15 अक्टूबर तक के स्लाट बुक, रिन्यूअल आवेदकों की बढ़ी परेशानी
बरेली : संभागीय परिवहन कार्यालय में स्थाई ड्राइ¨वग लाइसेंस के आवेदनकर्ताओं को बायोमैट्रिक टेस्ट के लिए अक्टूबर व नवंबर माह की तिथि मिल रही है। इससे ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रतिदिन 250 आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा मारामारी भी इसी के लिए है। वहीं लर्निंग डीएल के लिए भी सबसे ज्यादा आवेदन आ रहे हैं। आवेदकों की अधिक संख्या होने के बावजूद और समस्या को जानते हुए भी समाधान के लिए अधिकारियों की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है।
कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के बाद ड्राइ¨वग लाइसेंस के आवेदकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। लर्निंग डीएल के आवेदकों को बायोमैट्रिक टेस्ट व आनलाइन परीक्षा के लिए 20 दिनों के अंदर ही बुलाया जा रहा है। जबकि स्थायी डीएल बनवाने वालों को सभी अक्टूबर व नवंबर की तिथि मिल रही है। आवेदकों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद यहां स्लाट बढ़ाने के लिए विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं की जा रही है। दिल्ली रहकर पढ़ाई करने वाली रोहणी टोला निवासी राम्या गुप्ता ने बताया कि दो माह पूर्व ही लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया था। अब स्थाई के लिए आवेदन करने पर अक्टूबर की तिथि मिल रही है। ऐसे आवेदकों की संख्या सैकड़ों में है।
स्लाट निर्धारण बन गई है समस्या
वर्तमान में जिले में लर्निंग के 250 व स्थायी 150 स्लाट ही प्रतिदिन के लिए शासन की ओर से वर्तमान में निर्धारित हैं। यह निर्धारण ही अब संबंधित आवेदकों के लिए समस्या बन गई है। लर्निंग डीएल के बजाय स्थायी डीएल के आवेदकों की संख्या ज्यादा है। अक्टूबर व नवंबर का समय सबके लिए भारी पड़ रहा है। कोई विदेश जाने चे इच्छुक है तो कोई बाहर रहकर नौकरी करने वाला या सेना का जवान, सबके लिए भी इतना लंबा इंतजार भारी पड़ रहा है।
सख्ती के चलते बढ़ गई डीएल आवेदकों की संख्या
यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराए जाने के लिए जिले में लगातार आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस व सिविल पुलिस की ओर से अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा जुर्मानें में केंद्र सरकार की ओर से बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद से अचानक ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
कोरोना संक्रमण के बाद से वर्तमान में केवल 75 प्रतिशत स्लाट ही बुक हो रहे हैं। ऐसे में स्लाट बुक करने के बाद भी लोग कम आ रहे हैं। कार्यालय में लोग आकर नवंबर का स्लाट मिलने की बात कह रहे हैं। मुख्यालय पत्र लिख स्लाट बढ़ाए जाने को कहा जा रहा है। - मनोज सिंह, एआरटीओ प्रशासन