Late night तक campaigning

अर्ली मॉर्निंग कैंपस में कैंपेनिंग खत्म करने के बाद कैंडीडेट्स और उनकी खास टीमें कोचिंग और मोहल्लों का रूख कर देती हैं। मॉर्निंग से लेकर इवनिंग तक वे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में कैंपेनिंग करते हैं। उसके बाद सारा फोकस सोसाइटीज में रहने वाले स्टूडेंट्स की तरफ मोड़ देते हैं। हर सोसाइटी के कुछ चार-पांच स्टूडेंट्स अपने साथ लेकर कॉलेज के हर स्टूडेंट्स के घर जाकर अपने फेवर में माहौल बनाने के लिए वोट की अपील कर रहे हैं। सिटी के प्रॉमिनेंट घनी आबादी वाले एरियाज के साथ दूर-दराज के रूरल एरियाज जैसे फरीदपुर, आंवला, नवाबगंज, भोजीपुरा समेत दूसरे एरियाज में भी कैंपेनिंग कर रहे हैं।

पहले लेते हैं parmission

कोचिंग के शेड्यूल के अनुसार क्लास स्टार्ट होने से पहले और खत्म होने के बाद कैंडीडेट्स और उनकी टीम पहले टीचर्स से परमीशन लेते हैं। फिर उसके बाद करीब दस मिनट तक स्टूडेंट्स को अपनी प्रेजेंटेशन देते हैं। अपना एजेंडा पेश करते हैं और वोट के लिए अपील करते हैं।

रख रहे हैं पूरा रिकॉर्ड

कैंडीडेट्स और उनकी टीम स्टूडेंट्स का पूरा रिकॉर्ड मेंटेन कर रही है। हर कोचिंग इंस्टीट्यूट का शेड्यूल निकाल रहे हैं। उनमें पढऩे वाले कॉलेज के स्टूडेंट्स की लिस्ट बनाई जा रही है। इंटर स्तर की कोचिंग में पढ़ चुके पुराने स्टूडेंट्स का भी ब्यौरा खंगाल रहे हैं। यही नहीं स्टूडेंट्स की मदद से मुहल्लों में रहने वाले कॉलेज स्टूडेंट्स का भी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रिपोर्ट तैयार करने के बाद पूरा शेड्यूल प्रिपेयर करते हैं। एक दिन में कितने कोचिंग और मुहल्लों में कैंपेनिंग करनी है उसकी लिस्ट प्रिपेयर करते हैं।

अब कैंपस के अलावा सबसे ज्यादा फोकस कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में पढऩे वाले स्टूडेंट्स और मोहल्लों में रहने वाले स्टूडेंट्स पर है। कई टीम रेग्यूलर इन जगहों पर प्रत्येक स्टूडेंट्स से वोट के लिए अपील कर रही है। सिटी के अलावा दूर-दराज एरियाज में भी बराबर कैंपेनिंग चल रही है।

- विनोद कुमार जोशी, वाइस प्रेसीडेंट कैंडीडेट, बीसीबी

स्टूडेंट्स कैंपस में कम कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में ज्यादा समय देते हैं। इसलिए हमारा पूरा फोकस कोचिंग इंस्टीट्यूट्स पर भी है। हर स्टूडेंट्स के साथ कॉन्टैक्ट कर वोट की अपील करते हैं।

- प्रशांत जौहरी, जनरल सेक्रेट्री कैंडीडेट, बीसीबी

मेरीे फैकल्टी के अधिकांश स्टूडेंट्स कोचिंग में ही मिलते हैं। इसलिए मैं कैंपस के अलावा ज्यादा से ज्यादा टाइम कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में कैंपेनिंग के लिए दे रही हूं। रिसपॉन्स भी अच्छा मिल रहा है। यहां पर वे स्टूडेंट्स तो श्योरली मिल जाते हैं जो सिटी में रहते हैं।

- प्रज्ञा शुक्ला, साइंस फैकल्टी कैंडीडेट, बीसीबी

कैंपस और कैंपस से बाहर कैंपेनिंग के लिए दो तरह की टीमें बनाई गई हैं। जो कैंपस के साथ बाहर कोचिंग और सोसाइटीज में भी बराबर की सक्रियता निभाते हैं। कैंपेनिंग में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जो कैंपस में नहीं आते हैं उन्हें बाहर खोज निकालते हैं।

- मंदीप कौर, कैंडीडेट पुस्तकालय मंत्री बीसीबी

बरेली कॉलेज में 2,100 वोटर्स बढ़े

बीसीबी के स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में 2,100 वोटर्स और बढ़ गए हैं। करीब 14,600 वोटर्स पहले थे जो बढ़कर अब 16,700 हो गए हैं। ओएस अंजुम आदिल ने बताया कि एलएलबी, बीबीए, बीसीए और पीएचडी के काफी स्टू्रडेंट्स को वोटर्स लिस्ट में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर तक जिसने भी एडमिशन लेकर फीस भरी है उनको वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया है।

