- परीक्षा समिति की मीटिंग में आरयू ने लिया डिसिजन

- अब तक बाहर के टीचर्स आकर नहीं जाचते थे कॉपियां

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BAREILLY: मेन एग्जाम्स की कॉपियों को जांचने की धीमी चाल को देखते हुए आरयू ने एक बड़ा डिसिजन लिया है। अब आरयू की कॉपियों के मूल्यांकन में दूसरे यूनिवर्सिटीज के टीचर्स भी लगाए जाएंगे। वेडनसडे को ऑर्गनाइज की गई परीक्षा समिति की मीटिंग में यह डिसिजन लिया गया। आरयू के ऊपर रिजल्ट टाइम पर डिक्लेयर करने का भारी प्रेशर है। शासन ने फ्0 जून तक रिजल्ट डिक्लेयर करने का टाइम फिक्स कर रखा है, लेकिन आरयू इस टाइम लिमिट तक महज एक-दो सब्जेक्ट का ही रिजल्ट डिक्लेयर कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देता है। आरयू की हिस्ट्री में यह पहली बार होगा जब बाहर के टीचर्स कैंपस में आकर कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे। मीटिंग में वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन, प्रोवीसी प्रो। वीपी सिंह समेत कई मेंबर्स शामिल रहे।

वीसी डिसाइड करेंगे कॉलेजेज

आरयू में एग्जाम प्रक्रिया काफी लंबी चलती है। करीब तीन महीने से ज्यादा समय तक ईयरली एग्जाम्स कंडक्ट किए जाते हैं। जिसमें करीब तीन लाख स्टूडेंट़्स अपीयर होते हैं। ऐसे में कॉपियों का मूल्यांकन कराना आरयू के लिए एक बड़ा चैलेंज होता है। मूल्यांकन कार्य में गवर्नमेंट और एडेड कॉलेजेज के टीचर्स दिलचस्पी नहीं दिखाते। जिसके चलते मूल्यांकन में हमेशा से ही टीचर्स की कमी खलती रहती है। जितने टीचर्स की जरूरत होती है, उतने टीचर्स नहीं आते। परीक्षा समिति में यह डिसिजन लिया गया कि दूसरे यूनिवर्सिटीज से एफिलिएटेड सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज के टीचर्स को अब मूल्यांकन के लिए कॉल किया जाएगा। किस यूनिवर्सिटी के कॉलेजेज के कितने टीचर्स को बुलाना है इसका डिसिजन वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन लेंगे।

एमए एप्लाइड इंग्लिश में बोनस मा‌र्क्स

वहीं एमए एप्लाइड इंग्लिश के एग्जाम में आउट ऑफ सिलेबस से क्चेश्चंस पूछे गए थे। जिसपर स्टूडेंट्स ने विरोध जताया था। इसके बाद आरयू ने एक्सपर्ट से इसकी जांच कराई। एक्सपर्ट ने जांच में क्वेश्चंस को आउट ऑफ सिलेबस से आने की पुष्टि की और बोनस मा‌र्क्स दिए जाने की पुष्टि की। परीक्षा समिति में 8 मा‌र्क्स बोनस दिए जाने को मंजूरी दे दी गई है।

टीचर्स को मिलेगी आंसर की

मूल्यांकन में टीचर्स को आंसर-की भी दी जाएगी। हालांकि नेक्स्ट सेशन से आंसर-की प्रोवाइड की जाएगी। मूल्यांकन करने वाले टीचर्स की कंप्लेन रहती है कि ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस के सही आंसर उन्हें भी मालूम नहीं होते हैं। ऐसे में उन्हें आंसर की प्रोवाइड किया जाए। मीटिंग में आरयू ने इसकी भी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही कॉपियों को गलत जांचने के आरोप में एक टीचर डॉ। महेंद्र प्रताप को आरयू ने डिबार कर दिया था। टीचर ने एक और मौका दिए जाने की गुहार लगाई थी। आरयू ने इसको मंजूरी देते हुए उसे डिबार करने के अंतराल को कम कर फ् वर्ष कर दिया है।