- शहर के कई एरिया में सप्लाई हो रहा गंदा पानी

- गंदा पानी सप्लाई होने से रेजिडेंट्स परेशान

- ओवरहेड टैंक की टाइम पर नहीं होती सफाई

BAREILLY : जल ही जीवन है। पर ये बात शायद जलकल विभाग को समझ में नहीं आ रही है। तभी तो वह सिटी की कई कॉलोनीज में गंदा पानी सप्लाई कर लोगों की जिंदगी से खेल रहा है। जलकल विभाग के इस लापरवाह रवैया से लोगों में गुस्सा है। शिकायत करने पर जलकल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उलटे लोगों को भला-बुरा कहते हैं। उनके इस बर्ताव से लोगों में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। आलम यह है कि ओवरहेड टंकी की साफ-सफाई कई वर्षो से नहीं हुई है।

टैंक की सालों से सफाई नहीं

नियम के मुताबिक ओवरहेड टैंक की साफ-सफाई छह माह के अंदर हो जानी चाहिए, लेकिन विभाग ने वर्षो से टैंक की सफाई नहीं करवाई है। कचहरी परिसर में बने टैंक की भी पिछले कई सालों से सफाई नहीं हुई है। एडवोकेट रामाश्रय राजा ने बताया कि मैं पिछले फ्ख् सालों से पै्रक्टिस कर रहा हूं, लेकिन आज तक टंकी की सफाई होते नहीं देखा। गंदा पानी आने के कारण हमें पानी खरीद कर पीना पड़ता है।

ऑपरेटर ही नहीं

सिटी में ओवरहेड टैंकों की संख्या ख्ख् और नलकूपों की संख्या भ्ख् है, लेकिन मैक्सिमम ओवरहेड टैंक और नलकूप पर कोई ऑपरेटर नहीं है। रेजिडेंट्स का कहना है कि ऑपरेटर नहीं होने से जलकल विभाग फोन करना पड़ता है, जिससे काफी परेशानी होती है। वहीं शिकायत करने के बाद भी ऑफिसर्स व कर्मचारियों का पॉजिटिव रिस्पांस भी नहीं मिलता है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक बरेली में पानी सप्लाई के लिए क्9भ्ब् में पाइप लाइन बिछाई गई थी, जो जगह-जगह टूट चुकी है। टूटी पाइप लाइन के जरिए पानी के साथ मिट्टी और गंदगी लोगों के घरों में पहुंच रही है।

डिमांड की अपेक्षा कम पानी

डिमांड के अकॉर्डिग पानी सप्लाई करने में भी जलकल विभाग पूरी तरह से फेल है। फिलहाल जलकल विभाग द्वारा एक दिन में क्0भ् एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही, जबकि पूरे शहर के लिए क्ब्0 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में यह आंकड़ा क्भ्0 एमएलडी तक पहुंच जाता है।

कई तरह की बीमारी

डॉक्टर्स की मानें तो मैक्सिमम बीमारियां गंदा पानी पीने से ही होती हैं। गंदे पानी से लोगों को डायरिया, टायफायड, जॉन्डिश जैसे तमाम डिजिज हो सकती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए पानी में क्लोरीन की गोली या फिर पानी को उबाल कर इस्तेमाल करना चाहिए।

फैक्ट फाइल

- बरेली अर्बन की आबादी करीब क्भ् लाख।

- जलकल डिपार्टमेंट के कंज्यूमर करीब म्0 हजार।

- ओवरहेडटैंक - ख्ख्।

- नलकूप - भ्ख्।

- सरकारी हैंडपंप की संख्या ख्म्00.

- डिस्ट्रिक्ट में क्7क्77 तालाब, शहर में क्म्ब् तालाब, जिनमें से अधिकतर पट चुके हैं।

- बरेली में म्ब् कुएं, जिनमें से कई पट चुके हैं।

- वॉटर लेवल फ्भ् से ब्0 फीट।

- हर साल वॉटर लेवल क् से ख् मीटर नीचे जा रहा है।

- जलकल डिपार्टमेंट की ओर से फिलहाल क्0भ् मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) पानी की सप्लाई हो रही है, जबकि क्ब्0 एमएलडी पानी की और जरूरत है।

टंकी सफाई का काम चल रहा है। जल्द ही सभी एरिया की टंकी की सफाई कर ली जाएगी। बरेली में फिलहाल फ्भ् एमएलडी पानी की और आवश्यकता है।

- आरवी राजपूत, असिस्टेंट इंजीनियर, जलकल डिपार्टमेंट

लोगों को मैक्सिमम बीमारियां गंदा पानी पीने से ही होती हैं। पेट में कीड़े हो सकते हैं, इसलिए व्यक्ति को शुद्ध पानी ही पीना चाहिए।

- अजय मोहन अग्रवाल, फिजीशियन

कब सफाई होती है मुझे नहीं पता है, मेरा काम लाइट आने पर मोटर चलाकर पानी टैंक में भरना है।

- जितेंद्र, ऑपरेटर, बिहारी पुर

टंकी की कोई सफाई नहीं होती है। गंदा पानी आने के वजह ये मार्केट से पानी खरीदना पड़ता है।

- उमंग रावत, कचहरी

कई बार कंप्लेन किया गया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कचहरी परिसर में बने टंकी पर कोई ऑपरेटर भी नहीं है।

- असद रजा खां, कचहरी

बीच-बीच में काई लगा पानी आता है। मजबूरन पानी को छान कर इस्तेमाल करना पड़ता है।

- सतपाल, सुभाषनगर

कुछ दिन पानी साफ आने के बाद फिर से वही समस्या शुरू हो गई है। गंदा पानी सप्लाई होने से बहुत परेशानी होती है।

- चंचल भारती, सुभाषनगर

पूरे बिहारीपुर में गंदा पानी आ रहा है। पानी का रंग हल्का पीला होता है और स्वाद भी अजीब होता है।

- शबाब, बिहारीपुर