बरेली (ब्यूरो)। शहर के चर्चित कबाब कारीगर नसीर हत्याकांड में अपर सेशन जज द्वितीय ने मयंक रस्तोगी उर्फ गोल्ड बाबा और ताजीम शमसी को आईपीसी 302 में दोषी आया था। जिसके बाद कोर्ट ने थर्सर्ड को दोनों हत्यारों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

120 रुपए मांगने पर मारी थी गोली
प्रेमनगर थाना क्षेत्र के अंकुर सब्बरवाल बीडीए आफिस के नीचे चिकन व कबाब कार्नर नाम से दुकान है। बीते साल तीन मई 2023 की रात 11 बजे किला थाना क्षेत्र के बमनपुरी मंयक रस्तोगी और बिहारीपुर का रहने वाला ताजीम शमसी कबाब खाने पहुंचे थे। आरोपितों ने कबाब कार्नर पर कबाब खाए थे। कबाब खाने के बाद कबाब कारीगर नसीर अहमद निवासी जगतपुर बारादरी ने कबाव के 120 रुपए मांगे थे। इस पर दोनों आरोपितों ने कबाब की गुणवत्ता खराब बताकर रुपए देने से इनकार कर दिया था। जिस पर नसीर ने विरोध कर कहा था, कि दोबारा कबाब खाने मत आना। इस पर आरोपित अपना आपा खो बैठे थे। आरोपितों ने जरा सी बात पर मारपीट कर की थी। इतने पर भी आरोपित शांत नहीं हुए और नसीर की कनपटी पर सटाकर गोली मारकर फरार हो गए थे। आनन-फानन में अंकुर नसीर को निजी अस्पताल लेकर गए थे। जहां पर उनहे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।

लोगों ने दिखाई थी समझदारी
कत्ल करने के बाद दोनों ही आरोपित कार से फरार हो गए थे। आरोपितों के फरार होने के दौरान ही मौके पर मौजूद लोगों ने फोटो खींच ली थी। इसके आधार पर पुलिस ने आरोपितों की शिनाख्त किला निवासी मयंक रस्तोगी व उसके साथी तामीज शमसी के रूप में की थी। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

18 मार्च को पाए गए थे दोषी
कोर्ट में चार्जशीट लगने के बाद ट्रायल शुरू हुआ। सरकारी वकील अचिंत्य द्विवेदी ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए थे। 18 मार्च को कोर्ट ने दोनों को नसीर की हत्या का दोषी मानकर 21 मार्च को सजा सुनाने की तारीख लगाई थी। जिस पर कोर्ट ने थर्सडे को दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।