- नए सेशन से लागू होगा एकेडमिक मॉनीटरिंग सिस्टम

- टीचर्स की एक्टिविटीज को भी यूपीटीयू मॉनीटर करेगा

BAREILLY: अभी तक कॉलेजेज को महज एफिलिएशन देकर और एडमिशन के लिए कॉउसलिंग कराकर अपना फर्ज पूरा करने वाला उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) नए सेशन से एफिलिएटेड सभी कॉलेजेज की सभी एकेडमिक एक्टिविटीज पर हॉक आई की नजर रहेगी। चाहे वह स्टूडेंट्स और टीचर्स की अटेंडेंस हो या क्लासरूम एक्टिविटीज या फिर स्टूडेंट्स व पैरेंट्स की किसी भी प्रकार की कंप्लेन। यह सब कुछ होगा यूपीटीयू की एकेडमिक मॉनीटरिंग सिस्टम (एएमएसस) से। इस सिस्टम के जरिए यूपीटीयू अपने करीब 800 से ज्यादा इंस्टीट्यूट्स से ऑनलाइन माध्यम से सीधे लिंक होने जा रहा है। यूपीटीयू के वीसी प्रो। आरके खांडल ने इस संबंध में सभी इंस्टीट्यूट्स को लेटर भी जारी कर दिया है। 1 अगस्त से नया सेशन स्टार्ट होगा। इससे पहले ही उन्होंने इंस्टीट्यूट्स को मॉनीटरिंग सिस्टम के लिए व्यापक अरेंजमेंट करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

क्या है एकेडमिक मॉनीटरिंग सिस्टम?

अब तक एफिलिएशन, स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस, टीचर्स का ब्यौरा समेत अन्य एकेडमिक कार्य मैनुअली निपटाए जो रहे हैं, लेकिन अब यूपीटीयू इसे पूरी तरह से ऑनलाइन करने जा रहा है, जिसके तहत यूपीटीयू और इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी), लखनऊ के प्रोफेसर्स व अधिकारियों की टीम कैंपस के सभी एक्टिविटीज को ऑनलाइन मॉनीटर करेगी। हर इंस्टीट्यूट में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी। साथ ही कॉलेज लॉगइन आईडी के अलावा इंस्टीट्यूट्स मैनेजमेंट के हर लेवल पर और टीचर्स को यूजर आईडी व पासवर्ड जेनरेट किए जाएंगे, जिसके माध्यम से हर एक्टिविटी की रिपोर्ट ऑनलाइन एएमएस के द्वारा मॉनीटर की जाएगी। यूपीटीयू की टीम रिपोर्ट को स्टडी कर फीडबैक भी देगी।

हर स्टूडेंट का रहेगा रिकॉर्ड

एएमएस के माध्यम से यूपीटीयू इंस्टीट्यूट्स हर स्टूडेंट का रिकॉर्ड रखेगा, जो भी स्टूडेंट एडमिशन लेंगे उनका रजिस्ट्रेशन प्रोसेस बायोमेट्रिक मशीन और सीसीटीवी कैमरे के द्वारा होगा। यूपीटीयू ने सभी स्टूडेंट्स का बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन कंपलसरी कर दिया है। इसके साथ ही मशीन के द्वारा स्टूडेंट्स की डेली अटेंडेंस रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। जिसका रिकॉर्ड यूपीटीयू को भेजा जाएगा। ये सभी रिकॉर्ड इंस्टीट्यूट की वेबसाइट और यूपीटीयू की वेबसाइट पर कॉलेज लॉगिन के माध्यम से उपलब्ध रहेंगे।

अटेंडेंस और परफॉरमेंस की भी मॉनीटरिंग

इस नई व्यवस्था से टीचर्स की एक्टिविटीज को भी यूपीटीयू मॉनीटर करेगा। बायोमैट्रिक मशीन के द्वारा टीचर्स के भी अटेंडेंस का डेली रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। यही नहीं उनका पूरा बायोडाटा और पढ़ाने वाले सब्जेक्ट का ब्यौरा भी ऑनलाइन तलब किया जाएगा। यहां पर भी यह पूरी प्रक्रिया तीसरी आंख की निगरानी में ही रहेगी। टीचर्स की परफॉर्मेस पर भी बारीकी से नजर रखी जाएगी। क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। टीचर्स कैसे पढ़ाते हैं, स्टूडेंट्स के सवालों का कैसे रिस्पोंस देते हैं उन सभी का रिकॉर्ड तैयार होगा और यूपीटीयू को भेजा जाएगा। इस व्यवस्था से यह उम्मीद की जा रही है कि इंस्टीट्यूट्स की क्लासरूम की एकेडमिक एक्सिलेंस में और इंप्रूवमेंट आएगा।

प्रॉब्लम्स भी सुनी जाएंगी

एएमएस की व्यवस्था लागू होने से प्रॉब्लम्स पर क्विक एक्शन भी लिया जाएगा। चाहे वह इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट लेवल की हो, या फिर टीचर्स, स्टूडेंट्स या उनके पैरेंट्स की। हर वर्ग की प्रॉब्लम्स को ऑनलाइन मॉनीटर कर उनका निराकरण किया जाएगा। जिसकी भी कंप्लेन होगी एएमएस के द्वारा उस कंप्लेन का वैरीफिकेशन कोड कंप्लेन करने वाले को ईमेल कर दिया जाएगा। जिसके माध्यम से वह अपने कंप्लेन की स्टेटस रिपोर्ट जान सकेगा। कंप्लेन को लेकर यूनिवर्सिटी की टीम का जो भी रिस्पोंस होगा वह कंप्लेन करने वाले और इंस्टीट्यूट के मैनेजमेंट के ई मेल पर भेज दिया जाएगा।

एकेडमिक मॉनीटरिंग सिस्टम से हम अपने सभी एफिलिएटेड इंस्टीट्यूट्स से हर वक्त लिंक रह सकते हैं। इंस्टीट्यूट्स की परफॉर्मेस को सुधारने में यह काफी हेल्पफुल होगी। सबकुछ पारदर्शी, अथेंटिक और रिकॉर्डेड रहेगा। फर्जीवाड़े की गुंजाइश भी कम है।

- प्रो। डीएस यादव, प्रोवीसी, यूपीटीयू, लखनऊ

इस नई व्यवस्था से इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटी के बीच का कम्यूनिकेशन गैप काफी हद तक खत्म हो जाएगा। मैनेजमेंट, टीचर्स और स्टूडेंट्स लेवल की जो भी प्रॉब्लम्स होंगी वह तुरंत पता चलेंगी और उनपर क्विक रिस्पोंस भी होगा।

- प्रो। बीएन मिश्रा, कार्यकारी डायरेक्टर, आईईटी, लखनऊ