बरेली (ब्यूरो) : सब्जी के बढ़ते दामोंं से आम लोगों को परेशानी हो रही है। क्योंकि इस वजह से घर के किचिन का बजट बिगड़ गया है। ऐसे में घर के बजट को मेनटेन करना मुश्किल हो रहा है। महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। ज्यादातर किचिन के सभी सामान मंहगे हो गए हैं। ऐसे में सब्जी का मंहगा होना समस्या का कारण बन गया है।
फलों से ज्यादा मंहगी हरी सब्जी
कुछ समय पहले लोगों को फल खरीदना मुश्किल होता था। लेकिन अब इसका उल्ट हो गया है। लेागों को फलों से भी ज्यादा मंहगी सब्जी लगने लगी है। अब फल खरीदना आसान है। तो रोजमर्रा की सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में हरी सब्जी तो फलों से भी मंहगी लगने लगी है। लोग फल तो कम खाते हैं, लेकिन हरी सब्जी के बिना थाली पूरी नहीं मानी जा सकती।
कम खरीद रहे हरी सब्जी
सब्जी पर एक साथ दाम बढऩे की वजह से लोगों ने कुछ सब्जी खरीदना कम कर दिया है। क्योंकि पत्ते वाली सब्जी का लोगों में क्रेज कम हो गया है। लोग जरूरत की सब्जी खरीदना पसंद कर रहे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा आलू है। क्योंकि आलू कितना भी मंहगा क्यों न हो फिर भी और सब्जी के तुलना लोग ज्यादा खरीदते हैं। बाकी सब्जियां लोग खरीद रहे हैं, लेकिन पहले की तुलना में काफी कम है।
व्यापार में हो रहा घाटा
सब्जियों के दाम बढऩे की वजह से व्यापार भी बहुत मद्दा चल रहा है। फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि महंगाई के चलते अब सब्जी बेचना भी मुश्किल हो रहा है। मोटी लागत लगाकर मंडी से सब्जी लाते हैं, लेकिन रेट बढ़े होने के चलते लोग कम सब्जी ही खरीद रहे हैं, जिससे सब्जियां खराब हो रही हैं और घाटा उठाना पड़ रहा है, जिससे सभी व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सब्जी के रेट प्रति किलो
तोरी-60
लौकी-50
शिमला मिर्च-40
खीरा-30
बीन्स-60
बैंगन-30
फूलगोभी-60
मटर-80
टमाटर-60
मटर-80
भिंडी-40
आलू-25
प्याज-60
नींबू-100
पालक-80
मेथी-120
धनिया-140
फ्रूट रेट
सेब-50
संतरा-70
मौसमी-50
पपीता-90
चीकू-75
अनार-80
केला-40
खजूर-100
अंगूर-80
बारिश के बाद से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। त्योहार में फिर भी थोड़ा व्यापार ठीक चला। लेकिन अगर वर्तमान देखें तो पहले सेे ज्यादा परेशानी है। सब्जी तो लाते हैं। लेकिन न बिकने की वजह से खराब हो जाती है। उसका घाटा होता है।
हरिकिशन
व्यापारी