- हादसों को दावत दे हो रहा फ्यूल टैंक में गैस रिफिलिंग

- डेली एक ट्रक गैस की जा रही रिफिलिंग का काम

<- हादसों को दावत दे हो रहा फ्यूल टैंक में गैस रिफिलिंग

- डेली एक ट्रक गैस की जा रही रिफिलिंग का काम

BAREILLY:

BAREILLY:

वाहनों में घरेलू गैस की रिफिलिंग का शहर में बड़ा खेल चल रहा है। पब्लिक सब्सिडी वाले घरेलू गैस के एक-एक सिलेंडर के लिए परेशान है और शहर में रोजाना सैकड़ों सिलेंडर घरेलू गैस का यूज वाहनों में ईधन के रूप में किया जा रहा है। गैस रिफिलिंग का यह अवैध कारोबार शहर में खुलेआम चल फल-फूल रहा है, जो कि सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद खतरनाक है। बावजूद इसके लगाम लगाने वाले अधिकारी भी खामोश हैं।

दर्जनों मोहल्लों में हो रही रिफिलिंग

शहर के कई एरिया ऐसा है, जहां पर फ्यूल टैंक में रिफिलिंग का काम चल रहा है। संजय नगर, चौपुला फल मंडी के पास सहित रामपुर गार्डन स्थित बिजली विभाग का कैंपस उनमें से एक है। रामपुर गार्डन में इस तरह के सबसे अधिक काम किए जाते हैं। क्योंकि, बगल में ही कार मार्केट है। जो शहर का सबसे बड़ा मार्केट भी है। रामपुर गार्डन में रोजाना तीन-चार वाहनों के फ्यूल टैंक में सिलेंडर से रिफिलिंग करते हुए देखा जा सकता है। यही नहीं शहर के गली-मुहल्लों में भी रिफिलिंग का काम तेजी से पैर पसार रहा है। शहर में हो रही रिफलिंग की सूचना मिलने पर आई नेक्स्ट ने ऐसे लोगों को फॉलो करना शुरू किया तो, सच्चाई काफी चौंकाने वाली रही। रामपुर गार्डन में नेत्रधाम आई हॉस्पिटल के वैन में गैस की रिफिलिंग की जा रही थी। हॉस्पिटल के वाहनों में ही नहीं स्कूल वाहनों और प्राइवेट एलपीजी वाहनों में भी रिफिलिंग किया जा रहा है।

क्00 से अधिक लोग हैं शामिल

इस काम में एक दो लोग नहीं बल्कि, क्00 से अधिक लोग शामिल है। करीब दो दर्जन लोग सिर्फ कार मार्केट में ही जड़ें जमाए हुए हैं। पूरे शहर में प्रति दिन करीब एक ट्रक गैस सिलेंडर की रिफिलिंग एलपीजी वाहनों में की जा रही है। यानि फ्0म् गैस सिलेंडर को इल्लीगल तरीके से वाहनों में इस्तेमाल किया जा रहा है। वाहन ओनर्स खुद रिफिलिंग के लिए सिलेंडर साथ लाते हैं। मार्केट में रिफिलिंग की दुकाने सजाए बैठे शातिर लोग प्रति रिफिलिंग का वाहन ओनर्स से भ्0 रुपए वसूल करते हैं। बैटरी से चलने वाले पंप से मात्र क्0 मिनट में ही एक सिलेंडर की फ्यूल टैंक में रिफिलिंग हो जाती है।

रिफिलिंग से कही कम पंप पर सप्लाई

शहर में रिफिलिंग से कही कम एलपीजी पंप पर गैस की सप्लाई प्रतिदिन की है। शहर में डेलापीर और नैनीताल रोड करमपुर चौधरी दो एलपीजी पंप है। लेकिन, इन दोनों पंपों को मिलाकर एवरेज ख्,000 केजी गैस की खपत रोजाना है। लेकिन, रिफिलिंग के माध्यम से एलपीजी गैस की खपत दोगुना से भी अधिक है। फ्0म् सिलेंडर डेली रिफिलिंग में यूज

