यूपी परिवहन निगम की 'इंटेलिजेंट' ड्राइव
पल पल मिलेगी बसों की लोकेशन की जानकारी
- रोडवेज ने शुरू की आईटीएमएस सर्विस
- दुर्घटना होने पर बजेगी अलर्ट की घंटी
यहां आएगा अलर्ट मैसेज
- मुख्यालय
- कंट्रोल रूम
- सभी बस डिपो में
BAREILLY : रोडवेज बसों की एग्जैक्ट लोकेशन क्या है? अब इसकी जानकारी पलक झपकते ही प्राप्त हो जाएगी। क्योंकि परिवहन निगम की सभी बसें 'इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम' (आईटीएमएस) से जुड़ चुकी हैं। इससे जुड़ने के बाद अगर बस दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाती है तो कंट्रोल रूम में अलर्ट की घंटी बजने लगेगी। करोड़ों रुपए के इस प्रोजेक्ट का ऐलान परिवहन निगम ने एक साल पहले की थी, लेकिन अमलीजामा अब पहनाया गया है।
जीपीएस से लैस
रोडवेज की सभी बसों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस किया गया है। इसे कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया है। इससे हर दो सेकेंड पर बस की लोकेशन की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी। अगर बस की स्पीड निर्धारित गति से अधिक है, ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक लगा रहा है, एक्सीडेंट होने या फिर बस एक ही जगह फ्0 मिनट से अधिक समय तक रुकी है तो भी अलर्ट मैसेज कंट्रोल रूम में आ जाएगा। अलर्ट की सूचना कंट्रोल रूम के अलावा डिपो और मुख्यालय तक को मिलेगी।
तब भी मिलेगी इंफॉर्मेशन
ऑफिसर्स ने बताया कि जिन रूट्स या लोकेशन की जानकारी सॉफ्टवेयर में फीड नहीं है। उसके बारे में भी इस सिस्टम के जरिए इंफॉर्मेशन मिलती रहेगी। जैसे- सॉफ्टवेयर में रामपुर फीड है तो बस रामपुर से भ् किमी आगे या पीछे है इसकी जानकारी अलर्ट के जरिए मिलेगी।
मिलेगा फायदा
बसों के बारे में प्रॉपर जानकारी मिलने से रोडवेज के साथ पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। क्योंकि अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था ना होने से सभी को समस्याओं से दो चार होना पड़ता था। एक्सीडेंट होने पर घटनास्थल की जानकारी न होने पर ट्रीटमेंट के अभाव में पैसेंजर्स दम तोड़ देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सटीक सूचना मिलने से ऑफिसर्स स्थानीय पुलिस और हॉस्पिटल की मदद ले सकते हैं। इस सर्विस के बाद बसों के ड्राइवर और अन्य स्टाफ लापरवाही बरतने से परहेज करेंगे।
साल भर पहले शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
परिवहन निगम ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस सर्विस को पूरे सूबे में लागू करने की एक साल पहले की थी। इसकी जिम्मेदारी पुणे की एक प्राइवेट कंपनी को सौंपी गई थी। करीब ख्00 करोड़ का यह प्रोजेक्ट बरेली सहित लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद सहित पूरे स्टेट के लिए था। बसों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाए जाने का काम बहुत पहले ही हो जाना था, लेकिन कुछ प्रॉब्लम्स के चलते बसों को इस सिस्टम से जोड़ने में वक्त लग गया।
बरेली रीजन की सभी बसों में जीपीएस लगाए जा चुके हैं। इससे बसों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। यह सर्विस पूरे स्टेट में शुरू की गई है। लोगों को यह शिकायत रहती थी कि ड्राइवर एक ही जगह बस घंटों रोक देते हैं। पर अब वे ऐसा नहीं कर सकेंगे। घटना की जानकारी भी आसानी से मिल जाएगी।
- नीरज अग्रवाल, एआरएम प्रशासन