-डीएम नितीश कुमार और सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने मंझा गांव में पौधे लगाकर किया प्रोजेक्ट का इनॉग्रेशन

50-हेक्टेयर में फैला विलेज फॉरेस्ट नया पर्यटन क्षेत्र बनेगा

150- हेक्टेयर है क्षेत्रफल

2.10-लाख पौधे लगाए जाएंगे

10- हेक्टेयर में मियावाकी वन भी होंग

18-किलोमीटर दूर है बरेली से क्यारा ब्लॉक

110- हेक्टेयर भूमि पर आम, करौंदा, अमरूद, आंवला, जामून, बेर, शमी लगाए जाएंगे

बरेली : झील, नहर, वन्य जीव, घने जंगल के बीच वा¨कग रैंप ऐसा ही दृश्य मुख्यालय से 18 किमी दूर क्यारा ब्लॉक में जल्द तैयार होगा। यहां सूबे का सबसे बड़ा विलेज फॉरेस्ट विकसित हो रहा है। रामगंगा नदी के किनारे करीब 150 हेक्टेयर में फैला विलेज फॉरेस्ट बरेली का नए पर्यटन क्षेत्र होगा। औषधीय, फलदार पेड़ों के साथ जापानी मियावाकी तकनीक के इस्तेमाल से यहां घना जंगल तैयार किया जा रहा है। फ्राइडे को डीएम नितीश कुमार और सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण के इस प्रोजेक्ट की शुरूआत की।

तकनीक से होगा घना जंगल

कुछ महीने पहले क्यारा में तत्कालीन एसडीएम ईशान प्रताप सिंह ने दबंगों के कब्जे से 183 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया था। लैंड स्कै¨पग (समतलीकरण) कराने के बाद करीब 150 हेक्टेयर भूमि तैयार की गई है। भूमि सरंक्षण अधिकारी, वन विभाग, मत्स्य विभाग, ¨सचाई विभागों की टीमों ने सर्वे पूरा किया है। मई, जून महीने में पौधरोपण कराया जाएगा।

टहलने के लिए सुकून की जगह

वन विभाग 110 हेक्टेयर भूमि पर आम, करौंदा, अमरूद, आंवला, जामून, बेर, शमी आदी पौधे लगाएगा। बुखारा मोड़ से शाहजहांपुर जाने वाली मुख्य सड़क से एक ¨लक रोड विलेज फॉरेस्ट तक निर्मित की जाएगी। सड़क के दोनों तरफ अशोक, पाम, कचनार के पौधे लगाए जाएंगे, लाइ¨टग भी होगी। मियावाकी वन 10 हेक्टेयर में होगा। जापानी तकनीक से एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। पगडंडी होगी, ताकि लोग वन क्षेत्र के बीच टहलते हुए सुकून महसूस कर सकें। यहां 2.10 लाख पौधे लगाए जाने हैं।

बच्चों के लिए होगा तितली पार्क

बरेली में वन क्षेत्र नहीं है। इसलिए यहां जैव विविधता के लिए तितली पार्क होगा। वन्य प्राणियों के बाड़े होंगे। मत्स्य विभाग को झील तैयार करके मछलियों की कई प्रजातियों को लोगों के लिए व्यवस्थित करने के लिए निर्देशित किया गया। यहां कोई बाउंड्रीवॉल नहीं होगी, बल्कि पूरे वन क्षेत्र के चारों तरफ खाई बनाई जाएगी।

नवाचार समझ सकेंगे किसान

कृषि डेमोस्ट्रेशन फार्म, हॉर्टिकल्चर फार्म बनाए जाएंगे। यहां किसान खेती और बागवानी की नई तकनीक को समझ सकेंगे। नवाचार से किसान वाकिफ होगा। डीएम नितीश कुमार के मुताबिक इस वन क्षेत्र के जरिए मनरेगा से मंझा गांव के पांच किमी में आने वालों को रोजगार मुहैया हो सकेगा। इस वन क्षेत्र को विकसित करने के लिए शासन से आर्थिक मदद नहीं ली गई है। विभिन्न विभागों की मदों का इस्तेमाल किया गया है।

वन क्षेत्र का नक्शा तैयार

क्यारा के मुंतजा उर्फ मंझा गांव में सांसद आंवला धर्मेन्द्र कश्यप, डीएम नीतीश कुमार, सीडीओ चंद्र मोहन ने पौधारोपण किया। वन विभाग के अधिकारियों ने वन क्षेत्र के नक्शे के जरिए प्लान समझाया। डीएम ने कहा कि नया साल, नया संकल्प के तहत आयोजन हो रहा है। वन क्षेत्र विकसित होने से आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। यहां सड़क का भी निर्माण किया जाएगा।