- फिंगरप्रिंट जांच में दो से अधिक लोगों के शामिल होने की पुष्टि
-संभावनाओं के तहत उत्तरांचल व रामपुर में भी डाली जा रही दबिश
BAREILLY: वेडनसडे को शहर को हिला देने वाली बर्बर ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। ख्ब् घंटे से अधिक बीतने के बाद भी पुलिस को कोई बड़ा सुराग हाथ नहीं लगा है। यहां तक कि लूट की रकम का खुलासा भी नहीं हो सका है। पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि केस के जल्द खुलासे के लिए 7 जांच टीमें बनाई गई हैं। वहीं थर्सडे को योगेश के भाई ने भाई, भाभी और बुजुर्ग मां का दाह संस्कार किया। साथ ही परिजनों ने पुलिस पर कार्रवाई में लेटलतीफी के भी आरोप भी लगाए। घटना के बाद से पूरे मोहल्ले में सन्नाटा छा गया है।
बेटे-बहू के बाद मां पर किया वार
थर्सडे को तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार सुबह दस बजे किया गया। मॉडल टाउन स्थित शमशान घाट में योगेश के भाई देवेश ने चिता को मुखाग्नि दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार हत्यारों ने घटना को भोर में करीब ख् से ब् के बीच अंजाम दिया था। पहले योगेश और प्रिया, फिर मां पुष्पा देवी को मौत के घाट उतारा गया। पुलिस के अनुसार हत्यारे योगेश-प्रिया पर हमला कर रहे होंगे, उसी वक्त उनकी चीख सुनकर पास के कमरे में लेटी मां योगेश के कमरे में गई होंगी। जहां जहां हत्यारों ने उनके सिर पर भी सरिया से वार कर दिया। इसके बाद लाश को कमरे से खींचकर गैलरी में कर दिया होगा। वहीं फिंगरप्रिंट्स जांच में हत्याओं में दो से अधिक लोगों के शामिल होने पुष्टि हो गई है।
लूट की रकम का खुलासा नहीं
घटना को बीते चौबीस घंटों हो चुके हैं। इसके बाद भी पुलिस अभी तक लूट की रकम का खुलासा नहीं कर सकी है। जिन कमरों में घटना को अंजाम दिया गया था, उन सभी कमरों को पुलिस ने सील कर दिया है। साथ ही ज्वैलरी, नगद व घर के बाकी सामान के बारे में परिजनों से पूछताछ जारी है। पुलिस के अनुसार परिजनों से पूरी पूछताछ के बाद ही लूट की रकम का पता चल पाएगा।
भैंसे मिल सकती हैं, हत्यारे क्यों नहीं
घटना की जांच में हो रही लेटलतीफी की वजह से परिजन खासा नाराज हैं। जांच प्रक्रिया को सवालों में खड़े करते हुए योगेश के भाई इनकम टैक्स कमिश्नर रविंद्र ने कहा कि शासन के एक मिनिस्टर की भैंसे खो जाती हैं तो चौबीस घंटे में मिल जाती हैं। जबकि कोई बड़ी घटना होने पर उसका सुराग ढूंढने में पुलिस को महीनों लग जाते हैं।
7 टीमें गठित
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सात टीमें गठित की गई हैं। टीमें सिटी सहित अन्य संभावित जगहों पर दबिश और पूछताछ कर रही हैं। पांच मुख्य टीमों में से पहली टीम शेड्यूल ट्राइब बावरिया जैसे गिरोहों से, दूसरी, घर के आसपास लोगों से, तीसरी, जल्दी ही जेल से छूटे अपराधियों से, चौथी, सिटी के सभी चौराहों व सभी संबंधित लोगों से, पांचवीं, बर्बरतापूर्ण हत्या करने वाले अपराधियों को चिन्हित कर पूछताछ कर रही है।
रामपुर और उत्तरांचल में जांच
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस संभावनाओं के आधार पर हत्यारों का सुराग उत्तरांचल और रामपुर में खोज रही है। पुलिस प्रशासन की ओर से बनाई गई जांच टीमों में से एक टीम इन जगहों पर जांच कर रही है। यहां पर इस तरह की घटनाओं में शामिल अपराधियों की फाइल खंगाली जा रही है। साथ ही इन जगहों के चिन्हित एरियाज में सघन जांच की जा रही है।
इन मुद्दों पर जांच
हत्यारों की तलाश में जुटी पुलिस मुख्य रूप से तीन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। इसमें घर पर बना 'डी' का निशान, दूसरी शादी का मामला और पैतृक निवास शाहजहांपुर में कोई पुरानी रंजिश को आधार बनाकर जांच की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि लूटपाट के लिए आए लूटेरे, लोगों के मुंह को बांधकर या डरा धमकाकर वारदात को अंजाम देते हैं, जबकि यहां मकसद हत्या का ही प्रतीत होता है।
हत्या के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। बावरिया, घुमंतु, भांतु, डेरेवालों को भी चिन्हित कर जांच के लिए टीमें बनाई गईं हैं।
जे रवींद्र गौड, एसएसपी
अभी साक्ष्य संकलन चल रहा है। इस बाबत मीटिंग कर 7 टीमें बनाई गई हैं। सभी संभावित पहलुओं पर जांच हो रही है। इसमें बावरिया गिरोह भी शामिल हो सकते हैं।
डॉ। एसपी सिंह, एसपी क्राइम