BAREILLY:

फर्जी आईडी से पासपोर्ट बनवाने के पकड़ में आए दो मामले

जांच में जुटा विभाग, आईडी फू्रफ को जांच के लिए भेजा, होगी कार्रवाई

केस वन

घेर शेख मिठ्ठू नियर नाला मस्जिद बरेली के रहने वाले निहायत रसूल ने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया है। इसने आईडी प्रूफ के तौर पर अपना वोटर आईडी कार्ड सबमिट कर रखा है। आवेदक की आईडी संख्या यूपी क्ख्/0भ्ख्/0क्भ्9ब्म्फ् है। सबसे अजीब बात यह है कि, इलेक्शन कमीशन की साइट पर यह नंबर शो नहीं कर रहा है। जिसे पासपोर्ट अधिकारियों ने जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन कमीशन को फारवर्ड किया है।

केस टू

कुछ ऐसा ही मामला पचौमी फरीदपुर के रहने वाले तसलीम अली के आईडी प्रूफ के साथ भी है। इन्होंने भी पासपोर्ट बनवाने के लिए अपना वोटर आईडी कार्ड सबमिट कर रखा है। जिसका आईडी नंबर टीआईआर-क्9म्89फ्फ् है, लेकिन यह नंबर भी इलेक्शन कमीशन की साइट पर मौजूद नहीं है। डॉक्यूमेंट के साथ इस मामले की जांच के लिए भी पासपोर्ट अधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को फॉरवर्ड किया है।

ये दो केस मात्र बानगी भर हैं। फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए न जाने कितने सख्स ऐसे हैं जो कि, हवाई उड़ान भरने का सपना देख रहे हैं। फर्जी वोटर आईडी कार्ड मिलने से पासपोर्ट अधिकारी सकते में आ गए हैं। ऐसे में वो बाकी डॉक्यूमेंट की जांच भी बहुत गंभीरता के साथ कर रहे हैं। फिलहाल दोनों वोटर आईडी कार्ड को जांच के लिए संबंधित

अधिकारियों को भेज दिया गया है। यहीं नहीं पासपोर्ट डिपार्टमेंट ने अप्लीकेंट्स को पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी है। कर्मचारियों को भी यह निर्देश दे दिए गए हैं कि, वे आईडी प्रूफ के तौर पर जमा होने वाले तमाम डॉक्यूमेंट को अलर्टनेस के साथ जांच करें। ताकि, फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे पासपोर्ट बनवाने की कोशिश कर रहे शातिर लोगों पर रोक लगाया जा सके।

जांच के लिए भेजा

निहायत और तसलीम दोनों अप्लीकेंट्स द्वारा आईडी के तौर पर जमा किए गए वोटर कार्ड का नंबर इलेक्शन कमीशन की साइट पर मौजूद नहीं है। पत्र संख्या क्रमश: बीएल- क्078फ्0ब्ख्म्0म्क्ब् और क्0,म्8फ्0म्फ्ब्79क्ब् है। इन दोनों ही मामलों की जांच के लिए पासपोर्ट डिपार्टमेंट ने ख्फ् मार्च को डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन कमीशन को भेजे हैं। डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिसर मोहम्मद नईम ने जांच की प्रक्रिया को निवाचन रजिस्ट्री ऑफिसर को भेज दिया है। उप जिलाधिकारी फरीदपुर और अपर नगर मजिस्ट्रेट फ‌र्स्ट मामले की जांच करने में जुट गए हैं।

वोटर कार्ड हाेता है आसान

पासपोर्ट बनवाने के लिए वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, बैंक के पासबुक, आधार कार्ड सहित अन्य में से कोई एक आईडी प्रूफ जमा किया जा सकता है। इनमें से अधिकतर अप्लीकेंट्स पासपोर्ट के लिए वोटर आईडी कार्ड का ही इस्तेमाल करते है। क्योंकि वोटर आईडी लोगों के पास आसानी से अवलेबल होती है। जबकि अन्य आईडी प्रूफ के साथ ऐसा नहीं है। पासपोर्ट डिपार्टमेंट बरेली रीजन के अंतर्गत बनने वाले पासपोर्ट में भ्0 परसेंट वोटर कार्ड को ही पू्रफ के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

पहले भी आ चुका है मामला

नवबंर ख्0क्ब् में भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आ चुका है। हालांकि, यह मामला वोटर आईडी कार्ड से न होकर जन्म प्रमाण पत्र का था। नवंबर में जन्म प्रमाण पत्र के क्फ् ऐसे मामले सामने आए थे जोकि फर्जी थे। इस बात की शिकायत पासपोर्ट डिपार्टमेंट ने पुलिस प्रशासन से की थी। यह सभी मामले बरेली रीजन के अंतर्गत आने वाले डिस्ट्रिक्ट के थे।

- डेट ऑफ बर्थ छुपाते है अप्लीकेंट।

- पहले भी पासपोर्ट जारी हो चुका है इस बात की नहीं देते है जानकारी।

- क्राइम एक्टिविटी या उन पर केस चल रहा है।

- पहले पासपोर्ट पर दूतावास ने वीजा जारी करने से मना कर दिया है।

फैक्ट फाइल

- बरेली रीजन में हर साल 90,000 से अधिक पासपोर्ट जारी होता है।

- हर मंथ 7-8 हजार आते हैं आवेदन।

- बरेली रीजन के अंतर्गत क्फ् डिस्ट्रिक्ट हैं शामिल।

- इंफॉर्मेशन छिपाने पर भ्,000 रुपए पेनॉल्टी का है प्रावधान।

- एफआईआर दर्ज करायी जा सकती है।

- पासपोर्ट किया जा सकता है जब्त।

जिस भी आईडी प्रूफ पर संदेश होता है। उसे रिलेटेड अधिकारी को जांच के लिए भेज दिया जाता है। बीएल संख्या के स्टार्टिग के जो दो नंबर होते हैं वह डिस्ट्रिक्ट का कोड होता है। बरेली का कोड क्0 है। यदि कोई फर्जी डॉक्यूमेंट का सहारा लेता है तो, उस पर फाइन लगाया जाता है।

नवीन चंद्र बिष्ट, असिस्टेंट पासपोर्ट अधिकारी

पासपोर्ट डिपार्टमेंट से ख्फ् मार्च को दो लोगों के वोटर आईडी कार्ड जांच के लिए आए है। मामले की जांच की जा रही है। दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी।

मोहम्मद नईम, डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिसर