बरेली (ब्यूरो)। भमोरा में बभियाना के राजकुमार सागर ने बताया कि उनके गांव में एक माह से अज्ञात बुखार फैला हुआ है। इसकी सूचना पर सीएचसी भमोरा की ओर से गांव में कैंप लगाकर जांच के बाद कुछ लोगों को दवाएं दी गईं। उसके बाद भी गांव में बीमारी बनी रही। बताया कि जुगेंद्र पाल की 14 बर्षीय बेटी अल्पना को तीन दिन से बुखार था। उसे परिजन दवा खिलाते रहे, लेकिन बुधवार की सुबह उसकी मौत हो गई।
ये भी हुए शिकार
उसके पहले मंगलवार को फतेहचंद की पत्नी सुदामा देवी की मौत हो गई थी। उन्हें चार दिन से बुखार था, जिस पर गांव में ही दवा दिलाई गई थी। इसके अलावा एक सप्ताह पहले गंगाधर की भी तेज बुखार होने के बाद मौत हो गई थी। उसके दूसरे दिन 13 वर्ष के हिमांशु की बुखार से मौत हो गई थी। उसके दूसरे दिन शुक्रवार को चिरौंजी लाल की भी बुखार से मौत हो गई थी। एक सप्ताह में अज्ञात बुखार से हुई सात लोगों की मौत से गांव में बीमार पड़े सौ से अधिक लोगों मे दहशत फैल गई है। गांव वालों के अनुसार 60 से 70 लोग अभी भी बुखार से तपते हुए शहर के अलग अलग निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।
गंदगी से बुरा हाल
ग्रामीणों के अनुसार गांव में गंदगी का बुरा हाल है। इसके बाद भी सफाई नहीं करवाई जा रही है। एडीओ पंचायत रामकुमार उपाध्याय ने बताया कि बभियाना ग्राम पंचायत पर तैनात सफाई कर्मचारी का दूसरी जगह स्थानान्तरण हो गया है। सफाई कर्मचारी की तैनाती से पूर्व ग्रुप लगाकर सफाई करवाई जाएगी। इसके पूर्व में भी सफाई कराई गई थी। सीएचसी प्रभारी डॉ। गौरव शर्मा ने बताया कि बभियाना में लगातार कैंप लगाकर दवाएं बांटी गई थीं। मोबाइल टीम भेजकर दूसरे दिन दवा बंटवाई जाती रही। किशोरी की मौत होने का समाचार पता चला। उसके घर वाले उसे सीएचसी पर लेकर नहीं आए थे, इसलिए उसकी हालत के विषय में जानकारी नहीं हो सकी।