धंधेबाजों के चंगुल में वोटर्स----फ्रंट पेज हेडलाइन
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-तहसील में बने वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर में फार्म का टोटा
- तहसील के आसपास 3 से 5 रुपए में बिक रहे हैं फार्म- 6, 8 और 002
BAREILLY: चुनाव आयोग की तैयारियों और मंशा पर लोकल एडमिनिस्ट्रेशन की सुस्ती भारी पड़ रही है। वैसे तो आयोग ने नए और पुराने वोटर्स की प्रॉब्लम को साल्व करने के लिए वोटर्स रजिस्ट्रेशन सेंटर (वीआरसी) बनाए हैं, जहां लोगों के लिए फार्म म्, 8 या फिर ख्, पूरी तरह से फ्री में मिलना चाहिए। लेकिन फार्म की कमी ने धंधेबाजों की पौ बारह कर रखी है। तहसील के आसपास वोटिंग रजिस्ट्रेशन से जुड़े फार्म्स का धंधा जोरों पर है। फ्री में मिलने वाले फार्म को ये धंधेबाज पांच रुपये तक बेच रहे हैं। वोटर बनने की चाहत लिए सिटी के लोग यहां से फार्म खरीदने का मजबूर भी हैं। बीते कई दिनों से पहुंच रही ऐसी कंप्लेन की असलियत में जाने के लिए नेक्स्ट ऑफिस पे सैटरडे को स्टिंग ऑपरेशन किया तो चौंकाने वाले फैक्ट्स उजागर हुए।
तहसील में नहीं बाजार में अवेलेबल
तहसील में पता करने पर आमतौर पर एक ही जवाब मिलता है, फॉर्म्स खत्म हो गए हैं। लेकिन मार्केट में फार्म- म्, 8, 00ख् सहित सभी फार्म आसानी से अवलेबल है। नतीजा अगर वोटर बनना है तो मार्केट की ओर रुख करना ही पड़ेगा। सबसे अहम यह कि सेंटर पर तैनात कर्मचारी भी मार्केट में फार्म अवलेबल होने का हवाला दे रहे है। सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे इन कर्मचारियों की सेटिंग भी है।
फ्0 से अधिक शॉप्स
तहसील, कलेक्ट्रेट, जेल रोड पर फोटो स्टेट की अच्छी-खासी शॉप मौजूद है। एक अनुमान के मुताबिक फ्0 शॉप प्रजेंट टाइम में फोटो स्टेट की वर्क कर रही है। मुहर बनाने का काम करने वाली शॉप पर भी वोटर आईडी कार्ड से बनाए जाने से रिलेटेड फार्म अवलेबल है। इन शॉप पर कौन से फार्म और कितने चाहिए बस कहने भर की देर है।
रोजाना क्0 फार्म की डिमांड
तहसील सदर से चार विधानसभा जुड़ा हुआ है। जिनमें सदर, कैंट, बिथरी चैनपुर, और भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इन सभी क्षेत्र से तहसील सदर में बनाए गए वीआरसी में डेली हजारों लोग नए वोटर कार्ड, कार्ड में करेक्शन, डुप्लीकेट व एड्रेस चेंज कराने के लिए आते हैं। इन सभी काम के लिए फार्म भरना जरूरी होता है। मगर सेंटर पर मैक्सिमम फार्म अवलेबल ही नहीं है। आलम यह कि बीएलओ भी फार्म देने में हाथ खड़ा कर रहे है। बूथ वाइज ख्म्म्8 बीएलओ की ड्यूटी में मैक्सिमम के पास फार्म अवलेबल नहीं है। आला अधिकारियों की खामोशी मार्केट में अवैध रूप से बिक रहे फार्म को बढ़ावा दे रही है। इस संबंध में जब ऑफिसर्स से बात की गई तो उनका रवैया भी टालने वाला रहा।
सीन वन - शांति फोटो स्टेट
आई नेक्स्ट - आपके पास वोटर वाले फार्म होंगे।
शॉप ओनर - हां, कौन सा चाहिए फार्म-म्, 8 या कोई और फार्म।
आई नेक्स्ट - नया वोटर बनना है।
शॉप ओनर - हां इसके लिए फार्म म् चाहिए, अवलेबल है।
आई नेक्स्ट - कितने का है।
शॉप ओनर - ब् रुपए का एक फार्म है। आपको कितना चाहिए।
आई नेक्स्ट - पैसे देते हुए फिलहाल एक दे दीजिए।
सीन टू - इंदू फोटो स्टेट
आई नेक्स्ट - वोटर वाले फार्म चाहिए था।
शॉप ओनर - मिल जाएगा।
आई नेक्स्ट - फार्म इलीगल तरीके से बेच रहे है आपको डर नहीं लगता।
शॉप ओनर - डर कैसा, लोगों को जरूरत है हम बेच रहे हैं।
आई नेक्स्ट - वैसे कितने का एक फार्म है।
शॉप ओनर - भ् रुपए का एक फार्म है कौन सा चाहिए।
आई नेक्स्ट - नाम में संशोधन करवाने है कौन सा फार्म लगेगा।
शॉप ओनर - फार्म - 8 लगेगा।
आई नेक्स्ट - एक ही चाहिए।
प्रारूप बेचने का प्रावधान नहीं है। अगर वीआरसी और ऑफिस में फार्म नहीं है तो इसकी इंक्वॉयरी डीएम से करूंगा। सरकारी तंत्र के लोग ऐसा कर रहे है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उमेश सिन्हा, चीफ इलेक्शन ऑफिसर, यूपी
बाहर से फार्म खरीदकर वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई किया है। वीआरसी में फार्म नहीं था। जिसके चलते मार्केट से फार्म लेना पड़ा है।
मोहम्मद अफजल, इज्जतनगर
तहसील में बने ऑफिस पर फार्म लेने गया था। कर्मचारियों का कहना था कि फार्म- म् अवलेबल नहीं है। मार्केट से फार्म लेकर जमा कर दीजिए।
मुस्तकीन, इज्जतनगर
मेरे पापा ने ऑफिस से फार्म नहीं मिलने पर तीन फार्म मार्केट से खरीदे है। फ्री में मिलने वाले फार्म को मजबूरन पैसा देकर खरीदना पड़ रहा है।
अमित सिंह, कैंट
नए वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई किया है। बहुत प्रॉब्लम्स हो रही है कोई कर्मचारी सही इंफॉर्मेशन नहीं दे रहा है। जिसके चलते भागदौड़ करनी पड़ रही है।
-विक्रम सिंह, कैंट