बरेली( ब्यूरो) । ट्रैफिक रूल्स के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी होनी जरूरी है। एक नवम्बर से 30 नवम्बर तक चले ट्रैफिक अवेयरनेस मंथ में जगह-जहग कैंप लगाकर लोगों को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी दी गई। इसी क्रम में शहर के स्कूल-कॉलेजेज में भी कैंप का आयोजन कर स्टूडेंट्स को ट्रैफिक रूल्स की जानकारी दी गई। इसे लेकर कई स्कूलों में प्रतियोगिताएं भी हुईं। ट्रैफिक अवेयरनेस मंथ की समाप्ति पर शहर के डिग्री कॉलेज में स्टूडेंट्स से ट्रैफिक रूल्स की जानकारी ली तो पता लगा कि ज्यादातर स्टूडेंट्स ट्रैफिक रूल्स की जानकारी ही नहीं है।
आवंतीबाई कॉलेज
आवंतीबाई महाविद्यालय में कुछ दिन पहले यतायात माह पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें स्टूडेंट्स को यतायात के रुल्स के बारे में बताया गया था। दैनिक जागरण की टीम ने आज महाविद्यालय में बीए और बीएससी के 10 स्टूडेंट्स से बात की तो पता चला कि उनमें से 2 स्टूडेंट्स को ही ट्रैफिक रुल्स की जानकारी थी, लेकिन ये स्टूडेंट्स भी ट्रैफिक के सभी सिग्नल और सिंबल से पूरी तरह वाकिफ नहीं थे। सिर्फ ग्रीन लाइट और रेड लाइट के बारे में ही जानते थे।
बरेली कॉलेज बरेली
बीसीबी में पीजी के 12 स्टूडेंट्स से बात की तो स्टूडेंट्स ने बताया कि यतायात के नियमों का हम पालन करते हैं। जब सिम्बल के बारे में पूछा तो पता चला कि दो या तीन स्टूडेंट्स ही जानते थे। वह भी सिर्फ दो सिंबल के बारे में। कुछ स्टूडेंट्स का कहना था कि वे गाड़ी या स्कूटी नहीं चलाते हैं। जबकि कॉलेज में जागरुकता अभियान के साथ ट्रैफिक जागरुकता रैली का भी आयोज किया गया था।
नियमों का करते हैं उल्लंघन
ट्रैफिक अवेयरनेस मंथ में जिले में 6 हजार वाहन चालकों के चालान कटे। इसकी वजह यह है कि लोग ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं। जिसमें हेलमेट न लगाना तो जैसे फैशन सा बन गया है। जबकि यह लोगों की सुरक्षा के लिए है। इसके अलावा नम्बर प्लेट पर नम्बर का न होना। सीट बेल्ट का यूज न करना। ट्रैफिक पुलिस लगातार लोगों को जागरुक कर रही है। इसके बाावजूूद भी लोग जागरुक नहीं हैं।
सेफ्टी के लिए हेलमेट है जरूरी
आजकल की युवा पीढ़ी हेलमेट पहनने से बच रही है। इसके लिए वह फैशन मानने लगे हैं। जबकि यह बहुत खतरे का संकेत है। जबकि सड़क हादसों में होने वाली ज्यादातर मौतों की वजह सिर में चोट लगना ही होती है। बावजूद इसके युवा वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने से कतराते हैं। वहीं कई लोग हेलमेट का यूज सिर्फ चालान की कार्रवाई से बचने के लिए ही करते हैं।
यातायात यह भी जाने नियम
-वाहन पार्किंग पर विशेष ध्यान रखे
-ओवर टेक करनेे से बचें
-अपनी ही लेन में वाहन चलाएं,
-एक तरफा रोड के नियम का पालन करें
-हाथ सिंग्नल का प्रयोग करें
-वाहन की गति पर कंट्रोल रखें
ट्रैफिक सिग्नल कि संकेत
रेड - स्टॉप
यलो - रेडी टू मूव
ग्रीन - गो
यह हैं सड़क सुरक्षा नियम
-ड्राविंग लाइसेंस नियम उल्लंघन व तेज रफ्तार पर होगा 1 से 2 हजार तक का होगा जुर्माना
-अगर कोई नाबलिग गाड़ी चलाता हुआ पकड़ा गया तो उस पर होगा 25 हजार तक का जुर्माना और गाड़ी की रजिस्ट्रेशन रद्द कर दी जाएगी
-जो लोग ड्राइविंग करते हुए मोबाइल पर बात करने वालो, ट्रेफिक जम्प करने वालों, गलत दिशा में ड्राइव करने वालों, वेवजह जाम लगाने वालों पर पड़ेगा जुर्माना
ट्रैफिक मंथ में एक्शन
--- हजार टोटल हुए चालान
--- लाख टोटल वसूली
हेलमेट न लगाने पर चालान -60 परसेंट
सीट बेल्ट न लगाने पर चालान-20 परसेंट
नंबर प्लेट व प्रदूषण पर चालान-10 परसेंट
अदर एक्ट पर चालान-10 परसेंट
वर्जन
ट्रैफिक रुल्स तो जानते ही हैं। जिनमें ग्रीन लाइट, रेड लाइट, येलो लाइट के बारे में तो पता है। इसके अलावा अपने हाथ पर चलना है। बाकी का कुछ एक दो सिंबल के बारे मेें जानते हैं।
रितिका
कॉलेज में कुछ दिन पहले ट्रैफिक रुल्स को लेकर प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। जिसमें कुछ रुल्स भी बताए गए। जिनमें सिंग्नल रुल्स मेन था। जिसके बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं।
साक्षी
गाड़ी चलाते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं। क्योंकि यह हमारी सेफ्टी के लिए भी जरूरी है। अगर हम इन रुल्स को फॉलो नहीं करेंगे तो जुर्माना भरना पड़ेगा।
रवि
कुछ ट्रैफिक रुल्स के बारे में जानते हैैं। जो बुक में पड़े हैं। बाकी रास्तों में सिग्नल के हिसाब से समझ लेते हैं। ज्यादातर सिग्नल लाइट और अपने हाथ पर चलने की जानकारी सभी को होती है।
सुरभि
यातायात माह में स्टूडेंट्स को जगह-जगह कैंप लगाकर जागरुक किया। जिससे वह ट्रेफिक रुल्स को समझे और गलती करने से बचें। रुल तोडऩे वालों के खिलाफ कार्रवाई उचित कार्रवाई भी की गई।
राममोहन सिंह, एसपी ट्रैफिक