-चुनाव में जीआरपी और आरपीएफ स्टाफ की ड्यूटी, पैसेंजर्स भुगत रहे खामियाजा
-थर्सडे को शाहबाद के पास किसान एक्सप्रेस में युवक से लूटपाट की कोशिश
-जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की कमी से बढ़ रहा लुटेरों का हौसला
BAREILLY:
लोकसभा इलेक्शन की तैयारियों में लगाई गई फोर्सेज की कमी का खामियाजा बेकसूर रेलवे पैसेंजर्स भुगत रहे हैं। चुनाव में जीआरपी और आरपीएफ जवानों की ड्यूटी लगने से ट्रेनों में पैसेंजर्स को लूटने का सिलसिला फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। एस्कॉर्ट न होने से बेखौफ लुटेरे एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही वीआईपी ट्रेन को भी अपने निशाने पर लेने से नहीं हिचक रहे। ख्ख् अप्रैल की रात वीआईपी ट्रेन लखनऊ मेल में एसी कोच पैसेंजर्स के साथ लूट से रेलवे अभी उबरा भी नहीं था कि थर्सडे को किसान एक्सप्रेस में एक पैसेंजर्स के साथ लूट की कोशिश की गई। रेलवे एस्कॉर्ट न होने से एक ओर पैसेंजर्स खुद को जहां बेहद अनसेफ महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लुटेरों का दिनदहाड़े लूट का हौसला बढ़ता जा रहा है।
दिनदहाड़े रेलवे को चुनौती
रातों को ट्रेनों को अपना निशाना बना रहे लुटेरों ने अब दिनदहाड़े लूट की वारदातों को अंजाम दे रेलवे को खुली चुनौती दे दी है। थर्सडे को किसान एक्सप्रेस के कोच एस-ब् में लुधियाना से गोंडा जा रहे संजय को लूटने की कोशिश हुई। सुबह करीब क्0.फ्0 बजे जंक्शन क्रॉस करते ही शाहबाद के पास दो लुटेरों ने संजय का बैग लूटने की कोशिश की। विरोध करने पर लुटेरे हाथापाई पर उतर आए। जिस पर साथी पैसेंजर्स ने संजय का साथ दिया। पलड़ा कमजोर पड़ता देख एक लुटेरा मौके से फरार हो गया। जबकि दूसरे को पैसेंजर्स ने पकड़कर हरदोई जीआरपी के हवाले कर दिया।
अधूरे स्टाफ के सहारे जीआरपी
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्सेज और पीएसी के अलावा जीआरपी को भी लगाया गया है। जीआरपी थाने से करीब आधा स्टाफ चुनाव में ड्यूटी बजा रहा है। जीआरपी थाने में क् एसएचओ, क् इंस्पेक्टर, ब् एसआई, 8 हेड कांस्टेबल और भ्8 सिपाही हैं। इनमें से चुनाव के लिए दो सब इंस्पेक्टर, ख् हेड कांस्टेबल और फ्क् सिपाही रवाना कर दिए गए हैं। ऐसे में आधे स्टाफ के सहारे चल रही जीआरपी को लुटेरे खुली चुनौती देने में नहीं कतरा रहे।
आरपीएफ में भी कमी
ट्रेनों में पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए जिम्मेदार आरपीएफ भी चुनावी दिनों में लाचार बनी है। पैसेंजर्स की कड़ी सिक्योरिटी के लिए आरपीएफ के पास पूरा स्टाफ ही नहीं है। आरपीएफ थाने में कुल भ्9 का स्टाफ है। जिसमें क् इंस्पेक्टर, क् एसआई। फ् एएसआई, ख्क् हेड कांस्टेबल और फ्फ् सिपाही हैं। इनमें से क्ख् की पोस्ट खाली पड़ी है। बचे हुए ब्8 में से फ् की चुनाव में ड्यूटी लगी है, वहीं म् को हापुड़, गजरौला की पेट्रोलिंग पार्टी के लिए जुटा दिया गया। ऐसे में ट्रेनों में एस्कॉर्ट लगाने के पास आरपीएफ के पास जरूरी जवान ही नहीं है।
लुटेरों से हलकान जागे जिम्मेदार
चुनाव के चलते ट्रेन में एस्कॉर्ट के न चलने का खामियाजा पैसेंजर्स के साथ रेलवे को उठाना पड़ रहा है। एक के बाद एक लूट की घटनाओं से रेलवे सहित जीआरपी भी हलकान है। चुनाव खत्म होने तक इन घटनाओं पर लगाम कसने को अब रेलवे के जिम्मेदार बचे मैनपॉवर से ही पैसेंजर्स की सुरक्षा जुटाने में माथापच्ची कर रहे हैं। जीआरपी ने जहां रात में ट्रेनों में अपनी जांच बढ़ा दी है। वहीं आरपीएफ ने भी लोकल लेवल पर लूट का शिकार हुई खास ट्रेनों जैसे लखनऊ मेल और उपासना एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट लगा दिया गया है।
ट्रेनों में वारदात
फ्क् मार्च संगम एक्सप्रेस में डकैती
0ब् अप्रैल शहीद एक्सप्रेस में मारपीट
क्0 अप्रैल सुल्तानपुर में वरूणा एक्सप्रेस में फायरिंग
क्0 अप्रैल नौचंदी में शाहजहांपुर के पास लूट
क्क् अप्रैल पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में लूटपाट
क्7 अप्रैल पदमावत एक्सप्रेस में लूट
ख्ख् अप्रैल लखनऊ मेल में डकैती
ख्ख् अप्रैल मुरादाबाद में कुंभ एक्सप्रेस में लूट
ख्ब् अप्रैल शाहबाद में किसान एक्सप्रेस में लूट
थाने के आधे स्टाफ को चुनाव में लगा दिया गया है। ट्रेनों में पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए फोर्स कम है। जो मैनपॉवर है उसी में काम चलाया जा रहा है। रात को जंक्शन से गुजरने वाली हर ट्रेन की जांच कर रहे हैं। - अयूब हसन, इंचार्ज, जीआरपी
जंक्शन की सिक्योरिटी के लिए हमे पूरा स्टाफ ही नहीं मिल पा रहा। डिविजन में ही मैनपॉवर की कमी है। लेकिन लूट की घटना के बाद पेट्रोलिंग पर लगाए गए जवानों को लखनऊ मेल और उपासना में एस्कॉर्ट किया गया है। - एसएस गब्र्याल, इंजार्च, आरपीएफ