फील्ड यूनिट ने 30 लोगों के इज्जतनगर थाना में लिए फिंगर प्रिंट
सौ फुटा रोड पर रहते हैं घुमंतू जाति के लोग
BAREILLY: सुरेश शर्मा नगर ट्रिपल मर्डर केस के तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ कोई अहम सुराग नहीं लगा। बस पुलिस हर संभव एंगिल पर जांच करने का दम भर रही है। अब तक नौकरानी समेत करीब एक दर्जन लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। घुमंतू जातियों पर ज्यादा शक होने के चलते फ्राइडे को ऐसे फ्0 लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर उनके फिंगर प्रिंट लिए गए। वहीं एक बार फिर से पुलिस ने योगेश के घर पर जाकर पूछताछ की।
पूरी डिटेल की गई कलेक्ट
फ्राइडे को सौ फुटा रोड पर रहने वाले घुमंतू जाति के फ्0 लोगों को इज्जतनगर थाना में जांच के लिए बुलाया गया। इस जाति के लोग मूलरूप से सीतापुर, मिश्रिक, महमूदाबाद व उसके आसपास एरिया के रहने वाले हैं। इनमें से ज्यादातर लोग कूलर में खस लगाने का काम करते हैं। सभी से उनका नाम, फादर नेम, लोकल व परमानेंट एड्रेस पूछे गए। साथ ही उनकी पूरी फैमिली के बारे में भी पूछताछ की गई। वह बरेली में कब से रह रहे हैं और काम के सिलसिले में किस-किस एरिया में जाते हैं, इसकी भी जानकारी ली गई। सभी के फोटोग्राफ और फिंगर प्रिंट्स भी लिए गए।
नौकरानी से की गई पूछताछ
पुलिस ने एक बार फिर से योगेश के घर जाकर परिजनों से पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि परिजनों की ओर से अभी तक किसी पर भी शक जाहिर नहीं किया गया है। फ्राइडे को योगेश के घर काम करने वाली नौकरानी किरन से भी पूछताछ की गई। किरन मूलरूप से अलीगंज की रहने वाली है और वह जोगी नवादा में किराए के मकान में रहती है। वह डेली काम पर आती थी। पुलिस पूछताछ में नीलम ने बताया कि वह सुबह काम पर आई थी और उसने कई बार डोर बेल बजाई, लेकिन ना तो दरवाजा खुला और ना ही किसी की आवाज आई। इस बारे में उसने पड़ोस में भी बताया था।
स्टाइलिश खिड़की बनी मुसीबत
अभी तक की जांच में सामने आया है कि किचन की स्टाइलिश खिड़की से हत्यारों का काम आसान हो गया। पुलिस का मानना है कि खिड़की का डिजाइन ऐसा है कि इसे निकालने में बदमाशों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। खिड़की की बनावट के चलते सब्बल या कोई और चीज फांसने में बदमाशों को आसानी रही होगी। इसके अलावा खिड़की में पेच भी काफी छोटे लगे हुए थे। अगर खिड़की की डिजाइन सपाट होती तो ये आसानी से नहीं निकलती। पुलिस का यह भी मानना है कि हत्यारों ने पहले पड़ोस वाले घर की खिड़की को निशाना बनाया लेकिन जब वह नहीं निकली तो योगेश के घर की खिड़की निकाली गई।
बच सकती थी जान
पुलिस की जांच कहती है कि हत्यारे खिड़की के रास्ते से अंदर घुसे। पहले एक शख्स अंदर नंगे पैर घुसा, लेकिन सवाल खड़ा होता है कि हत्यारों को कैसे पता चला कि किचन का दरवाजा अंदर से खुला हुआ है। हो सकता है कि किचन की लाइट ऑन रही हो जिससे बदमाशों को दरवाजा खुला दिख गया हो। वहीं पुलिस जांच के मुताबिक योगेश और उसकी पत्नी की जान बच सकती थी अगर उनके रूम का दरवाजा बंद होता। दरअसल पुलिस जब अंदर गई तो पाया कि योगेश के बेडरूम का दरवाजा खुला हुआ था। जिस तरह से दोनों की डेडबॉडी पड़ी हुई थी उससे भी लगता है कि दोनों पर सोते वक्त हमला किया गया। इससे साफ होता है कि अगर दोनों कमरे का दरवाजा बंद करके सो रहे होते तो शायद दरवाजे की आहट से वे जाग जाते और उनकी जान बच जाती।
सब सामान नहीं ले जा सके
हत्यारे घर से ज्यादा कीमती सामान अपने साथ नहीं ले जा सके क्योंकि वह मेन अलमारी का लॉक ही नहीं तोड़ सके। इस अलमारी से ख्0-ख्भ् हजार रुपए कैश व लाखों की ज्वैलरी मिली है। इसका मतलब है कि बदमाश घर से डेली यूज की ज्वैलरी व कुछ नकदी अपने साथ ले जा पाए। पुलिस के मुताबिक घुमंतू जाति के लोग भी नंगे पैर ही आते हैं और भारी सामान को छोड़कर ज्वैलरी व नगदी पॉकेट में रखकर फरार हो जाते हैं।
ज्वैलर्स पर पुिलस की नजर
ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री का खुलासा पुलिस जल्द से जल्द करना चाहती है। इसके लिए जिले के सभी ज्वैलर्स पर नजर रखी जा रही है क्योंकि हो सकता है कि लुटेरे किसी ज्वैलर के यहां ज्वैलरी बेचने पहुंचे। पहले भी लूट का सामान खरीदने में सिटी व रूरल एरिया के कई ज्वैलर जेल जा चुके हैं।
अन्य घटनाओं पर भी नजर
यूपी में हुई इस तरह की अन्य घटनाओं पर भी पुलिस नजर बनाए हुए है। ख्7 जनवरी ख्009 में इलाहाबाद के दरभंगा कॉलोनी में ट्रिपल मर्डर हुआ था। इसमें प्रोफेसर व उसके दो सदस्यों को बिना किसी हथियार के बेरहमी से मार दिया गया था। इस केस में पुलिस ने 7 लोगों को अरेस्ट किया था। एसएसपी ने फ्राइडे इलाहाबाद से इस केस की पूरी डिटेल निकलवाई तो पता चला कि इस केस में दो लोग अभी जेल से बाहर हैं, जिनका मुरादाबाद आना जाना लगा रहता है। एसएसपी ने इस पर भी नजर रखने के लिए एसपी क्राइम को निर्देश दिए हैं।
अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। हर एंगिल पर टीमें जांच कर रही हैं। कई लोगों से पूछताछ की गई है। केस के जल्द खुलासे के लिए कोशिश की जा रही है।
-जे रवींद्र गौड, एसएसपी बरेली