- तीन पुलिसकर्मियों से चोरी की बाइक के मामले में जुड़ने के बाद अधिकारियों ने लिया एक्शन

- थाने में खड़े वाहनों के साथ ही नीलामी का भी रखा जाएगा लेखा जोखा, नहीं इस्तेमाल कर सकेंगे गाड़ी

बरेली। अधिकतर पुलिस कार्रवाई में सीज होने के बाद भी बाइकें व अन्य गाडि़यां सड़कों पर फर्राटा भरती नजर आती हैं। कभी अपराधी तो कभी खुद पुलिसकर्मी ही इन गाडि़यों के साथ नजर आते हैं। पिछले कुछ ही दिनों में इज्जतनगर, सीबीगंज, पुलिस लाइन में तैनात पुलिसकर्मी भी चोरी की गाडि़यों के साथ पकड़े गए हैं। इन मामलों से विभाग की खिल्ली उड़ने के बाद अधिकारियों ने इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की। अब इन गाडि़यों के इस्तेमाल को रोकने के लिए अधिकारियों ने थाने में खड़े वाहनों का लेखाजोखा रखने के साथ ही इनकी निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।

कबाड़ी से होती है सेटिंग

थाने में खड़े वाहन अधिकारियों व आरटीओ के आदेश के बाद नीलाम कर दिए जाते हैं। अलग-अलग मामलों से संबंधित वाहनों के निस्तारण की अवधि भी अलग होती है। ऐसे में पुलिसकर्मी तो थाने में खड़े वाहनों के बेखौफ इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन अपराधी इनके लिए कबाडि़यों से सेटिंग करते हैं। थाने से नीलामी होने के बाद कानूनी तौर पर गाडि़यों को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लेकिन अपराधी इनकी मरम्मत कराकर इन्हें इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ समय में हुई कई घटनाओं में ऐसी बाइकें व अन्य वाहन पकड़े भी जा चुके हैं। इसे लेकर अब पुलिस अधिकारी सख्त हो गए हैं।

गाडि़यों का रखेंगे रिकॉर्ड

लगातार सामने आ रहे मामलों के चलते एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को थाने में खड़े वाहनों के साथ ही उनके निस्तारण का भी पक्का रिकॉर्ड रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों के आदेश के बाद जिन वाहनों का निस्तारण नीलामी व अन्य माध्यमों से किया जाएगा उसकी भी कड़ी समीक्षा होगी। साथ ही जिन कबाडि़यों को गाडि़यां नीलाम की जाएं, उनकी भी पूरी जानकारी रखने के अधिकारियों ने निर्देश दिए। ऐसा न होने पर एसएसपी ने सख्त कार्रवाई किए जाने के भी निर्देश दिए।

यह हुए थे मामला।

चोरी की बाइक दे दी लुटेरे को

प्रेमनगर क्षेत्र से पिछले साल चोरी हुई एक बाइक इज्जतनगर क्षेत्र में लावारिस पाई जाने के बाद पुलिस ने उसे थाने में दाखिल कर लिया था। लेकिन फिर एक एसआई में बाइक अपने एक मुखबिर को दे दी। जोकि बाइक के साथ लूट करता हुआ पकड़ा गया था। मामला तूल पकड़ने के बाद एसएसपी ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में दोषी पाए जाने पर एसआई को लाइन हाजिर कर दिया गया था।

चोरी की बाइक चला रहा था सिपाही

सीबीगंज थाने से करीब तीन साल पहले चोरी हुई एक बाइक को कुछ ही महीने बाद इज्जतनगर पुलिस ने लावारिस पाकर दाखिल कर लिया था। कोई दावेदार ना पहुंचने पर उसे नीलाम भी कर दिया। लेकिन फिर सीबीगंज थाने में ही तैनात एक सिपाही ने उसे कबाड़ी से खरीद लिया और चलाने लगा। अब मार्च में जब वह बाइक का रजिस्ट्रेशन कराने आरटीओ पहुंचा तो चोरी की बाइक का मामला सामने आया।

नंबर कार का, सिपाही चला रहा बाइक

कुछ दिन पहले एसएसपी कार्यालय में एक संदिग्ध बाइक खड़ी मिली थी। जानकारी करने पर सामने आया था कि जो नंबर बाइक पर पड़ा है, वह दरअसल फर्रुखाबाद की एक कार का है। जांच में सामने आया कि बाइक पुलिस लाइन में तैनात एक सिपाही चला रहा था। मामला साफ होने के बाद एसएसपी के आदेश सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। हालांकि अभी सिपाही पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।

चोरी की बाइक से दरोगा कर रहा तस्करी

तीन दिन पहले इज्जतनगर क्षेत्र में अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। मौके से पुलिस को एक बुलेट बाइक भी मिली थी जोकि दिल्ली की निकली। वहीं पकड़े गए तस्कर ने पूछताछ में बताया कि बाइक पुलिस लाइन में तैनात दरोगा चलाता था। वह तस्करी कर लाई जा रही शराब से लदी गाडि़यों का स्कॉर्ट करके लाता था। इज्जतनगर पुलिस ने दरोगा व तस्कर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। अब दरोगा की तलाश की जा रही है।