यूजीसी ने लेटर जारी कर की आपत्ति
सिर्फ यूजीसी अप्रूव्ड कोर्स ही करें लागू
BAREILLY: यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज अब अपनी मर्जी से डिग्री कोर्सेज का नाम नहीं दे पाएंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ( यूजीसी ) ने इस पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को जारी लेटर में कहा है कि वे केवल यूजीसी द्वारा अप्रूव्ड डिग्री कोर्सेज को ही अपने यहां लागू करें। ऐसी डिग्री अवैध मानी जाएगी। इसके बावजूद भी वे नए कोर्सेज लागू करना चाहते हैं तो उसे छ महीने पहले यूजीसी से अप्रवू करा लें।
नए नाम से करते हैं attract
एजूकेशन एरिया में प्राइवेटाइजेशन से कॉलेजेज और यूनिवर्सिटीज के बीच कॉम्पिटीशन काफी बढ़ गया है। कॉलेजेज और यूनिवर्सिटीज हर वर्ष हाईटेक कोर्स खोले जाने की दुहाई देकर स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए अट्रैक्ट करते हैं। खासकर प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स। वे दो कोर्सेज को मर्ज कर नए नाम से एडवांस डिग्री कोर्स खोल देते हैं या फिर पुराने कोर्स में ही मामूली बदलाव कर नया इनोवेटिव नाम दे देते हैं। अक्सर स्टूडेंट्स इन इनोवेटिव नाम वाले डिग्री कोर्सेज के मोहपाश में फंस जाते हैं। यूजीसी की मानें तो ऐसी डिग्री मार्केट में मान्य नहीं है। यहां तक कि नेट क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स की भी डिग्री रिजेक्ट कर दी जाती है।
गजेट वाले डिग्री ही मान्य
यूजीसी ने साफ किया है कि देश में वे ही डिग्री कोर्स मान्य होंगे जो ऑफिशियल गजेट में शुमार होंगे। यूजीसी के अनुसार यूजीसी एक्ट 1956 के सेक्शन 22 के आधार पर ही डिग्री अवॉर्ड की जाएंगी। इसके इतर सारी डिग्रियां अवैध मानी जाएंगी। हालांकि कोई नया कोर्स शुरू करने से पहले यूजीसी ने एक मौका जरूर दिया है। कोर्स लागू करने से 6 महीने पहले यूजीसी से अप्रूव्ड करा सकते हैं।
RU में पकड़ा जा चुका है मामला
आरयू में भी ऐसा मामला पकड़ में आया, जिसके बाद यूजीसी ने नोटिस भेजकर कोर्स को मान्यता देने से इंकार कर दिया। आरयू काफी वर्षो से रूरल मैनेजमेंट में एमआरडीएम कोर्स कंडक्ट करा रहा था, लेकिन यूजीसी के लिस्ट में इस नाम से कोई कोर्स नहीं है। इसके बाद इसी वर्ष आरयू को उस कोर्स के एडमिशन बंद करने पड़े। इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के फोर ईयर डिग्री कोर्स को लेकर भी काफी हो हल्ला मचा। यह कोर्स पहली बार इस वर्ष शुरू किया गया। अब यूजीसी की आपत्ति के बाद इस कोर्स को बंद करने की कवायद की जा रही है।