फरवरी से चिह्नीकरण

वेंडिंग पॉलिसी के लिए निगम की ओर से एक हफ्ते पहले कंसल्टेंट का सेलेक्शन किया जा चुका है। लखनऊ की एक एजेंसी युग एसोसिएट्स को कंसल्टेंट एजेंट के तौर पर वेंडिंग पॉलिसी की रूपरेखा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एजेंसी ही शहर में वेंडिंग जोन और नॉन वेंडिंग जोन का चिह्नीकरण का काम करेगी। शहर में जोन का निर्धारण करने के लिए एजेंसी को जनवरी के अंत में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिसके बाद फरवरी से जोन के चिह्नीकरण का प्रोसीजर शुरू हो जाएगा।

बड़े बाजार रहेंगे बाहर

वेंडिंग और नॉन वेंडिंग जोन का चिह्नीकरण करने के बाद कंसल्टेंट एजेंसी वेंडिंग टाउन कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद कमेटी शहर में वेंडिंग-नॉन वेंडिंग जोन का निर्धारण करेगी। ऑफिशियल्स ने बताया कि वेंडिंग जोन का निर्धारण करते समय शहर के बड़े बाजारों को इससे दूर रखने पर विचार किया जा रहा है, जिससे कि इन बाजारों पर दुकानों और भीड़ का बोझ न बढ़े। वेंडिंग जोन का निर्धारण करते समय इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा कि उससे शहर के ट्रैफिक व्यवस्था अफेक्टेड न हो और न ही उसकी जद में कोई हॉस्पिटल-स्कूल आएं।

टॉउन वेंडिंग कमेटी करेगी मीटिंग

वेंडिंग पॉलिसी लागू कराने और इसकी देखरेख के लिए बनाई गई वेंडिंग टाउन कमेटी फरवरी में अपनी पहली मीटिंग करने जा रही है। नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में अब तक इस कमेटी से करीब 7 मेंबर्स जुड़ चुके हैं। जिसमें डीएम के रिप्रेजेंटेटिव, एसएसपी ट्रैफिक के रिप्रेजेंटेटिव, बीडीए के अधिकारी और एनजीओ के मेंबर्स भी शामिल हैं। कमेटी फरवरी तक वेंडिंग जोन का निर्धारण कर वेंडर्स के लाइसेंस और उनके रजिस्ट्रेशन का काम शुरू करने जा रही है।

Phasewise registration

शहर के वेंडिंग जोन में फेरी, खोखा या दुकान लगाने के लिए वेंडर्स का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इसके लिए आवेदन का फॉर्मेट, प्रोसीजर और लाइसेंस देने में करीब महीने भर से ज्यादा का समय लगना है। शहर में करीब 8-10 हजार वेंडर्स एक्टिव है। ऐसे में वेंडिंग टाउन कमेटी वेंडिंग जोन बनाने व वेंडर्स को लाइसेंस देने का काम फेज वाइस करने वाली है, इससे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के तहत देरी भी न हो और शहर में वेंडिंग पॉलिसी लागू होने से पŽिलक और वेंडर्स दोनों को राहत मिल सके।

वेंडर्स सीखेंगे क्रेडिट प्रोग्राम

वेंडिंग पॉलिसी से हजारों वेंडर्स लाइसेंस्ड कैटेगरी में आने के बाद निगम के टैक्स दायरे में आ जाएंगे। इससे एक ओर जहां निगम की इनकम में बढ़ोतरी होगी, वहीं वेंडर्स भी पुलिस और बाजार के ठेकेदारों की अवैध वसूली से निजात पा सकेंगे। निगम इन वेंडर्स को लाइसेंस देने के साथ ही इन्हें क्रेडिट प्रोग्राम भी सीखाने की तैयारी में है। जिसमें वेंडर्स को हाइजीन का ख्याल रखने, साफ सफाई रखने और कस्टमर्स को बेहतर तरीके से सर्विस देने के बारे में जानकारी दी जाएगी।

'वेंडिंग पॉलिसी के लिए कंसलटेंट का सेलेक्शन हो गया है। जो जनवरी अंत से ही वेंडिंग-नॉन वेंडिंग जोन का चिन्हीकरण शुरू कर देगी। वेंडिंग टाउन कमेटी का गठन हो चुका है। फरवरी में वेंडर्स के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो जाएगा। वहीं मार्च से वेंडिंग जोन में वेंडर्स अपनी दुकानें लगा सकेंगे। '

- उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त