Payment भी रुका
जननी सुरक्षा योजना का हाल बेहाल है। पिछले चार मंथ से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में होने वाली डिलीवरी के बदले दिया जाने वाला पेमेंट भी प्रभावित हुआ है। स्टेट से फाइनेंस न आने की वजह से ऐसा हो रहा है। जानकारों की माने तो इलेक्शन तक इस योजना के पटरी पर आने के चांसेस कम ही है। इस बार आशाएं भी अधिकारियों के दरवाजों पर दौड़ लगा रही हैं। इलेक्शन के चलते फिलहाल इनकी भी फंडिंग रुकी हुई है।
CHC और PHC बेहाल
सब सेंटर्स पर मेडिकल इक्यूपमेंट सहित उपकरणों की खरीद नहीं हो सकी है। इसकी वजह से कई पैसेंट्स का इलाज तक नहीं हो पा रहा है। अब इलेक्शन के टाइम पर इन खरीद के टेंडर नहीं डाले जा सकते हैं। ऐसे में अधिकारी इलेक्शन खत्म होने का वेट कर रहे हैं। जानकारों की माने तो एनआरएचएम मामले की वजह से सीएचसी और पीएचसी सेंटर्स पर उपकरणों की खरीद नहीं की गई है। इन उपकरणों के नहीं होने से पैसेंट्स के इलाज करने में डॉक्टर्स को खासा परेशान होना पड़ रहा है। पैसेंट्स तो बेहाल है ही।
Medical equipments की खरीद रुकी
पहले एनआरएचएम जांच के कारण दवाओं की स्टेट गवर्नमेंट से सप्लाई और उपकरणों की खरीद प्रभावित रही। अब जब दवाओं की खरीद को हरी झंडी मिल भी गई है तो भी इलेक्शन ने रोड़ा खड़ा कर दिया है। आचार संहिता के कारण 3 मार्च तक तो दवाओं की खरीद-फरोख्त के लिए टेंडर नहीं निकल सकता है। ऐसे में मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। फार्मस्यूटिकल सेंटर पर दवाईयों की कमी तो है ही लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अगली खेप का इंतजार कर रहे है।
Injection भी खत्म
जाकिर परेशान है। उनके 60 वर्षीय पिता को कुत्ते ने काट लिया है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी के रूम नम्बर 6 पर पड़ा ताला उन्हें और भी ज्यादा परेशान कर रहा है। इसी कमरे में एंटी रेबीज इंजेक्शन (एआरआई) लगता है। सीएमओ ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। दरअसल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में एआरआई का टोटा हो गया है। इंजेक्शन का टोटा पिछले 12 दिनों से है।