- यूपीटीयू के लगातार पेपर लीक से साख पर उठे सवाल

- यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा अफवाह भी फैली तो भी चेंज कर देंगे क्वेश्चन पेपर

BAREILLY: लगातार तीन बार एग्जाम पेपर लीक होने से उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी की साख पर सवाल खड़े होने लगे हैं। एग्जाम की पूरी व्यवस्था पर अब यूपीटीयू भी भरोसा नहीं कर पा रही है। फिलहाल शुरुआती जांच में यूपीटीयू पेपर लीक की वजहों के नजदीक पहुंच चुकी है और आरोपी जल्द उसकी गिरफ्त में होंगे। कुछ टीचर्स के नाम सामने आ रहे हैं। ये टीचर्स लखनऊ के ही इंस्टीट्यूट्स के हैं। उनके यहां पर क्वेश्चन पेपर्स के बंडल गायब पाए गए हैं। यूनिवर्सिटी पेपर लीक के खुलासे के नजदीक पहुंच गई है। इसको लेकर यूनिवर्सिटी ने जांच कमेटी भी बना दी है। उधर यूनिवर्सिटी ने एग्जाम व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए जरा सी अफवाह मात्र पर ही क्वेश्चन पेपर का दूसरा सेट भेजने को कहा है।

व्हॉट्सएप पर लीक हो रहे हैं पेपर

यूपीटीयू के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब लगातार एक के बाद एक एग्जाम पेपर लीक हो रहे हैं। पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन इस बात से मुकरता रहा। उसे महज अफवाह करार दे रहा था। लेकिन जब यूनिवर्सिटी प्रशासन के मेल पर ही एग्जाम से पहले क्वेश्चन पेपर पहुंच गया तो जाकर उसे सच मानना पड़ा। सभी क्वेश्चन पेपर व्हॉट्सएप के जरिए स्टूडेंट्स के मोबाइल पर पहुंच रहे हैं। गत शुक्रवार को इंजीनियरिंग का फिजिक्स का पेपर लीक हुआ था। यूनिवर्सिटी ने इसे कोरी अफवाह करार दिया साथ ही यह हिदायत भी दी कि इन अफवाहों के झांसे में न आएं। इसके बाद रविवार को प्रोफेशनल कम्यूनिकेशन और सोमवार को मैन्यूफैक्चरिंग का पेपर लीक हुआ। एक के बाद एक पेपर लीक होने से यूपीटीयू में हड़कंप मच गया। यूपीटीयू प्रशासन को यह मानना ही पड़ा कि क्वेश्चन पेपर लीक हो रहे हैं। हालांकि यूपीटीयू ने यह सफाई भी दी कि एग्जाम के दौरान क्वेश्चन पेपर के सेट चेंज कर दिए गए थे।

बनी जांच कमेटी

पेपर लीक के मसले को लेकर यूनिवर्सिटी ने अपने स्तर से कार्रवाई तेज कर दी है। इसके लिए वीसी प्रो। डॉ। ओंकार सिंह तीन मेंबर्स की कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी के चेयरमैन आईटी और लखनऊ के डायरेक्टर प्रो। एएस विद्यार्थी, आजमगढ़ स्थित एमकेईसीआईटी के डायरेक्टर प्रो। डीके सिंह व बिजनोर स्थित डीबीआरएसीआईटी के डायरेक्टर प्रो। अभय वर्मा बतौर मेंबर्स हैं। कमेटी ने अपनी जांच भी शुरू कर दी है। यूपीटीयू के एग्जामिनेशन कंट्रोलर प्रो। बीएन मिश्रा ने बताया कि कमेटी को तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। शुरूआती जांच में लखनऊ के एक इंस्टीट्यूट के तीन टीचर्स के नाम सामने आ रहे हैं। उस इंस्टीट्यूट में पांच में एक क्वेश्चन पेपर का बंडल गायब पाया गया है।

तुरंत चेंज होगा क्वेश्चन पेपर

बार-बार क्वेश्चन पेपर लीक होने की खबर से स्टूडेंट्स में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं एग्जाम के दिनों में इन घटनाओं से स्टूडेंट्स के दिमाग पर ज्यादा असर पड़ने लगा है। स्टूडेंट्स परेशान हो उठे हैं। यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन कंट्रोलर प्रो। बीएन मिश्रा ने बताया कि कुछ भी एग्जाम की शुचिता को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। जहां से भी पेपर लीक होने की सूचना मिलेगी वहां पर यूनिवर्सिटी द्वारा तुरंत नया पेपर सेट उपलब्ध करा दिया जाएगा। इंस्टीट्यूट के मेल पर क्वेश्चन पेपर भेज दिया जाएगा। ताकि स्टूडेंट्स को यह महसूस न हो कि उन्होंने उस क्वेश्चन पेपर से एग्जाम दिया है जो लीक हुआ था।