- मंत्री वोट के नाम पब्लिक को कर रहे मिस गाइड

- विकास करने का माद्दा होना चाहिए उम्मीदवार में

- आप भी करें अपने मुद्दे का चुनाव

BAREILLY: नेता जी वोट और चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडे अपना सकते हैं। चाहे बात मिस गाइड कर या फिर प्रलोभन देकर वोट हासिल करने की हो। वादे भी ऐसे करते हैं, जो न तो जमीनी स्तर लागू हो पाता है और न ही उसे पूरा किया जा सकता है। मतलब यह कि हमारे आज के नेता जी वादों का ख्याली पुलाव पकाते हैं। सोच बदलकर ही हम कंट्री और सोसाइटी की तस्वीर और तकदीर बदल सकते हैं। पुरानी सोच को तिलांजली देनी होगी। नई सोच के आधार पर विकास की रफ्तार तय करनी होगी। खैर मुद्दे तो बहुत हैं, लेकिन हमें कुछ सीमित मसले पर ही अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। कुछ ऐसे ही मुद्दों का चर्चा करते हुए एडवोकेट राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने अपनी बात पैनल डिस्कशन में रखी। उन्होंने कहा कि भारत के बाद आजाद हुए देशों ने विकास की इबादत लिखी है। हम में भी वो मद्दा है, लेकिन समाज के कर्णधार ही देश को दीमक की तरह चाट रहे हैं। देश को अंदर ही अंदर खोखले कर रहे हैं।

प्रलोभन नहीं सोच समझ कर दे वोट

इलेक्शन के दौरान हर पार्टी का नेता डेवलपमेंट की बात करता है। वोट पाने के लिए प्रलोभन भी देता है, लेकिन यहां सवाल उठता है कि क्या हम प्रलोभन में आकर सरकार चुनेंगे या फिर ऐसे उम्मीदवार को सामने लाएंगे जो समाज में आने वाली हर चुनौतियों का डट कर मुकाबले करे। आई नेक्स्ट कैंपेन ' हैं तैयार हम' के दौरान राकेश मोहन सक्सेना ने पूरे जोश में अपनी बातों को प्रजेंट किया। इवेंट के दौरान मौजूद शमशेर खान का कहना था कि महिलाओं की सुरक्षा जरूरी है। पूरे देश में जंगल राज हो गया है। जिधर देखो उधर महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए एडमिनिस्ट्रेशन को अलर्ट रहना होगा। पैनल में मौजूद राम निवास ने भी शमशेर खान की बातों पर सहमति जताई। रामनिवास ने कहा कि आज महिलाएं अपने घर में ही सुरक्षित नहीं हैं। समाज में महिलाओं के प्रति जो अवधारणाएं हैं उसे बदलना होगा।

तुष्टिकरण से विकास संभव नहीं

गवर्नमेंट से लोगों की क्या अपेक्षाएं हैं इस बात पर उनका कहना था कि गवर्नमेंट तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है, जिसके चलते डिफरेंट प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ रहा है। गवर्नमेंट को अपनी नीति बदलनी होगी। गवर्नमेंट को सभी वर्ग को साथ लेकर चलना होगा। तभी बदलाव की संभावना बनेगी। समाज में कई तबके के लोग है हर तबके की अपनी कुछ न कुछ अपेक्षाएं है। गवर्नमेंट प्लानिंग तो करती है, लेकिन उसे धरातल पर लाने से चूक जाती है।

आप भी शेयर करें दिल की बात

लोकसभा इलेक्शन को लेकर आप भी अपने मुद्दे का चुनाव आई नेक्स्ट के कैंपेन में कर सकते हैं। क्या हैं आपके चुनावी मुद्दे या फिर आपको अपने उम्मीदवार से क्या अपेक्षाएं हैं। इन सभी पहलुओं पर आई नेक्स्ट खुलकर बोलने का मौका देगा और आपके मुद्दों और आपकी आवाज को देश की ताकत बनाएगा। फिनिक्स मॉल में चल रहे ' हैं तैयार हम' कैंपेन में शामिल हो कर आप अपने मुद्दे का चुनाव बैलेट स्लिप के माध्यम से कर सकते हैं, तो देर किस बात की फिनिक्स मॉल में आपका स्वागत है।

Ballot byte

लॉ एन ऑर्डर का पालन किसी भी फील्ड या डिपार्टमेंट में नहीं हो रहा है। मौसम की ही तरह गवर्नमेंट आती है और चली जाती है, लेकिन समाज में जिस बदलाव ही जरूरत है वह नहीं हो पाती है। क्या हम सिर्फ इसलिए किसी गवर्नमेंट का चुनते हैं कि वो हम पर हुकूमत करे। राजनेताओं द्वारा खेला जा रहा सियासी खेल बंद होना चाहिए। हर नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। सदन में हंगामा करते हैं। सदन की मर्यादा तार-तार होते रहती है, लेकिन गवर्नमेंट कुछ नहीं करती है। मंत्री विकास के नाम पर सत्ता के लिए लड़ते है। हर मंत्री चाहे वो पक्ष का हो या विपक्ष का उसे देश के लिए लड़ना चाहिए, न कि स्वार्थ निहित के लिए। कहते हैं हम बदलेंगे युग बदलेगा, लेकिन ये राजनेता खुद में कोई बदलाव नहीं लाना चाहते हैं। प्रजेंट टाइम की स्थिति देखकर हमें एक ऐसे उम्मीदवार को सामने लाना होगा, जो एजुकेटेड, जिसकी इमेज और जो लोगों की फीलिंग व जरूरतों को अच्छी तरह से समझ सके। नहीं तो हम फिर वही गलती करेंगे जो आजादी के समय से करते आ रहे हैं।

विनय कुमार श्रीवास्तव, एडवोकेट