जिले के 2500 से अधिक स्कूलों में से सिर्फ 80 स्कूल ही है भूकंपरोधी प्रमाणपत्र प्राप्त
40 साल से भी ज्यादा पुराने स्कूलों को नये मानक के हिसाब से अपग्रेड करने के लिए शासन ने नहीं उठाए कदम
BAREILLY:
नेपाल में आए भूकंप से लगे झटकों के बाद बरेली भी सहमी-सहमी नजर आ रही है, क्योंकि शहर में सैकड़ों की संख्या में भवन खंडहर जैसी स्थिति में हैं, जो जोर का झटका सहने की स्थिति में नहीं हैं। इनमें आवासीय से लेकर, स्कूल व सरकारी भवन भी शामिल हैं। पुलिस लाइंस में जर्जर भवन का छज्जा गिरने की घटना ने अलार्म को बजा दिया है।
तो भरभरा कर ढह जाएंगे स्कूल के भवन
डिस्ट्रिक्ट के ज्यादातर स्कूल भूकंप के झटकों को सहने के काबिल नहीं हैं। हालांकि, एडमिनिस्ट्रेशन ने स्कूलों में छुट्टी कर खतरे से राहत तो पा लिया है, लेकिन चिंता दूर नहीं हुई है, क्योंकि अचानक आई आपदा को सहने की बजाय ये स्कूल भरभरा कर ढह सकते हैं।
हजारों स्टूडेंट्स की जान जोखिम में
भूकंपरोधी तकनीक को लेकर सचेत होने से पहले के तमाम स्कूल बने हुए हैं, जिनमें हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। जो स्कूल नए हैं, उनमें भी ज्यादातर भूकंपरोधी के मानक पूरे नहीं करते हैं। डिस्ट्रिक्ट में ऐसे, मिडिल और प्राइमरी स्कूलों क संख्या तकरीबन दो हजार बताई जा रही है, जिनमें बच्चों की संख्या करीब एक लाख से ऊपर है। आरटीई लागू होने के बाद भूकंपरोधी व फॉयरप्रूफ के नए मानक स्कूलों की बिल्डिंग में जुडे़ हैं। वर्ष ख्0क्ख् से नए स्कूलों को मान्यता देने का कार्य शुरू हुआ। इंटरमीडिएट तक के डिस्ट्रिक्ट में करीब ख्भ्00 स्कूलों है, जिनमें से 80 स्कूल ही पूरा भूकंपरोधी भवन का पैरामीटर करते हैं।
जर्जर ब्8 स्कूलों को नए आशियाने का इंतजार
बेसिक शिक्षा विभाग के शहरी क्षेत्र में ब्8 स्कूल ऐसे हैं, जिन्हे वह जर्जर मानता है। लगभग ढह चुकी अवस्था में चल रहे इन स्कूलों को नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने का सालों से इंतजार है। ये सभी स्कूल किराये की बिल्डिंगों में क्9ब्7 के आसपास से चल रहे हैं। वर्षाें से डीएम के यहां अटकी फाइल को पिछले महीनें शासन फॉरवर्ड किया गया है।
परिषद ने अभी तक पुराने जर्जर भवनों को भूकंपरोधी बनाने के लिए न तो कोई निर्देश भेजे और न ही ऐसा कोई अनुदान ही आया। नई मान्यता हम पीडब्लूडी के भूकंपरोधी एनओसी के आधार पर ही देते हैं।
- विशू गव्र्याल, डिप्टी बीएसए