बीसीबी में 23 गल्र्स और 22 ब्वॉयज पोलिंग बूथ

बीसीबी में वोटिंग के लिए गल्र्स के 23 और ब्वॉयज के 22 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। हर बूथ पर चार टीचर व एक-एक बाबू और कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। वोटिंग लिस्ट में किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम को लेकर जीसीआर में गल्र्स और हिंदी डिपार्टमेंट में ब्वॉयज के लिए काउंटर्स बनाए गए हैं। इसके अलावा टीचर्स, कर्मचारियों की 50 लोगों की रिजर्व टीम तैयार की है जो समय-समय पर बूथों का दौरा करेगी। वहीं फर्जी वोटिंग से निपटने के लिए पोलिंग बूथों पर फोटो युक्त फॉर्मों की लिस्ट रखी जाएगी। जिससे फर्जी आईकार्ड और फीस रसीद के सहारे कोई फर्जी वोटिंग न कर सके।

छूटे स्टूडेंट्स को भी वोटर्स लिस्ट में शामिल करने की मांग

बीसीबी के स्टूडेंट्स ने डीएम को एलएलबी के करीब 200 स्टूडेंट्स को भी वोटर्स लिस्ट में नाम शामिल करने की मांग की है। बिलाल खां ने बताया कि ये वो स्टूडेंट्स हैं जिनका रिजल्ट लेट आया है और वोटर्स लिस्ट में नाम शामिल नहीं है। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है।

चुनाव अधिकारी से कार्रवाई करने की मांग

एबीवीपी ने आरयू में कैंपेनिंग के लिए इस्तेमाल हो रहे प्रिंटेड मैटेरियल का विरोध करते हुए चुनाव अधिकारी से कार्रवाई करने की मांग की है। छात्रनेता अतुल भारद्वाज ने बताया कि कई छात्रनेता लिंगदोह के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जिसकी इंफॉर्मेशन चुनाव अधिकारी को दी गई है और निष्पक्ष इलेक्शन कराने की मांग की गई।

स्पीच के लिए एक्सपट्र्स की ले रहे हेल्प

चुनावी गहमागहमी के बीच अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कैंपेनिंग के साथ महासंग्राम के महाभाषण की तैयारी भी कर रहे हैं। आखिर इस महाभाषण से ही तो वह वोटर्स के सामने खुद को सबसे काबिल प्रत्याशी के तौर पर पेश कर पाएंगे। स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में पहली बार हो रहे इस भाषण को लेकर स्टूडेंट्स भी काफी असमंजस की स्थिति में हैं। जो लोग कई साल से कैंपस में डटे हुए हैं, उनके लिए तो इसकी तैयारी करना खास मुश्किल नहीं है पर जो इस सियासी जमीन पर पहली-पहली बार कदम रख रहे हैं, उनके लिए वास्तव में एक बड़ी चुनौती है। वहीं कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो इस भाषण से दूर रहना ही ठीक समझ रहे हैं। दरअसल, स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में लिंगदोह की सिफारिशों के मुताबिक अर्हता भाषण का विशेषाधिकार अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को ही मिला है। खास बात यह है कि इस भाषण में शामिल न होने पर भी उनकी कैंडीडेटशिप का कैंसिलेशन नहीं किया जाएगा।

कहीं खुशी तो कहीं गम

मंडे को होने वाले अर्हता भाषण के लिए जहां कुछ प्रत्याशियों में इस बात की खुशी है कि वह एक साथ पूरे कैंपस में वोटर्स से मुखातिब होकर उनसे अपनी बात कर पाएंगे। उन्हें अपना एजेंडा बता पाएंगे। वहीं कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो इस अर्हता भाषण से दूर भागने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ को तो इसके बारे में जानकारी ही नहीं है। जो प्रत्याशी इससे खुश हैं उनका कहना है कि वह पिछले कई साल से कैं पस में स्टूडेंट वेलफेयर के लिए ही सक्रिय रहे हैं। ऐसे में उन्हें स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स की पूरी जानकारी है। इससे पहले भी वह स्टूडेंट्स के  फेवर के मुद्दे उठाते रहे हैं।

