- यूपी बोर्ड एग्जाम्स के पहले ही दिन गायब रहे ज्यादातर इनविजिलेटर्स

- बिना इनविजिलेटर्स के एग्जाम रूम में नहीं रही कोई सख्ती

- महज 20 परसेंट इनविजिलेटर्स ने ही ड्यूटी की ज्वॉइन

BAREILLY: नकल विहिन एग्जाम कंडक्ट कराने के एजूकेशन डिपार्टमेंट के दावे की यूपी बोर्ड एग्जाम के पहले दिन ही हवा निकल गई। सभी सेंटर्स पर बिना इनविजिलेटर्स के ही एग्जाम कंडक्ट कराया गया। वह भी तब जब हाईस्कूल और इंटर दोनों क्लासेस के स्टूडेंट्स का मेन एग्जाम था। आलम ये था कि एक-एक इनविजिलेटर के जिम्मे में 3 से ज्यादा एग्जाम रूम की ड्यूटी थी। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि एग्जाम के दौरान स्टूडेंट्स की कितनी मॉनीटरिंग हुई होगी। गायब रहे इनविजिलेटर्स स्टूडेंट्स को साइलेंट नकल का ककहरा सिखा गए। जब सिटी में स्कूल्स की यह कंडीशन थी तो दूर-दराज के इलाकों के स्कूल्स की कंडीशन बेहतर तरीके से समझी जा सकती है।

Invigilators का होता है अहम रोल

किसी भी एग्जाम को एरर फ्री निपटाने में एग्जाम रूम में तैनात इनविजिलेटर्स की अहम भूमिका होती है। वे स्टूडेंट्स को मॉनीटर करते हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर रोकते हैं। बोर्ड रूल्स के अनुसार हर एग्जाम रूम में 2 दो इनविजिलेटर होने चाहिए। यदि एक एग्जाम रूम में स्टूडेंट्स की संख्या 40 से ज्यादा है तो 3 इनविजिलेटर्स होने चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए डीआईओएस केपी सिंह ने 6,500 से ज्यादा इनविजिलेटर्स की ड्यूटी लगाई। इसमें बेसिक के करीब 2,825 टीचर्स लगे थे। लेकिन इनमें से अधिकांश इनविजिलेटर्स एग्जाम के दिन भी ड्यूटी करने नहीं आए। एक अनुमान के मुताबिक करीब 80 परसेंट से ज्यादा टीचर्स ड्यूटी से गायब रहे।

DM के आदेश की परवाह नहीं

एग्जाम के दौरान टीचर्स की ड्यूटी कंपलसरी होती है। बोर्ड एग्जाम से पहले डीएम की अध्यक्षता में सभी एग्जाम सेंटर्स इंचार्ज की हुई मीटिंग में खुद डीएम अभिषेक प्रकाश और डीआईओएस केपी सिंह ने नियुक्त इनविजिलेटर्स को एग्जाम से पहले ही सेंटर पर ड्यृटी ज्वॉइन करने का आदेश दिया था। ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सैलरी काटने के भी निर्देश दिए गए। लेकिन इनविजिलेटर्स ने इन आदेशों की परवाह नहीं की। ना एग्जाम से पहले ज्वॉइनिंग दिखाई और ना ही एग्जाम के दिन वे ड्यूटी करने आए।

Staff के भरोसे रहे school

एग्जाम सेंटर्स पर आधे इनविजिलेटर्स वहीं के और आधे दूसरे स्कूल के लगाए गए थे। लेकिन बाहरी इनविजिलेटर्स अब्सेंट रहने की वजह से स्कूल को अपने ही स्टाफ के भरोसे एग्जाम निपटाना पड़ा। कई स्कूल्स में सभी स्टाफ लगाने के बाद भी एक-एक इनविजिलेटर के ऊपर फ् से ज्यादा एग्जाम रूम का बोझ आन पड़ा। खलील हायर सेकेंडरी स्कूल में सुबह क्0 क्लासरूम में हाईस्कूल के ख्भ्8 और शाम को 7 क्लासरूम में इंटर के ख्म्ख् स्टूडेंट्स का एग्जाम था। यहां पर भ् बाहरी इनविजिलेटर की ड्यूटी लगाई गई थी, जो पहले से काफी कम पड़ रहे थे। सेंटर इंचार्ज ने क्0 और इनविजिलेटर की डिमांड भेजी है। स्त्री सुधार इंटर कॉलेज के क्फ् क्लासरूम में हाईस्कूल के क्70 और इंटर के ख्फ्क् स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड थे। यहां पर बाहर से फ्0 इनविजिलेटर्स की ड्यूटी थी। इसमें से मात्र क्ख् ही आए। बिशप मंडल इंटर कॉलेज के क्ख् क्लासरूम में हाईस्कूल के ब्भ्ख् स्टूडेंट्स एग्जाम के लिए रजिस्टर्ड थे। यहां पर ब्0 बाहरी इनविजिलेटर्स की ड्यूटी थी। लेकिन केवल 7 इनविजिलेटर ही ड्यूटी करने पहुंचे। यहां के ख्क् लोगों स्टाफ में से क्8 को तो दूसरे स्कूल में तैनात कर दिया गया। महज क्0 इनविजिलेटर के सहारे ब्भ्ख् स्टूडेंट्स का एग्जाम कंडक्ट कराने के हालात नजर आए तो सेंटर इंचार्ज ने अपने स्टाफ में से महज फ् को ही रिलीव किया। आरएन इंटर कॉलेज में एग्जाम के लिए क्,क्07 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं। इनमें से सुबह क्9 क्लासेस में म्भ्क् स्टूडेंट़्स बैठे। यहां पर भारी संख्या को देखते हुए म्फ् बाहरी इनविजिलेटर्स की ड्यूटी लगाई गई। लेकिन इनमें से महज क्ख् ने ही ड्यूटी ज्वॉइन की। एग्जाम कंडक्ट कराने में इनविजिलेटर्स को काफी मशक्कत करना पड़ा। रामभरोसे ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में हाईस्कूल की फ्7क् और इंटर की भ्ख्क् स्टूडेंट्स का एग्जाम था। क्म् क्लासरूम में एग्जाम कंडक्ट कराया गया। यहां पर भ्0 बाहरी इनविजिलेटर्स की ड्यूटी लगाई गई लेकिन क्0 ही ड्यूटी करने पहुंचे। इनविजिलेटर्स का यह गैरजिम्मेदाराना रवैया साफ जता रहा है कि क्लासरूम में अंदर एग्जाम के दौरान सीन क्या रहा होगा।