-जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत
-हजरत शाह मौलाना शराफत मियां के उर्स में जुटने लगे अकीदतमंद
>
BAREILLY: हजरत शाह मौलाना शराफत मियां के ब्7वें उर्स मुबारक का आगाज वेडनसडे को परचम-ए-कुशाई के जुलूस के साथ हुआ। जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। अकीदतमंदो का जगह-जगह फूलों से स्वागत किया गया। इसके बाद जायरीन ने उनकी मजार पर चादरपोशी कर दुआख्वानी और फातिहाख्वानी की।
अकीदमंदो का उमड़ा हुजूम
दरगाह पर अकीदतमंदों का हुजूम सुबह से ही जुटने लगा। उलमा कराम ने परचम-ए-कुशाई की रस्म अदा की। हाफिज गुलाम गौस सकलैनी ने कुरान की तिलावत इसकी शुरुआत की। ककराला के मुफ्ती फहीम सकलैनी अजहरी ने उर्स में परचम-ए-कुशाई की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि मैदाने हश्र में हर कोई अपने पीरो मुर्शिद के झंडे के नीचे अपनी पहचान के साथ खड़ा होगा। जोहर नमाज बाद साहिब-ए- सज्जादा हजरत शाह मुहम्मद सकलैन मियां ने परचम उठाकर अल्हाज गाजी मियां को सौपा।
अमन चैन की हुई दुआख्वानी
जुलूस गाजी मियां, मुमताज मियां और मुन्तखब मियां की कयादत में ब्राह्मपुरा, कच्ची मस्जिद, दीवान खाना चौक, भूड़ कब्रिस्तान, कोहाड़ापीर, कुतुबखाना और गली मनिहारन से लौट कर दरगाह वापस पहुंचा। यहां परचम-ए-कुशाई की रस्म अदा की गई। जुलूस का जगह-जगह फूलों से स्वागत हुआ। इसकी खुशबू से सड़कें भी महकने लगीं। जुलूस के समाप्त होने पर उलेमाओं ने देश में अमन और कौम की तरक्की को दुआएं की।