- 2504 फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगाई गई को-वैक्सीन
- अभी तक कोवि-शील्ड वैक्सीन से हो रहा था वैक्सीनेशन
बरेली : पहले चरण के वैक्सीनेशन में जहां बरेली को प्रदेश में छठवां स्थान मिला तो हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसर चेहरे पर अलग ही खुशी नजर आ रही थी लेकिन दूसरे चरण के वैक्सीनेशन ने फिर डिपार्टमेंट को निराश किया है। थर्सडे की तुलना में फ्राइडे के वैक्सीनेशन में दो फीसदी की गिरावट हो गई। थर्सडे को जहां 62.75 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ था वहीं फ्राइडे को घटकर 60.82 फीसदी ही रहे गया।
इतना था टारगेट, इतना हुआ अचीव
जिले में दूसरे चरण के वैक्सीनेशन के लिए 24 सेंटर्स बनाए गए हैं। फ्राइडे को 34 सेशन में वैक्सीनेशन हुआ। डिपार्टमेंट की ओर से 4117 फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीनेट करने का टारगेट निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष 2504 वर्कर्स को ही टीका लगाया गया।
मिशन हॉस्पिटल में 33.20 वैक्सीनेशन
मिशन हॉस्पिटल में दो सेशन आयोजित किए गए, यहां 250 फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीनेट करने का टारगेट था, जिसमें महज 83 वर्कर्स को वैक्सीनेट किया गया। इसी प्रकार सीएचसी बहेड़ी में भी 255 वर्कर्स के सापेक्ष महज 105 वर्कर्स को ही टीका लग सका जिस कारण वैक्सीनेशन का ग्राफ प्रभावित हो रहा है।
तो क्या हेल्थ डिपार्टमेंट को नहीं है को-वैक्सीन पर भरोसा
फ्राइडे को हुए वैक्सीनेशन में भारत बॉयोटेक कंपनी की नई को-वैक्सीन से वैक्सीनेशन किया गया। लेकिन इसके लगाने से पहले वर्कर्स से सहमति पत्र भरवाए गए। जबकि पिछले वैक्सीनेशन में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर ऐसा क्यों कराया गया। इस पर हेल्थ अफसरों का कहना है कि ये भारत बॉयोटेक कंपनी की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के अनुपालन में कराया जा रहा है।
एक वायल में बीस डोज
कोबि-शील्ड और को-वैक्सीन में कुछ अंतर भी है। कोबि-शील्ड वैक्सीन की 5 एमएल की एक वायल में जहां दस डोज थी वहीं को-वैक्सीन की 10 एमएल की एक वायल में बीस डोज हैं। हाल ही में हेल्थ डिपार्टमेंट को को-वैक्सीन की 10,660 वायल भेजी गई हैं।
इसलिए भी घट रहा ग्राफ
हेल्थ अफसरों के अनुसार फ्रंट लाइन वर्कर्स को जो डाटा पुलिस प्रशासन की ओर से मुहैया कराया गया, इसमें अधिकांश वर्कर्स के मोबाइल नंबर गलत दिए गए हैं वहीं कई पुलिस कर्मियों का गैर जनपद ट्रांसफर हो गया है ऐसे में जो टारगेट निर्धारित किया था वह प्रभावित हो रहा है।
फ्रंट लाइन वर्कर्स का रूझान वैक्सीनेशन की ओर कम है, कई वर्कर्स के नंबर गलत दिए गए हैं। वैक्सीनेशन का ग्राफ सुधरे इसके लिए पुलिस प्रशासन से सहयोग की मांग की गई है।
डॉ। एसके गर्ग, सीएमओ