बरेली (ब्यूरो)। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में नवजात की उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और केबिन में घुसकर डाक्टर से मारपीट पर उतारू हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें केबिन से बाहर निकालकर मामला संभाला। परिजनों का आरोप था कि डाक्टर ने बच्चे के मौत की जानकारी नहीं दी और रुपए की डिमांड की।

बीडीए कॉलोनी करगैना निवासी आदित्य सक्सेना की पत्नी इशिता को प्रसव पीड़ा होने पर 10 जून को चौपुला स्थित अंकुर हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। जहां पर इशिता ने बेटे को जन्म दिया। अस्पताल के डॉ। अवधेश ने बच्चे की हालत खराब बताते हुए प्रेमनगर थाना क्षेत्र के धर्मकांटा चौहारा के पास स्थित डॉ। अमित अग्रवाल चाइल्ड केयर सेंटर एंड जनरल हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। जहां पर डाक्टरों ने बच्चे को मशीन में रख दिया। बच्चे के पिता आदित्य सक्सेना का आरोप है कि रविवार की रात दस बजे वह हॉस्पिटल में ऊपर जाकर सो गए। देर रात किसी समय बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। लेकिन डाक्टर ने उन्हें जानकारी नहीं दी। सुबह छह बजे वह नीचे आए और डाक्टर से मिले तो भी डाक्टर ने बच्चे की मौत की जानकारी नहीं दी। जिसके बाद वह फ्रेश होने के लिए घर चले गए।

वेंटीलेटर फीस मांगी तो हुई जानकारी
आदित्य सक्सेना ने बताया कि सुबह 11 बजे जब वह दोबारा से हॉस्पिटल पहुंचे तो रिसेप्शन पर उनके साढ़े दस हजार रुपए वेंटीलेटर फीस और छह हजार रुपए बच्चे को मशीन में रखने की फीस की डिमांड की। उन्हें बताया गया कि रात ढाई बजे बच्चे की तबियत ज्यादा बिगडऩे पर वेंटीलेटर पर रखा गया था। वार्ड में पहुंचने पर उन्हें अन्य तीमारदारों ने बताया कि रात में ढाई बजे उनके बच्चे की तबियत ज्यादा खराब थी।

डॉक्टर ने कहा, दूसरी जगह ले जाओ
जब वह डॉक्टर के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि रात में बच्चे की तबियत ज्यादा गई थी, आप अपने बच्चे को कहीं दूसरी जगह ले जाओ। उन्होंने बच्चे को देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। डाक्टर से फिर बात की गई तो उन्होंने कहा कि किस अस्पताल में मौत नहीं होती है। यदि बच्चे की मौत हो गई है तो मैं क्या करूं। जिस पर परिजनों को पारा चढ़ गया और जमकर हंगामा किया।

तहरीर दोगे तो कराना पड़ेगा पोस्टमार्टम
बच्चे के पिता आदित्य ने बताया कि वह डाक्टर के खिलाफ पुलिस को तहरीर देने पर पुलिस ने उनसे कहा कि यदि तुम मुकदमा दर्ज कराओगे तो बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराना पड़ेगा। जिस पर उन्होंने डाक्टर के खिलाफ तहरीर नहीं दी।

फैक्ट एंड फिगर
35000 हजार तीन दिन में किया पेमेंट
10500 बच्चे की मौत के बाद वेंटीलेटर के मांगे
6000 हजार बच्चे को मशीन में रखने की मांग

वर्जन
मामला संज्ञान में है। मृतक के परिजनों ने थाने में अभी तक कोई तहरीर नहीं दी है। यदि तहरीर देते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जसवीर सिंह, प्रेमनगर थाना प्रभारी

बच्चे की तबियत बिगडऩे पर वेंटीलेटर लगाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। परिजन उपचार में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। वैसे भी ऐसा कोई हॉस्पिटल नहीं जिसमें मौत नहीं होती है।
डॉ। अमित अग्रवाल, संचालक