बरेली (ब्यूरो)। भगवान राम ने धनुष्य की प्रत्यंचा को कानों तक खींचकर एक साथ 31 बाण छोड़े। एक बाण से रावण की नाभि के अमृत को सोख लिया। बाकी 30 बाणों के कोप से उसके सिरों और भुजाओं पर प्रहार किया। जैसे ही रावण जमीन पर गिरा तो पूरा मैदान जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। असत्य पर सत्य की विजय हुई। अनाचार पर सदाचार की, बुराई पर अच्छाई की जीत हुई। इसके बाद कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने की कामना करते हुए रावण के पुतले को आग के हवाले कर दिया गया जो धू-धूकर जल उठा। यह नजारा था बड़ा बाग परिसर में आयोजित रामलीला का।
राम-रावण युद्ध देख हुए भावविभोर
श्रीरानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति की ओर से बड़ा बाग मैदान में चल रही 545वीं रामलीला में फ्राइडे को राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ। कुंभकरण और मेघनाद वध के बाद रावण युद्ध के लिए आता है। राम और रावण के बीच भीषण युद्ध होता है। राम के बाण से रावण की सिर और भुजाएं कट जाती हैं लेकिन तुरंत ही दूसरे निकल आते हैं। तब विभीषण राम को रावण वध का उपाय बताते हैं। विभीषण कहते हैं कि रावण की नाभि में अमृत है। विभीषण से रहस्य जानकर राम बाण चलाते हैं। खैंचि सरासन श्रवण लगि छाड़े सर एकतीसा, रधुनायक सायक चले मानहुं काल फणीसा। राण गर्जना करता हुआ भूमि पर गिर जाता है। रावण के मरते ही उसकी सेना छिन्न-भिन्न हो जाती है। रामलीला में रावण वध के बाद भव्य आतिषबाजी होती है। रावण वध देखने हजारों दर्शक मौजूद रहे। इसके बाद बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान मेला कमेटी अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा, प्रभु नारायण तिवारी, धीरेंद्र शुक्ला, ब्रजेश पाठक, रजनीश बाजपेई आदि मौजूद रहे।
15 फिट ऊंचे पुतले का दहन
बरेली दशहरा रामलीला समिति की ओर से 70वां दशहरा मेला इंद्रा पार्क मॉडल टाउन में लगाया गया। श्रीसनातन धर्म मंदिर मॉडल टॉउन में राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान की आरती के बाद वानर सेना पार्क में पहुंची। रंगारंगा अतिशबाजी के नजारों में सतरंगी सितारों से रोशनी की बौछार हो गई। इसके बाद लक्ष्मण ने मेघनाद और श्रीराम ने रावण का युद्ध में वध किया। आखिर में 15 फिट ऊंचे बुराई रूपी रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान समिति अध्यक्ष सतीश खट्टर, सुशील कुमार, अनिल अरोरा, रवि छावड़ा, संजीव चांदना, अश्वनी ओबराय, जितिन दुआ, अमरजीत बग्गा, डॉ। केएम अरोरा, मनोज सब्बरवाल आदि ने सहयोग किया।
जोगी नवादा में लगा मेला
जागी नवाद स्थित बाबा बनखंडी नाथ मंदिर प्रांगण में मेले का आयोजन किया गया। मेले में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के साथ लंका सजाई गई। पुतला दहन देखने हजारों दर्शक पहुंचे। महिलाओं बच्चों ने खरीदारी की। राम और लक्ष्मण की आरती की। इसके बाद वृंदावन के कालाकरों ने राम-रावण युद्ध का मंचन किया। इसके बाद राकेट रुपी बाण से तीनों पुतलों का दहन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार रेखा आर्य साहू, संरक्षक गिरधारी लाल साहू, संयोजक धर्मेंद्र राठौर, सुरेश चंद्र राठौर, हरिओम राठौर, लक्ष्मी नारायण राठौर आदि मौजूद रहे।
श्रीराम कथा का विश्राम
श्रीरामलीला सर्वजातिय समिति कटरा चांद खां मौर्य मंदिर की ओर से फ्राईडे को सात दिवसीय श्रीराम कथा का विश्राम हुआ। इसके बाद मुहल्ले के बच्चों ने श्रीराम और रावण का रूप धरा। राम-रावण संवाद, युद्ध का मंचन किया। रात नौ बजे असत्य के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया गया। समिति के महामंत्री दिनेश दद्दा एडवोकेट ने बताया कि शारदीय नवरात्र पर पिछले कई वर्षों से रामलीला का मंचन किया जाता रहा है। इस बार सादे समारोह में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। इस दौरान समिति अध्यक्ष ओम प्रकाश मौर्य, आकाश मौर्य, संजय मौर्य, सुरेश राठौर आदि मौजूद रहे।
राम-लक्ष्मण की आरती की
श्रीरामलीला सभा की ओर से सुभाष नगर में चल रही रामलीला में राम, लक्ष्मण और सीता के स्वरूपों की आरती की गई। इसके बाद राम-रावण युद्ध का मंचन हुआ। राम ने नाभि में तीर मारकर रावण का वध किया। अंत में रावण के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान समिति मंत्री आलोक तायल, राजकुमार तिवारी, अखिलेश सिंह, अमित भारद्वाज, अजय शर्म, अशोक शर्मा आदि मौजूद रहे।