- यूपी बोर्ड की कॉपीज में आंसर के साथ लिखे हैं कई फसाने

- कहीं पर नत्थी कर दिए हैं नोट

- सामूहिक नकल की आशंका जोरों पर

BAREILLY:

केस : क् - यही है समाज सारे स्कूल में। जोर-शोर से नकल हो रही है। इस स्कूल में नकल करना तो दूर, सर हिलाना, इधर-उधर देखना भी मना है। ऐसा क्यों हो रहा है। सारे स्कूलों में टीचर स्वयं नकल करा रहे हैं। ये तो सरासर नाइंसाफी है। सबके लिए बराबर नियम होना चाहिए। इससे अच्छी बसपा की सरकार थी। लैपटॉप बंटवाने से, क्08 एंबुलेंस की सुविधा देने से दुबारा सरकार नहीं चलने वाली है।

केस : ख् - गुरुजी मैं बहुत गरीब परिवार से हूं। मेरे पापा भाई-बहनों का पेट भी कड़ी मशक्कत से पालते हैं। गरीबी की वजह से मेरी बड़ी बहन की पढ़ाई बीच में छुड़ा दी गई, इसलिए कृपा करके मुझे जरूर पास कर दीजिएगा। अगर मैं पास नहीं हुई तो परिवार वाले आगे की पढ़ाई बंद करा देंगे और मेरी शादी में भी अड़चन पैदा हो जाएगी।

केस : फ् - गुरुजी मेरी मां की डेथ हो गई, इसलिए मैं ठीक तरीके से पढ़ नहीं पाई। परीक्षा में प्रश्न समझ में नहीं आ रहे हैं, इसलिए आप मेरा ध्यान रखना। अगर मैं पास हो जाऊंगी तो आपको बहुत दुआएं मिलेंगी। आप के बच्चे खूब तरक्की करेंगे और वे आपका नाम रोशन करेंगे।

ये बातें किसी स्टोरी के पा‌र्ट्स नहीं हैं। दरअसल यह यूपी बोर्ड की कॉपीज में स्टूडेंट्स द्वारा लिखी गई बातों के कुछ पा‌र्ट्स हैं। कॉपीज की चेकिंग के दौरान आंसरशीट में स्टूडेंट्स द्वारा लिखी गई ऐसी ही इंट्रेस्टिंग बातों का खुलासा हो रहा है। ये तीन केसेज तो महज बानगी भर हैं। कॉपी चेक कर रहे कई टीचर्स को ऐसी कॉपियां मिली हैं जिनमें स्टूडेंट्स ने कहीं इमोशनल कहानियां तो कहीं सरकार की आलोचना गढ़ कर मा‌र्क्स की दरकार की है। टीचर्स को ललचाने के लिए किसी-किसी कॉपी में तो स्टूडेंट्स ने नोट तक चस्पा कर दिए हैं।

भ् सेंटर्स पर हो रही है कॉपी चेकिंग

सिटी के भ् सेंटर्स पर यूपी बोर्ड की कॉपीज चेक की जा रही हैं। जीआईसी, बिशप, विष्णु, गुलाबराय और इस्लामिया एफआर में चेक होने के लिए कुल 9,म्7,808 कॉपीज आई हैं। जिनके लिए क्,म्भ्क् टीचर्स की ड्यूटी लगाई गई है। वाराणसी मंडल की अधिकांश कॉपियां चेक होने के लिए आई हैं। जीसीआई, इस्लामिया और बिशप में इंटरमीडिएट की कॉपीज तो विष्णु और गुलाबराय में हाई स्कूल की कॉपीज चेक की जा रही हैं।

कहीं कहानी लिखी तो कहीं नत्थी कर दिए रुपए

कॉपीज चेकिंग के दौरान स्टूडेंट्स टीचर्स को अजीब सिचुएशन से दो चार होना पड़ रहा है। आंसर्स के बीच स्टूडेंट्स की रची गई कहानियां भी उन्हें पढ़नी पड़ रही है। किसी कॉपी में स्टेट गवर्नमेंट की पॉलिसीज की खिल्ली उड़ाई गई तो किसी कॉपी में स्टूडेंट ने अपनी गरीबी का हवाला देकर पास करने की गुहार लगाई है। यही नहीं टीचर्स को कॉपी के पन्नों के बीच नत्थी किए गए रुपए भी मिल रहे हैं। एक मूल्यांकन सेंटर पर नागरिक शास्त्र की कॉपी में भ्0-भ्0 रुपए के नोट नत्थी किए हुए मिले हैं। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स किसी ना किसी बहाने से उनका माइंड डायवर्ट कर अच्छे मा‌र्क्स देने के लिए गुजारिश कर रहे हैं।

सर जी पास कर दीजिए, बहन करती है दूसरे घरों में काम

पास होने के लिए स्टूडेंट्स ने कॉपियों में कई तरह के इमोशनल कहानियां बयां कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश इंटरमीडिएट के समाज शास्त्र, नागरिक शास्त्र, हिंदी, इंगलिश और अर्थशास्त्र के स्टूडेंट्स हैं। वाराणसी, सुल्तानपुर, सोनभद्र और मिर्जापुर की कॉपियां चेक होने के लिए आई है। इंटरमीडिएट के एक स्टूडेंट ने इंग्लिश की कॉपी में लिखा है, सरजी पास कर दीजिए, मेरी बहन दूसरों की घरों में काम करके मेरा खर्च चलाती है और वही पढ़ा भी रही है। मैं पढ़-लिखकर परिवार और समाज के लिए कुछ करना चाहता हूं। अगर आप पास कर देंगे तो अगली परीक्षा में मैं मन लगाकर पढ़ूंगा और फ‌र्स्ट डिवीजन से पास करूंगा।

बाहर से लिखी गई कॉपियों के खेल का भी भंडाफोड़

कॉपियों के आंसर का मिलान किया जाए तो मास चीटिंग के खेल का भी उजागर हुआ है। एक ही एग्जाम सेंटर की अधिकांश कॉपियों में एक जैसे आंसर लिखे हुए हैं, जबकि वह आंसर गलत हैं। ऐसे में टीचर्स मान रहे हैं कि उस सेंटर पर सामूहिक नकल कराई गई होगी। वहीं आगरा मंडल से आई कुछ कॉपियां इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि वहां के सेंटर्स पर बाहर से लिखकर कॉपियों को जमा कराया गया है। किसी-किसी सेंटर की अधिकांश कॉपियों में एक ही सीरियल से क्वेश्चन के आंसर लिखे हुए हैं। इसके साथ ही कॉपियों में हैंडराइटिंग भी एक जैसी ही है। इससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि पहले से कुछ क्वेश्चंस लीक हो गए हों और कॉपियां लिखवाकर जमा करा दी गई हों।