- आरटीओ ने तैयार की लिस्ट नोटिस भेजने का काम जारी

- लखनऊ मुख्यालय से परमीशन मिलते ही नीलामी होगी शुरू

- डीएम करेंगे कमेटी गठित, फिर होगी वाहनों की नीलामी

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: एमवी एक्ट का उल्लंघन करने वाले महीनों से बंद वाहनों के नीलामी के दिन आ गए हैं। नोटिस देने के बाद भी वाहन ओनर्स की अनदेखी उन्हें भारी पड़ने वाली है। इंफोर्समेंट अधिकारियों ने जिन वाहनों को पकड़ा था। लखनऊ मुख्यालय हरी झंडी मिलने के बाद वाहनों की नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी। जिन वाहनों की नीलामी होनी है उनमें से कुछ की लिस्ट भी तैयार कर ली गयी है। अधिकारियों बाकी अन्य वाहन ओनर्स को नोटिस भेज रहे हैं। आरटीओ विभाग के आंकड़ों की बात करें तो हर महीने ऐसे वाहनों की फेहरिश्त बढ़ती ही जा रही है।

बंद हुए हजारों वाहन

आरटीओ विभाग ने इस फाइनेंशियल ईयर में बरेली रीजन में टोटल 9,927 वाहनों को सीज किया था। इनमें से बरेली डिस्ट्रिक्ट में सीज हुए वाहनों की संख्या सबसे अधिक है। बरेली डिस्ट्रिक्ट में 6,141 बदायूं में 1,026 पीलीभीत में 932 और शाहजहांपुर के 1,828 वाहन शामिल हैं। अधिकारियों की मानें तो, बंद हुए अधिकतर वाहनों पर टैक्स ही बकाया है। हालांकि अन्य रूप में भी बकाया है। वहीं ओनर्स से विभाग ने करीब 9 करोड़ रुपए बतौर जुर्माना वसूल भी है। यदि सिर्फ जनवरी महीने की बात करें तो, बरेली डिस्ट्रिक्ट में 643 और पूरे मंडल में 1,108 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इन वाहनों को नोटिस भेजने का काम किया जा रहा है।

नोटिस भेजने का काम जारी

बंद हुए वाहनों की नीलामी की तैयारी में विभाग जुट गया है। अधिकारियों ने नीलाम होने वाले फिलहाल 62 वाहनों की लिस्ट तैयार की है। जबकि बाकी लोगों को बाई पोस्ट अभी नोटिस भेजने का काम किया जा रहा है। यदि, वाहन ओनर्स नोटिस पर कोई रिस्पांस नहीं देते हैं तो, उन वाहनों को भी नीलामी की कैटगरी में शामिल कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि, वाहन ओनर्स को नोटिस के माध्यम से एक महीने का समय दिया जाता है। यदि, निर्धारित समय के अंदर वाहन ओनर्स बकाया धनराशि जमा नहीं करता है तो, वाहन को नीलाम कर दिया जाता है। पिछले साल विभाग ने 42 वाहनों की नीलामी की थी। नीलामी से विभाग को 5 लाख 41 हजार रुपए राजस्व की वसूली हुई थी।

बस मुख्यालय से परमीशन की देर

यादि, नोटिस के बाद वाहन ओनर्स कोई हस्तक्षेप नहीं करता है तो, नोटिस की कापी और वाहन का प्राइस मूल्यांकन कर लखनऊ मुख्यालय भेजा जाएगा। वाहन के प्राइस मूल्यांकन का काम आरआई टेक्निकल ने शुरू भी हो गया है। बस फाइनल लिस्ट मुख्यालय भेजने भर की देरी है। अधिकारियों का कहना है कि, वाहन बंद होने के 45 दिन बाद वाहन के नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

कमेटी गठित कर होगी नीलामी

वाहनों की नीलामी के लिए डीएम कमेटी गठित करेंगे। कमेटी में एडमिनिस्ट्रेशन के साथ आरटीओ विभाग के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। नीलामी में वाहन ओनर्स भी हिस्सा ले सकते हैं। वाहन ओनर्स पर जितना टैक्स बकाया है उतना और नीलामी पर खर्च हुआ पैसा काट कर बाकी नीलामी में मिले एक्स्ट्रा पैसों को वाहन ओनर्स को सौंप दिया जाएगा।

जिन वाहनों पर टैक्स बकाया है सिर्फ उन्हीं वाहनों की नीलामी का नियम है। वाहनों की लिस्ट तैयार कर वाहन ओनर्स को नोटिस भेजी जा रही है।

आरआर सोनी, आरटीओ

थानों में भी कबाड़ वाहनों की भरमार

सिटी के थानों में भी सैकड़ों वाहन कबाड़ के रूप में पड़े हैं। कई लावारिस हैं तो कई का डिस्पोजल पेंडिंग केस के चलते नहीं हो पा रहा है। एवरेज सिटी के सभी थानों में सौ से अधिक वाहन हैं जिनमें से 20 परसेंट लावारिस की कैटेगरी में हैं। लावारिस वाहनों की नीलामी की लंबी प्रोसेस के चलते भी वाहन थाना में ही सड़ते रह जाते हैं। कई थानों से वाहनों का सामान ही चोरी हो जाता है।

कानूनी प्रोसेस के चलते प्राब्लम

सिटी के थानों की बात करें तो कोतवाली, सुभाषनगर, प्रेमनगर, कैंट व अन्य थानों में कबाड़ वाहनों की काफी संख्या हैं। कोतवाली थाना में करीब पौने दो सौ वाहन हैं जिनमें से 25 लावारिस हैं। यहां कुछ दिन पहले ही 18 वाहनों की नीलामी भी की गई थी। इसी तरह किला में 50 वाहन हैं जिनमें से 14 लावारिस हैं। किला में 2011 के बाद से नीलामी नहीं की गई है। सभी थानों में एवरेज लगाया जाए तो करीब 1 हजार के आसपास वाहन खड़े हुए हैं लेकिन कानूनी प्रोसेस के चलते इन्हें बाहर नहीं निकाला जा सकता है।

नीलामी की यह है प्रोसेस

थानों लावारिस वाहनों को 6 महीने बाद ही नीलाम किया जा सकता है। इन वाहनों की नीलामी के लिए डीएम को लेटर लिखा जाता है। कितने वाहनों की नीलामी करनी है इसके लिए आरटीओ आफिस फाइल भेजी जाती है। आरआई थाना में पहुंचकर वाहनों की कीमत तय करते हैं। कीमत तय होने के बाद डीएम के पास फाइल जाती है। जिसके बाद डीएम सीओ, एआरटीओ, और मजिस्ट्रेट की कमेटी गठित करते हैं। इसके बाद नीलामी की डेट फाइनल की जाती है। जिसका विज्ञापन भी दिया जाता है। जिसके बाद नीलामी की प्रोसेस पूरी होती है।