- ज्यादातर फिटनेस सेंटर्स में नहीं है ट्रेंड इंस्ट्रक्टर

- शहर में पांच सौ से अधिक हैं फिटनेस सेंटर्स

BAREILLY: अट्रैक्टिव बॉडी शेप देने, वीकनेस और फैट कम करने का दंभ भरने वाले बिजनेस हब बन चुके ज्यादातर हेल्थ क्लब्स और फिटनेस सेंटर्स ही अनफिट हैं। जिम एशोसिएशन की मानें तो इनके बॉडी टोंड करने वाले इंस्ट्रक्टर्स के पास ना कोई बॉडी फिटनेस का सर्टिफिकेट है, और ना ही प्रॉपर एजूकेशन। बॉडी को अट्रैक्टिव शेप में लाने के क्रेज के चलते हजारों की तादाद में यूथ जिम ज्वॉइन तो कर रहे हैं। लेकिन इन्हें बॉडी बिल्डिंग की प्रॉपर गाइडेंस ना मिलने से उम्रदराज होने पर तमाम प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है। आइए आपको बताते हैं शहर के हेल्थ क्लब्स, फिटनेस सेंटर्स समेत इंस्ट्रक्टर्स की हकीकत।

चेले बन जाते हैं इंस्ट्रक्टर्स

डिस्ट्रिक्ट बॉडी एंड फिटनेस सेंटर के प्रेसीडेंट राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल के अनुसार कॉम्पिटीशन विनर्स या कई सालों से जो लोग जिम कर रहे हैं, वही ट्रेनर बनाए जाते हैं। इसके अलावा जिम में ज्यादा टाइम देने की वजह से लोगों की करियर ग्रोथ हो नहीं पाती है, इस वजह से वह हेल्थ क्लब्स खोलकर कमाई करने लगते हैं। यानि जो पहले चेले थे, आगे चलकर गुरु बन जाते हैं। इस तरह से सिटी में बढ़ते बॉडी फिटनेस के क्रेज को भुनाने के लिए कई फिटनेस सेंटर्स तो ओपन हो गए, लेकिन रियल में एक-दो को छोड़कर किसी जिम में प्रॉपर बॉडी फिटनेस की एजूकेशन पाए ट्रेंड इंस्ट्रक्टर नहीं है।

क्या है guidelines

बॉडी फिटनेस एसोसिएशन के अनुसार इंस्ट्रक्टर के लिए सिक्स मंथ, वन और टू ईयर फिटनेस कोर्स होते हैं। यहां इंस्ट्रक्टर की प्रॉपर ट्रेनिंग के बाद फिटनेस एक्सपर्ट सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। इंस्ट्रक्टर्स को फिटनेस मशीनों की नॉलेज और मेंटीनेंस, एक्सरसाइजेज के प्रॉपर फॉर्मेट, वेट की जानकारी, एजग्रुप के अनुसार एक्सरसाइज प्रिफर कराने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा हेल्थ क्लब्स, जिम या फिटनेस सेंटर्स को प्रॉपर रजिस्टर्ड होना चाहिए। ट्रेंड फिटनेस एक्सपर्ट को ही इंस्ट्रक्टर रखने की सख्त गाइडलाइंस हैं।

भ्00 में से क्भ् रजिस्टर्ड

शहर के कई हिस्सों में ओपन हेल्थ क्लब और फिटनेस सेंटर्स की संख्या करीब पांच सौ से अधिक है। जो शहर के सुभाषनगर, जगतपुर, पुराना शहर, राजेंद्र नगर, महानगर, चौपुला, ग्रीन पार्क समेत अन्य इलाकों में धडल्ले से चल रहे हैं। लेकिन इनमें से केवल क्भ् ही हैं जो प्रॉपर रजिस्टर्ड हैं। लेकिन एशोसिएशन के अनुसार इनके पास भी जो इंस्ट्रक्टर्स हैं, वह या तो बॉडी बिल्डिंग कर रहे हैं या कांपीटिशन विनर्स हैं। इनके पास भी फिटनेस सर्टिफिकेट का टोटा है। इनके मुताबिक जिन हेल्थ क्लब्स को कांपीटीशन में पार्टीसिपेट करना होता है, वहीं रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस अपनाते हैं।

