- जिले के तीनों निजी मेडिकल कॉलेज समेत आठ सेंटर्स पर किया जा रहा ड्राई रन
- बिना निडिल की सिरिंज करना था ट्रायल, निडिल लगाकर किया, मिली फटकार
बरेली : जिला महिला अस्पताल में रूम नंबर एक में वेरिफायर ने हेल्थ स्टाफ को रूम में बुलाया, इसके बाद राजकुमारी से उनका आईडी कार्ड लिया, आईडी कार्ड में जो नाम था उसका मिलान डिपार्टमेंट की लिस्ट से किया, फिर राजकुमारी को रूम नंबर दो में जाने के लिए कहा गया, यहां पर वैक्सीनेशन कार्ड को फिल करके उन्हें वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद उनकी दायीं बाजू में वैक्सीन लगाई गई, हम आपको कोई कहानी नही सुना रहे बल्कि ट्यूजडे को मौका था कोविड वैक्सीन को लेकर चल रहे ड्राई रन का। ड्राई रन का शुभारंभ सुबह करीब आठ बजे सीएमओ डॉ। सुधीर गर्ग ने किया। हरी झंडी दिखाकर टीमों को जिले में निर्धारित सेंटर्स के लिए रवाना किया। इस मौके पर महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ। अलका शर्मा, एसीएमओ डॉ। आरएन गिरी, एसीएमओ डॉ। रंजन गौतम समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
इन सेंटर्स पर हुआ ड्राई रन
जिले के महिला अस्पताल, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, तीनों निजी मेडिकल कॉलेज और शहर के एक निजी हॉस्पिटल में ट्यूजडे को ड्राई रन का आयोजन किया गया, इस दौरान किस प्रकार पहले चरण के करीब 27 हजार हेल्थ कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी इसको लेकर मॉक ड्रिल किया गया।
दायीं बाजू में लगानी थी
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पर आई डमी वैक्सीन को वीडियोग्राफी के बीच उतारा गया। इसके पूर्व कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियां मंडे की रात में ही पूरी कर ली गई थी। बावजूद इसके यहां बड़ी अनियमितता सामने आई, ड्राई रन के दौरान जब हेल्थ स्टाफ को वैक्सीन लगाई तो वैक्सीनेटर ने इसको दायीं बाजू की जगह बायीं बाजू में लगा दिया, लेकिन जब अधिकारियों की नजर पड़ी तो उन्होने ऐसा दोबारा न करने के निर्देश दिए।
निडिल के साथ ही हो गया ट्रायल
ट्रेनिंग के दौरान वेरिफायर, वैक्सीनेटर समेत अन्य स्टाफ को निर्देश दिए गए थे कि ड्राई रन के दौरान डमी इंजेक्शन का प्रयोग करते समय सिरिंज में निडिल का प्रयोग नहीं करना है लेकिन आयुर्वेदिक कॉलेज में स्टाफ ने इस निर्देश पर भी अमल नहीं किया, लापरवाही के चलते ड्राई रन का शुभारंभ होते ही वैक्सीनेटर, सिरिंज में निडिल लगाकर ट्रायल करता नजर आया।
सभी सेंटर्स पर ड्राई रन सफल रहा है, जो भी छोटी चूक हुई हैं इसके लिए संबंधित को कड़ी चेतावनी दी गई है, अब वैक्सीन आने का इंतजार है।
डॉ। एसके गर्ग, सीएमओ