- शहर के चौराहों पर ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने और कराने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम

BAREILLY:

ट्रैफिक जाम एक बड़ी प्रॉब्लम है। बावजूद इसके सिटी में ट्रैफिक रूल्स जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। वजह यह है कि न तो पब्लिक इसे फॉलो करने को तैयार है और न ही पुलिस इसे लागू करा पाने में सक्षम हो रही है। लिहाजा, पूरे शहर में ट्रैफिक अपनी राह दौड़ता नजर आता है। लिहाजा, बेवजह जाम के हालात बनते रहे। 'कॉट इन ए जाम' कैम्पेन में आई नेक्स्ट ने सिटी के बड़े चौराहे-तिराहों पर पड़ताल की तो ऐसा ही नजारा दिखाई दिया। आइए बताते हैं आंखों देखी

स्थान - चौपुला चौराहा

समय - दोपहर 12.25 बजे

स्थिति -

- चौपुला चौराहे पर पांच रास्तों से ट्रैफिक अपनी रफ्तार से बेतरतीब आ रहा था। चौराहे पर एक भी ट्रैफिक पुलिस के जवान आसपास भी दिखाई नहीं पड़ रहे थे। लिहाजा, पब्लिक बेरोकटोक ट्रैफिक के बीच लोग वाहन घुसा दे रहे थे। ऐसे में, अक्सर ट्रैफिक की रफ्तार थम जा रही थी। सिग्नल का कोई सिस्टम न होने की वजह से जेब्रा क्रॉसिंग की बात करना ही बेमानी है। ऐसे में, पैदल राहगीर जान जोखिम में डालकर दौड़ रहे वाहनों के बीच से सड़क पार कर रहे थे। आटो और विक्रम तो बीच ट्रैफिक ही सवारियां उतार-चढ़ा रहे थे। इस वजह से भी ट्रैफिक बाधित हो रहा था। आटो के चलते जाम लगा तो कहीं से होमगार्ड सामने और वाहनों का हटाया।

एक सिपाही दो होमगार्ड की ड्यूटी

इस चौराहे पर 4-1 की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन मौके पर सिर्फ एक सिपाही और दो होमगार्ड मिले।

जरूरत -

- जेब्रा कॉसिंग

- सिग्नलिंग प्वॉइंट पर शेड अरेंजमेंट।

- ट्रैफिक लाइट्स को मेंटेन करना।

- ट्रैफिक पुलिस की संख्या को बढ़ाकर।

- ऑटो-टेंपो स्टैंड।

- रोड का चौंड़ीकरण।

स्थान - चौकी चौराहा

समय - दोपहर 1 बजे।

स्थिति -

- सिटी का मॉडल चौराहा की पहचान बना चुका चौकी चौराहा पर भी जाम का झाम की शुरुआत हो गई है। इस चौराहे से पुराना बस अड्डा से पीलीभीत एवं बदायूं समेत कलेक्ट्रेट, कुतुबखाना, कैंट एवं सेटेलाइट की ओर जाने वाले ट्रैफिक कंट्रोल होता है, जो कि पूरी तरह से अनकंट्रोल्ड मिला। ट्रैफिक पुलिस द्वारा मैनुअल सिग्नलिंग कोई फॉलो नहीं कर रहा था। वहीं, मौजूद होमगार्ड महिला थाना के पास लगे पेड़ के नीचे आराम करते दिखे। पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न होने की वजह से सिग्नलिंग होने के बाद भी सवारियां आ जा रहीं थीं। जेब्रा क्रॉसिंग भी फॉलो नहीं हो रहा था। वहीं, ट्रैफिक के बीच से ही पैदल लोग रोड क्रॉस कर रहे थे।

जरूरत -

- पब्लिक को जागरूक होना।

- ट्रैफिक लाइट्स को मेंटेन करना।

- पुलिस द्वारा ड्यूटी ऑवर्स में रेस्ट न करना।

- जेब्रा क्रॉसिंग।

स्थान - सेटेलाइट

समय - दोपहर 1.36 बजे।

स्थिति -

सेटेलाइट पर बस अड्डा होने की वजह से अक्सर जाम लगने की संभावना बनी रहती है। इसके बावजूद भी कोई ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद नहीं दिखा। सभी कांस्टेबल, एचसीपी, होमगार्ड शेड के नीचे खड़े दिखे। ड्यूटी पर कोई पुलिस न होने की वजह से पब्लिक भी मनमर्जी से आ जा रही थी। जेब्रा क्रॉसिंग बनाई गई है, लेकिन सिग्नलिंग न होने से कोई फॉलो भी नहीं कर रहा था। यह एरिया नो एंट्री जोन के बाहर है। इसीलिए यहां से हेवी व्हीकल्स की आवाजाही हो रही थी। ऐसे में, यहां हर वक्त जाम का झाम बना रहता है। चौराहे पर पहुंचे हुए दस मिनट भी नहीं हुए थे कि वहां भारी जाम लग गया। जाम की वजह ट्रक का ट्रैक चेंज करना था। जिसकी वजह से करीब आधे घंटे से ज्यादा समय तक जाम लगा रहा।

जरूरत -

- जेब्रा क्रॉसिंग और शेड अरेंजमेंट

- ट्रैफिक लाइट्स की शुरुआत

- पुलिस में एक्टिवनेस।

- पब्लिक में जागरुकता।

स्थान - शहामतगंज

समय - दोपहर 2.30 बजे

ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक शहामतगंज में सर्वाधिक लंबा और ज्यादा जाम लगता है। दिन भर में अमूमन 8 बार जाम लगता है। दोपहर में ट्रैफिक पुलिस चौराहे से नदारद दिखी। ड्यूटी के बजाय पेड़ की छांव में सभी गप्प लगाते दिखे। तो दूसरी ओर उनके सामने से वनवे से भी सवारियों की आवाजाही हो रही थी। कैमरा देखते ही सभी एक्टिव मोड में आ गए। कालीबाड़ी की ओर जा रहे ऑटो व अन्य व्हीकल्स को काबू करने की जद्दोजहद में सभी जुट गए। गौरतलब है कि शहामतगंज पर 1 एचसीपी, 1 कांस्टेबल, 3 होमगार्ड के ड्यूटी पर होने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने से पब्लिक मनमर्जी करती दिखी। चौराहे पर वनवे का सिस्टम भी फेल रहा।

जरूरत -

- अतिक्रमण हटाया जाना।

- वनवे रूल्स को फॉलो कराना।

- सड़क चौंड़ीकरण।

- ड्यूटी के प्रति कन्संट्रेट होना।

- जेब्रा लाइन एवं सिग्नल लाइट्स होना।