होने का मतलब ब्,ख्8ब् केजी एलपीजी गैस का वाहनों के फ्यूल टैंक में इल्लीगल तरीके से भरे जा रहे है।

पैसे बचाने के लिए रिफिलिंग का सहारा

इस काम के लिए वाहन ओनर्स भी कम जिम्मेदार नहीं है। चंद पैसे बचाने के चक्कर में वे ऐसा कर रहे है। क्योंकि, एलपीजी पंप पर प्रति केजी गैस की कीमत फ्8.ख्8 रूपए है। इस हिसाब से क्ब् केजी का प्राइस हुआ करीब भ्फ्म् रुपए। वहीं दूसरी घरेलू गैस सिलेंडर पर मात्र ब्फ्भ्.भ्0 रुपए खर्च आता है। ऐसे में क्00 रुपए बचाने के लिए अपने साथ वाहन ओनर्स दूसरों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

हो सकता है हादसा

अनधिकृत तौर पर गैस की रिफिलिंग करने से खतरे का अंदाजा वाहन ओनर्स को नहीं है। शायद, शहर में रिफिलिंग के वक्त हुई दुर्घटना से सबक नहीं लिये हैं। एक साल पहले कोहाड़ापीर में रिफिलिंग करते समय एक हादसा हुआ था। हालांकि, हादसे के वक्त किसी की मौत नहीं हुई थी। लेकिन, रिफलिंग करने वाले लोग झुलस गए थे। रिफलिंग में सबसे अधिक समस्या फ्यूल टैंक में कार्बन जमने के साथ ही वाहनों का फिल्टर चोक होने की है। इसकी वजह से नोजल और सेफ्टी वॉल्व में भी दिक्कत आती है। जिसकी चलते गैस ओवर होने पर वॉल्व गैस की सप्लाई को कट नहीं कर पाता। इंजन और टैंक पर प्रेशर पड़ने पर फ्यूल टैंक के फटने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। जबकि, एलपीजी पंप पर इस तरह की समस्या नहीं आती है। गैस फिल्टर की व्यवस्था होने से टैंक में कार्बन की समस्या नहीं होती है। फ्यूल टैंक में 8भ् परसेंट ही गैस भरनी चाहिए। गैस का परसेंटेज इससे ज्यादा होने पर दिक्कत होती है।

जबकि इन्हें गैस मिलना हुआ मुश्किल

रिफिलिंग करने वालों को जहां आसानी से सब्सिडी वाला सिलेंडर मिल जा रहा है। वहीं आमजन को एलपीजी कंज्यूमर को दर-दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है। कभी आधार से लिंक करने के नाम पर तो कभी केवाईसी भरने के नाम पर कंज्यूमर्स को इधर-उधर दौड़ाने का काम किया जाता है। आलम यह है कि, बुकिंग के बाद भी महीनों गैस की डिलिवरी नहीं होती है। मजबूरन नॉन सब्सिडी सिलेंडर लेना पड़ता है। जबकि, रिफलिंग करने वालों को गैस एजेंसियां आसानी से गैस प्रोवाइड करा रही है।

कार्रवाई का प्रावधान

शहर के जिम्मेदारों ने रिफिलिंग रोकने के नाम पर लापरवाही का चादर ओढ़ लिया है। डीएसओ, एडमिनिस्ट्रेशन या फिर आरटीओ विभाग। किसी भी अधिकारी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। जबकि, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत बकायदा कार्रवाई का प्रावधान है। रूल्स के अकॉर्डिग रिफिलिंग करते वक्त पकड़े जाने पर सिलेंडर जब्त करने के साथ ही दोषी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान है।

यदि, कोई रिफिलिंग कर रहा है तो, यह गलत है। रिफिलिंग करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। समय-समय पर अभियान चलाकर रिफिलिंग करने वालों पर कार्रवाई भी हुई है।

केएल तिवारी, डीएसओ

रिफिलिंग पर रोक लगाने के उद्देश्य से कई बार एलपीजी कंपनियों और अधिकारियों को लिखा गया है। रिफिलिंग होने से वाहन के इंजन और फ्यूल टैंक पर असर पड़ता है।

ऋषि गोयल, ओनर, एलपीजी पंप