- डग्गामारों पर कार्रवाई के नाम पर आरटीओ कर रहा मजाक
-चौपुला, सैटेलाइट, श्यामगंज में धड़ल्ले से हो रही है डग्गामारी
BAREILLY : डग्गामार वाहनों के खिलाफ आरटीओ विभाग कार्रवाई करने के बजाय मजाक कर रहा है, तभी तो मात्र तीन दिन अभियान चलाकर शहर से डग्गामारी खत्म कर दी। इंफोर्समेंट ऑफिसर्स द्वारा बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर सहित विभिन्न रूट्स पर डग्गामार वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान पिछले तीन दिन चलाया गया। इस दौरान टीम द्वारा एक दर्जन से अधिक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। लेकिन सोचने वाली बात है कि क्या सिर्फ तीन दिन में शहर से वाहनों की डग्गामारी सचमुच खत्म हो गई। विभाग के ऑफिसर्स शायद यहीं मानते हुए अभियान की इति श्री कर दी।
कार्रवाई है या मजाक
आरटीओ में रजिस्टर्ड कॉमर्शियल वाहनों की संख्या भ्0 हजार से अधिक है। इनमें ट्रक, बस, कार, टैक्टर, छोटा हाथी, वैन, मैजिक सहित अन्य कॉमर्शियल वाहन शामिल हैं। मैक्सिमम वाहन बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट,परमिट और फिटनेस के ही सिटी के सड़कों पर डग्गामारी कर रहे हैं। रोड एक्सिडेंट की घटनाओं में डग्गामार वाहनों का सबसे बड़ा हाथ होता है। ऐसी कई बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, मगर आरटीओ के ऑफिसर्स कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं।
फिर क्यों रोक िदया अभियान
प्रश्न उठता है कि जब चेकिंग के दौरान डग्गामार वाहन पकड़ में आ रहे थे तो अभियान को तीन दिन में ही क्यों रोका गया, जबकि चौपुला, सैटेलाइट, श्यामगंज में धड़ल्ले से डग्गामारी की जा रही है। रोडवेज भी डग्गामार बसों की लिस्ट आरटीओ विभाग को सौंप चुका है। रोडवेज के मुताबिक जयपुर रूट पर क्7 और दिल्ली रूट पर ख्भ् डग्गामार बसें चल रही हैं।
कार्रवाई का प्रावधान
एमवी एक्ट के अकॉर्डिग डग्गामारी करने पर चालान और गाडि़यों को सीज करने का प्रावधान है। मगर सच्चाई यह है कि मैक्सिमम डग्गामार वाहनों का सिर्फ चालान काटकर छोड़ दिया जाता है।
डग्गामार कैटेगरी
- परमिट का न होना।
- फिटनेस सही नहीं होना।
- पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं होना।
- परमिट शर्तो का पालन न करना।
बीच-बीच में चेकिंग अभियान चलता रहता है। फिलहाल तीन दिन के लिए चेकिंग अभियान चलाया गया था। अभियान के दौरान कुछ डग्गामार बसों को सीज भी किया गया है।
उमाशंकर यादव, एआरटीओ इंफोर्समेंट