-बारादरी के जगतपुर में दो बच्चों को नशीला पदार्थ पिलाकर प्रेमी के साथ मां फरार
-दोनों बच्चे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट, तीन दिन पहले ही वापस आई थी मां
BAREILLY: कहते हैं कि मां के पैरों में जन्नत है। यह रुतबा उसे ईश्वर का दिया है। हो भी क्यों न, दुख-दर्द का पहाड़ उठाकर भी मां अपने बच्चों को जमाने की मुसीबतों से दूर रखती है। क्योंकि उसके लिए बच्चों की खुशी से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं, तभी तो भगवान ने भी मां का दर्जा दुनिया की तमाम नेमतों से ऊपर रखा है। जरा सोचिए, क्या कोई मां अपने नापाक रिश्तों की खातिर अपने जिगर के टुकड़ों को भी मारने की कोशिश कर सकती है, एक बारगी आप भी कह उठेंगे कतई नहीं। लेकिन बारादरी इलाके में एक की करतूत ने मां के रिश्ते को कलंकित कर डाला।
प्रेमी के साथ फरार होने से पहले दो बच्चों को चाय में नशीला पदार्थ पिला दिया। दोनों बच्चे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडि1मट हैं।
स्कूल जाते हैं दाेनों बच्चे
सरताज, जोगी नवादा में रहता है। वह जरी का काम करता है। उसके परिवार में पत्नी नूरुल निशा, तीन बच्चे क्7 वर्षीय अरबाज, क्फ् वर्षीय आलिया और 7 वर्षीय रोशनी हैं। अरबाज नौवीं और आलिया सातवीं क्लास में पढ़ते हैं। सरताज जिस मकान में रहता है उसे उसने पत्नी के नाम कर दिया था। करीब एक साल पहले नूरुल निशा ने बच्चों के नाम मकान का हिबानामा कर दिया था। लेकिन इसी दौरान उसकी जिंदगी में कोई आ गया। इसका नाम इमरान है। इमरान सरताज के यहां काम सीखने अाता था।
बच्चों को साथ रखने का बनाया बहाना
तीन महीने से इमरान के साथ घर छोड़कर गई नूरुल निशा अचानक तीन दिन पहले वापस आ गई। उसने कहा कि वह बच्चों के साथ रहना चाहती है लेकिन वह पति के साथ नहीं रहेगी। उसने मोहनतालाब के पास जगतपुर में किराये पर कमरा ले लिया है। ट्यूजडे को कमरे में सामान शिफ्ट किया जा रहा था जिसमें अरबाज और आलिया मां की हेल्प कर रहे थे। मां ने दिन में खिचड़ी भी बनाकर खिलाई थी। शाम को भी खाना बनाया। अपनी मां का साथ होना अरबाज और आलिया के लिए बहुत खुशियों से भरा लम्हा था।
इमरान ने दी थी पुडि़या
अरबाज ने बताया कि शाम के करीब साढ़े म् बजे इमरान अपनी मां मीना, भाइयों रिजवान और अरमानी के साथ घर पर आया। वह करीब साढ़े 8 बजे तक घर में रहा। इसी दौरान इमरान ने उसकी मां को एक पुडि़या दी। उन्हें नहीं पता कि पुडि़या में क्या था। कुछ देर बाद मां ने उन्हें चाय पीने के लिए दी। चाय पीने के थोड़ी देर बाद ही वे दोनों बेहोश हो गए। रात में करीब क्ख् बजे उन्हें होश आया तो देखा कि घर में मां और छोटी बहन रोशनी नहीं है। उसने तुरंत अपने पिता को इसकी सूचना दी। करीब तीन बजे उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पिता और मोहल्ले वालों ने एडमिट कराया।
तीन महीने पहले भी गई थ्ाी भागकर
सरताज ने बताया कि करीब तीन महीने पहले नूरुल निशा घर छोड़कर चली गई थी। जिस इमरान के साथ वह भाग गई थी उसे बेटा पुकारती थी इसके चलते उन्हें कभी शक भी नहीं हुआ। नूरुल निशा अपने साथ घर में रखे साढ़े तीन लाख रुपये की ज्वैलरी, क् लाख फ्0 हजार रुपये नकद, और कपड़े साथ ले गई थी। उसने बारादरी थाना में जाकर एफआईआर भी दर्ज करायी थी। करीब डेढ़ महीने पहले नूरुल निशा ने कोर्ट में बयान दे दिया था कि उसने पति को तलाक दे दिया है और वह इमरान के साथ ही रहना चाहती है। तीन दिन पहले ही उसकी बहन का फोन आया था कि नूरूल निशा अपने बच्चों के साथ रहना चाहती है।
एक और गम का पहाड़
सरताज का आरोप है कि नूरुल निशा को न तो अब अपने पति का कोई ख्याल रह गया है और न ही बच्चों की कोई फिक्र है। उन्होंने जो उसके नाम मकान किया था अब वह उसे बच्चों से वापस लेना चाहती है। शायद इसीलिए उसने बच्चों को इमरान के सहारे रास्ते से हटाने का प्रयास किया होगा। वह नूरुल निशा की इस हरकत से काफी दुखी हैं। वह कहता है कि ख्0क्ख् के दंगे में गोली लगने से भाई इमरान उर्फ नन्हें की मौत का गम अभी भूले नहीं थे अब एक और गमों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ये तो 'सेक्सुअलमैनिया' है
साइक्लोजिस्ट सुविधा शर्मा कहना है कि इस तरह के लोग निम्फोमैनिया के शिकार होते हैं। निम्फोमैनिया को सेक्सुअल मैनिया भी कहते हैं। इसके शिकार लोगों पर पागलपन का भूत सवार हो जाता है। ऐसे लोग कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें किसी का कोई ख्याल नहीं रहता है। उनका मन काफी कठोर हो जाता है। वह किसी हद तक भी जाने को तैयार रहते हैं। कुछ लोग जीवन को ज्यादा मनोरंजन बनाने के लिए इस रास्ते पर चले जाते हैं। कई बार बच्चों के होने के बाद पति का प्यार न मिलना भी इसकी वजह होता है। वह पर्सनॉलिटी डिसआर्डर का भी शिकार हो जाते हैं। सिर्फ एक व्यक्ति के प्रति ग्रस्त हो जाते हैं। समाज और इज्जत की चिंता नहीं रहती है। इस तरह के व्यवहार की वजह कई बार टीवी पर आने वाले धारावाहिक भी हैं। धारावाहिक में आने वाले करेक्टर को लोग खुद में ढाल लेते हैं। इससे सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है।