2005 में highest polling  

बीसीबी में पहला स्टूडेंट्स इलेक्शन 2003 में हुआ। इस इलेक्शन में पोलिंग के लिए कालीबाड़ी की तरफ वाला गेट स्टूडेंट्स के लिए खोला गया। उस समय कॉलेज में पहली बार स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन होने की वजह से वोटर्स में ज्यादा अवेयरनेस नहीं दिखी थी। नतीजतन इलेक्शन में केवल 39 परसेंट पोलिंग हुई। गल्र्स का परसेंटेज 35 परसेंट था। 2004 के इलेक्शन में बीसीबी के स्टूडेंट्स थोड़े और एक्टिव दिखे और 49 परसेंट पोलिंग हुई। 2005 के इलेक्शन में 54 परसेंट पोलिंग हुई जो अब तक का हाइएस्ट पोलिंग परेसेंटेज है। इसके  बाद लास्ट इलेक्शन 2006 में पोलिंग इस्ट साइड के गेट की ओर से कराई गई। ऐसे में शहामतगंज से गांधी उद्यान तक बैरीकेटिंग होने और पार्किंग की सुविधा न होने से गल्र्स का पोलिंग परसेंटेज काफी गिर गया और ओवरऑल 51 परसेंट पोलिंग ही हो पाई।

RU में कम होता गया craze

आरयू में हुए स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में पोलिंग का क्रेज धीरे-धीरे घटता ही चला गया। 2003 में हुए पहले इलेक्शन में तकरीबन 58 परसेंट पोलिंग हुई। इस इलेक्शन में टोटल 3500 वोटर्स में से 2000 ने ही वोट कास्ट किया। इनमें गल्र्स का नंबर केवल 300 ही रहा। 2004 में हुए इलेक्शन में पोलिंग परसेंटेज घटकर 48 परसेंट रह गया। 2005 में 44 परसेंट हो गया। 2006 में पोलिंग में कुछ उत्साह बढ़ा और 49 परसेंट पोलिंग हुई। इसमें लोकल गल्र्स भी वोट डालने के लिए घरों से निकलीं थीं।

इस बार हालात अलग हैं

स्टूडेंट्स इलेक्शन के जोड़-तोड़ में लगे संभावित प्रत्याशियों की मानें तो पांच साल बाद इलेक्शन होने से कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स में पोलिंग को लेकर क्रेज दिख रहा है। पर वैकेशंस की वजह से इस बार भी पोलिंग परसेंटेज पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, बीसीबी के हॉस्टल्स में रिपेयरिंग वर्क चलने की वजह से कोई स्टूडेंट नहीं रह रहा है। ऐसे में अगर सिटी की गल्र्स वोटिंग के लिए घर से निकलती हैं तो यह परसेंटेज सुधर सकता है।

RU, BCB में पोलिंग परसेंटेज

ईयर    आरयू    बीसीबी

2003    58    39

2004    48    49

2005    44    54

2006    49    51

नोट : आंकड़े परसेंटेज में हैं।