बरेली (ब्यूरो)। जिले में बाढ़ से बिगड़े हालात सुधरने लगे हैं। रामगंगा नदी में पानी का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है। संडे को जलस्तर 161.2 मीटर रिकार्ड किया गया। हालांकि पानी का बहाव तेज होने से रामगंगा से पांच किलोमीटर दायरे के गांव जलमग्न हो चुके हैं। गोटिया मोहर सिंह, भगवानपुर रुकमपुर तटबंध और बदायूं सिंचाई परियोजना में निर्मित दायां एफ्लक्स बंध खतरे से बाहर हो गया है।
स्थिति में हो रहा सुधार
कालागढ़ डैम से छोड़े गए पानी के अलावा हरेवली बैराज, पीली डैम, खो बैराज, फीका बैराज, ढेला बैराज, लालपुर बीयर, कैमरी बीयर, भाखड़ा नदी, किच्छा नदी, किला नदी आदि नदियों का पानी रामगंगा में मिलता है। इससे रामगंगा का पानी लगातार बढ़ रहा था। फ्राईडे को जलस्तर 161.7 मीटर था जो सैटरडे को बढ़कर 162.2 मीटर पहुंचा। हालांकि स्थिति में सुधार हो रहा है और संडे को पानी 161.2 मीटर रह गया। बाढ़खंड की ओर से नोडल अधिकारी एसडीओ अमित किशोर ने बताया कि रामगंबा नदी बरेली की तहसील मीरगंज, आंवला, सदर और फरीदपुर में करीब 75 किलोमीटर में एरिया में बहती है। मीरगंज और फरीदपुर में स्थिति गंभीर है। वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया है। अलर्ट जारी करके उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। सिंचाई विभाग द्वारा लगातार 24 घंटे निगरानी की जा रही है। जलस्तर बढऩे से तराई क्षेत्र की फसल पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं।
बांकरगंज में उतराने लगा पानी
बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश की आफत टलना शुरू हो गई है। बारिश से ओवरफ्लो हुए उत्तराखंड के डैम से पानी का बहाव कम हो रहा है। इससे रामगंगा के बाद उसकी सहायक नदियों में भी पानी उतरना शुरू हो गया है। किला नदी का उफान भी थमने लगा है। इससे बांकरगंज में पब्लिक अपने घरों को लौटने लगी है। करीब 30 गांवों को जोडऩे वाला राघव ढोलियापुर पुल पर पानी कम हो रहा है। हालांकि लोग अब भी रस्सी के सहारे पुल को पार कर रहे हैं। इससे पुल पर फिसलन बन गई हैं। ऐसे में प्रशासन ने वहां जूट की मोटी रस्सी लगवा दी है। ऐहतियात के लिए अब भी बैरिकेडिंग लगी हुई है। सुरक्षा के मद्देनजर वहां गोताखोर और वोट तनात हैं।
जर्जर है बांकरगंज पुलिया
बांकरगंज में ग्रामीणों की सुरक्षा साथ उसकी निगरानी के लिए लेखपाल जय प्रकाश को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि बाकरगंज पुलिया जर्जर होने से इसका पुनर्निमाण कराया जा रहा है। ऐसे में यहां अस्थाई रास्ता बनाया गया है जो अभी भी पानी में डूबा हुआ है। लोगों को यहां से निकलने पर रोका जा रहा है। जरुरी काम का हवाल़ा देते हुए पब्लिक का निकलना लगातार जारी है। अस्थाई रास्ते पर फिसलन होने के चलते मोटी रस्सी बंधवा दी गई है। अब फसलों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है।
घरों में भरा है पानी
बांकरगंज में मेहंदी मियां की मजार, जामिया नूरिया रजविया मदरसा, हुसैन बाग, नई बस्ती और ईदगाह की दीवार पानी हट रहा है। लेकिन अब भी कई घरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। प्रशासन लगातार लोगों ेकी मदद कर रहा है। बता दें कि किला नदी के मुहाने पर बांकरगंज बसा हुआ है। ऐसे में किला नदी में उफान आने से पानी बैक होकर बांकरगंज में घुस गया। निचला इलाके होने से वहां बड़ी आवादी बाढ़ के पानी से प्रभावित हुई।
- फ्राईडे को जलस्तर 161.7 मीटर
- सैटरडे को जलस्तर बढ़कर 162.2 मीटर
- संडे को जलस्तर 161.2 मीटर