बैकबोन और हार्ट पर असर

फिजिशियन का भी मानना है कि शहर में चल रहे ज्यादातर जिम सेंटर्स के ट्रेनर्स अनट्रेंड हैं। प्रॉपर गाइडेंस ना मिलने से जिम के शौकीनों को शुरुआती दौर के बजाय उम्रदराज होने पर कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इनमें बॉडी में पानी की कमी, उम्रदराज होने पर वीकनेस, बॉडी एकेन, क्रोनिक पेन, किडनी, हार्ट, बॉडी पा‌र्ट्स इंबैलेंस्ड, एब्डार्मल और बोन रिलेटेड तकलीफों में इजाफा होने की संभावना करीब 80 परसेंट तक है।

गलत एक्सरसाइज से प्रॉब्लम्स

जिम एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि ट्रेंड इंस्ट्रक्टर ना होने की वजह से जिम के शौकीन को बैकबोन पेन की प्रॉब्लम अक्सर होती है। लेकिन ट्रेनर्स बहाना कर शिकायतों से पीछा छुडा लेते हैं।

ट्रीवा - विंग्स एक्सरसाइज होती है। वेट गलत लगाने की वजह से स्लिप डिस्क की प्रॉब्लम होती है।

वार्म अप - शुरुआत वार्मअप से करनी चाहिए। ऐसा ना करने से मसल्स डैमेज हो सकते हैं।

पा‌र्ट्स - एक्सरसाइज में वार्म अप के बाद चेस्ट, विंग्स, शोल्डर, बाइसेप-ट्राइसेप, थाईज, एब्डामिनल यह छह पा‌र्ट्स होते हैं। एक ही पार्ट करने से बॉडी इंबैलेंस्ड हो सकती है।

डायट - बैलेंस्ड डायट और वाटर इनटेक के बारे में प्रॉपर नॉलेज ना मिलने से वीकनेस आना तय है।

शहर में ज्यादातर हेल्थ क्लब्स और फिटनेस सेंटर्स में अनट्रेंड इंस्ट्रक्टर्स हैं। आई नेक्स्ट की इस पहल का स्वागत है। क्लब्स और फिटनेस सेंटर्स पर ट्रेंड इंस्ट्रक्टर हों, इसके प्रॉपर इंतजाम किए जाएंगे।

-राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल, वाइस प्रेसीडेंट, उप्र। बॉडी एंड फिटनेस सेंटर

अनट्रेंड इंस्ट्रक्टर की गाइडेंस में एक्सरसाइज करने से बॉडी इंबैलेंस्ड हो सकती है। हेल्थ क्लब्स मंथली फीस के नाम पर मोटी कमाई कर रहे हैं। लोगों की लाइफ की कोई चिंता नहीं हैं।

-नितिन गुप्ता, बॉडी फिटनेस कांपीटीशन विनर

प्रॉपर ट्रेंड इंस्ट्रक्टर किसी भी जिम में मिलना मुश्किल है। कांपीटीशन विनर या फिर जो काफी दिनों से जिम कर रहे हों, अक्सर वही इंस्ट्रक्टर बन जाते हैं।

-मनोज पांडे, हेल्थ क्लब ओनर

अनट्रेंड इंस्ट्रक्टर होने से जिम के शौकीनों काफी दिक्कतें हो जाती हैं। खासकर बैकबोन और क्रोनिक पेन समेत अन्य तकलीफें उम्र बढ़ने के साथ इंक्रीज होने लगती हैं।

-डॉ। राजीव गोयल, फिजिशियन