है। डॉक्टर्स के मुताबिक इस मौसम में हैवी फूड और फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए।
स्मोकिंग से करें तौबा
फिजीशियन के अनुसार वेदर चेंज के दौरान स्मोकिंग से दूर रहना चाहिए। वेदर चेंज का इफेक्ट सबसे अधिक लंग्स पर ही होता है। स्मोकिंग से लंग्स में सिकुड़न हो जाती है। इससे बॉडी में आक्सीजन सप्लाई की मात्रा कम हो जाती है। इससे बॉडी को इम्यूनिटी पॉवर कम हो जाती है, क्योंकि ऑक्सीजन ही बॉडी को वायरल व अन्य डिजीज से लड़ने की पॉवर ि1मलती है।
लक्षण
वायरल अटैक की समय से पहचान कर लेने से इलाज जल्दी किया जा सकता है। यह लक्षण हैं
- सिर में हल्का दर्द
- आंखों में भारीपन
- बॉडी में सुस्ती
- गले में खराश
- हड्डियों में अकड़न या मरोड़
- बॉडी टेंप्रेचर का अचानक बढना
- व्हॉइट सिक्वेंस का आना
- गले में दर्द या ऐंठन का होना
प्रीकॉशन
- फ्रिज में रखी वस्तुओं का प्रयोग कम करें। फ्रिज का टेंप्रेचर नॉर्मल रखें।
- एसी को बंद करें और पंखे की स्पीड कम रखें
- नंगे पैर ना रहें। फुल स्लीव्स कपड़ों में ही रहें।
- सोते समय हल्के ब्लैंकेट का यूज करें।
- ठंडे और खट्टे आइटम को खाने में प्रयोग कम करें।
- स्मोकिंग से दूर रहें।
- बासी खाना और खुलें में रखे फ्रूट्स ना खाएं
- मच्छरों से बचने के लिए पानी का ठहराव ना होने दें। नालियां में रेग्यूलर डीडीटी का छिड़काव करें।
- अंगीठी और हीटर का यूज करते समय वैंटीलेशन का पूरा ध्यान रखें।
- कुछ देर एक्सरसाइज जरूर करें।
- बच्चों की बॉडी को अच्छे से कवर्ड करें।
- सुबह गुनगुनी धूप में क्भ् मिनट जरूर बैठें।
वेदर चेंज से वायरल डिजीज हो जाती हैं। क्लिनिक में वायरल की चपेट में आए पेशेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है। लोगों को प्रिकॉशन लेनी चाहिए।
-डॉ। अजय मोहन, फिजिशियन
वायरल डिजीज से इंफ्लूएंजा व अन्य गंभीर डिजीजेज हो सकती हैं। हल्की प्रॉब्लम होने पर भी डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं का सेवन करें।
-डॉ। राजीव गोयल, फिजिशियन