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BAREILLY: बरेली लोकसभा सीट पर चालीस का चालीसा खूब चलता है। बात चाहे विजयी कैंडीडेट के वोट शेयर की हो या फिर हार और जीत के आंकड़े की, सब पर चालीस का ही जोर दिखता है। आंकड़े गवाही देते हैं कि इस सीट से अपना परचम लहराने वाला नेता कभी एकतरफा चुनाव नहीं जीत सका है। चुनावी मैदान में जमे धुरंधर भी आंकड़ों की इस बाजीगरी को बखूबी जानते हैं, इसीलिए चालीस को लेकर उनकी चौकसी सबसे अधिक है।
फ्0 से ब्0 हजार के बीच फासला
बरेली लोकसभा सीट पर कुछ एक अपवाद को छोड़ दिया जाए तो किसी भी कैंडीडेट ने अब तक कोई करिश्माई जीत हासिल नहीं की है। यहां जीत-हार के बीच का डिफ्रेंस महज फ्0 से ब्0 हजार वोटों के बीच ही सिमट कर रह जाता है। पिछले म् बार के आम चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो जीत का एवरेज इन्हीं आंकड़ों के इर्द-गिर्द है। इसकी भी एक खास वजह है। दरअसल, इस लोकसभा सीट पर मुसलिम और कुर्मी दो बिरादरियों की संख्या सबसे ज्यादा है। दोनों 70 फीसदी वोटर्स हैं, साथ ही दोनों की भागीदारी भी करीब-करीब एक समान है। इसलिए कैंडीडेट्स का ध्यान इनको रिझाने में अधिक ही होता है। ऐसे में कैंडीडेट्स के बीच इन वोटों का बिखरना तय है। बता दें, फिलहाल बरेली लोकसभा सीट में क्म्,0ब्,07ब् वोटर्स हैं।
पिछले इलेक्शन में बेहद नजदीकी मुकाबला
वर्ष ख्009 के इलेक्शन पर गौर करें तो हार-जीत का डिफ्रेंस सबसे नजदीकी रहा। कांग्रेस कैंडीडेट प्रवीण सिंह ऐरन ने 9,फ्फ्8 ज्यादा वोट बटोर कर म् बार से लगातार जीत रहे भाजपा के संतोष गंगवार को हराकर सभी को चौंका दिया। ख्00ब् के इलेक्शन में संतोष गंगवार ने भ्9,म्ब्ब् वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने बसपा के अकबर अहमद डंपी को हराया था। मैदान में क्भ् कैंडीडेट थे। क्999 के इलेक्शन में 9 कैंडीडेट्स थे। संतोष गंगवार ने सपा के मास्टर छोटे लाल गंगवार को क्,फ्ब्,700 वोट के बड़े अंतर से मात दी थी। क्998 में संतोष ने फ्ख्,ब्ब्0 वोटों से जीता हासिल की। उन्होंने सपा के इस्लाम साबिर को हराया, जबकि क्ख् कैंडीडेट मैदान में थे। क्99म् में फ्म् कैंडीडेट्स मैदान में थे। संतोष गंगवार ने फ्9,09ख् के वाटों के अंतर से सपा के इस्लाम साबिर को मात दी। क्99क् के इलेक्शन में ख्भ् कैंडीडेट्स के बीच संतोष गंगवार ने कांग्रेस के अकबर अहमद को फ्7,7ब्म् वोटों से हराया।
विनिंग परसेंटेज भी ब्0
हार जीत का डिफ्रेंस तो फ्0 से ब्0 हजार के वोटों पर निर्भर तो है ही साथ ही विनिंग कैंडीडेट का भविष्य भी टोटल वोट पोल्ड के ब्0 परसेंट के वोट शेयर पर निर्भर है। पिछले म् लोकसभा इलेक्शन के आंकड़े की बात करें तो जिसने पोलिंग के ब्0 परसेंट वोट को अपने पाले में कर लिया उसकी तो जीत पक्कि। ऐसे में चुनावी पंडितों की मानें तो इस लोकसभा सीट पर कोई भी बड़ी जीत की कामना नहीं करता है। वह महज इसी जुगाड़ में रहता है कि किसी भी तरह टोटल वोट पोल्ड का ब्0 परसेंट अपने खाते में सेव कर ले।