जारी हैं रिहर्सल्स

जो लोग पहली बार इलेक्शन से रूबरू हो रहे हैं, वह इसे एक चैलेंज के रूप में ले रहे हैं। सिनेरियो में बने रहने के लिए अर्हता भाषण में शामिल होना चाहते हैं। वह इसके लिए काफी रिहर्सल्स कर रहे हैं। कई कैंडीडेट्स अपने मोबाइल पर ही स्पीच की क्लिपिंग बनाकर उसमें कमियां ढूंढकर उसे सुधार रहे हैं। वहीं उनके समर्थक इसके लिए उनकी काफी हेल्प कर रहे हैं। ताकि उनके नेता अपने भाषण में अव्वल रहें।

एक्सपट्र्स लाइनअप कर रहे स्पीच

कैंडीडेट्स अपने टाइट शेड्यूल की वजह से मौके पर होने वाली क्वेरीज के लिए तो तैयार हैं पर अपने मुद्दों को एक्सपट्र्स के जरिए ही लाइनअप करवा रहे हैं। ताकि वह कम समय में अपनी पूरी बात प्रभावपूर्ण शैली में कह सकें। कैंडीडेट्स की मानें तो एक्सपट्र्स मुद्दों को लाइनअप करते रहेंगे तो उसे प्रेजेंट करना बहुत आसान हो जाएगा।

10 मिनट में तय होगा फ्यूचर

आरयू की इलेक्शन ऑफीसर प्रो। नीलिमा गुप्ता ने बताया कि अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों को अपनी अर्हता प्रस्तुत करने के लिए 5-10 मिनट का समय मिलेगा। इस मौके  पर प्रत्याशियों को अपने अब तक के करियर और स्टूडेंट वेलफेयर के लिए किए कामों के बारे में बताना होगा। वहीं उन्हें अपने जीतने के बाद की प्लानिंग भी स्टूडेंट्स के सामने रखनी होगी।

मैं पिछले तीन साल से कैंपस में सक्रिय हूं। स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स को उठाता रहा हूं। ऐसे में अर्हता भाषण मेरे लिए वोटर्स के सामने खुद को प्रेजेंट करने का यह अच्छा मौका है।

-राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, आरयू

मैं अर्हता भाषण क ो अपने लिए एक चुनौती मानता हूं और हर दिन रिहर्सल भी कर रहा हूं। मेरे समर्थक इसके लिए मेरी पूरी हेल्प कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि मैं खुद को ठीक से प्रेजेंट कर पाऊंगा।

-अमरेंद्र यादव, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, आरयू

भाषण के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। हमने अपने पैनल के साथ बैठकर इसके बारे में डिस्कशन भी किया है। मैं काफी समय से कैंपस में एक्टिव हूं इसलिए मैं स्टूडेंट के मुद्दों को समझता हूं।

-प्रमोद चौधरी, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, आरयू

कॉलेज में एक्टिव होने से यह मेरे लिए खुद को प्रेजेंट करने का अच्छा मौका है, यहां मुझे वोटर्स से इंट्रैक्ट करने का मौका मिलेगा। यह मेरे लिए चुनौती है कि मैं उन्हें सैटिसफाई कर पाऊं।

फैसल अनीस, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, बीसीबी

मैं स्पीच रिच करने के लिए एक्सपट्र्स की सलाह जरूर ले रहा हूं, पर इस स्पीच के लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं। मैं इसे खुद को वोटर्स के सामने साबित करने का लकी चांस मानता हूं।

-अरविंद पटेल, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, आरयू

मैं एक पार्टी का कार्यकर्ता हूं। इसलिए सेमिनार में पार्टिसिपेट करने की प्रेक्टिस है। मैं भाषण को इजीली हैंडल कर लूंगा। इसके लिए मैं सीनियर्स से एक्सपट्र्स के तौर पर सलाह जरूर ले रहा हूं।

-संजय पटेल, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, आरयू

 भाषण के लिए तैयार हूं। इसके लिए मैंने अपने सीनियर्स से डिस्कशन भी किया है। पिछले कई साल से स्टूडेंट्स के लिए ही काम कर रहा हूं। ऐसे में मैं उन्हें फेस करने के लिए तैयार हूं।

-जवाहर लाल, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, बीसीबी

पहली बार कैंडीडेट्स को अर्हता भाषण का मौका मिल रहा है, वास्तव में यह गोल्डन चांस है। मैं इसके लिए मुद्दों को लाइनअप कर रहा हूं और मैंने स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स की भी स्टडी की है।

-दीपक राठौर, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, बीसीबी

मुझे पता नहीं है कि कब होगा यह भाषण पर मैं अर्हता भाषण के लिए जाऊंगा। अभी तो मैं इसके लिए रिहर्सल कर रहा हूं। और एक्सटर्स के जरिए इसे रिफाइन करने की कोशिश कर रहा हूं।

-श्रेय राज उर्फ वैभव गंगवार, प्रेसीडेंट कैं डीडेट, बीसीबी