नो एंट्री में चेकिंग पर ड्राइवर ने दिखाया नेता का लेटर पैड
न मानने पर दो कोड लिखी पर्चियां भी दिखाई
BAREILLY: सत्ता की सनक में कुछ नेता नो एंट्री का माखौल उड़ा रहे हैं। पार्टी के आफिसियल लेटर पैड पर नेता लोग व्हीकल्स के ड्राइवर को लिख कर देते हैं कि वह पार्टी का कार्यकर्ता है, उसके वाहन को कभी न रोका जाए। वाहन चालकों को आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की ओर से पर्ची भी दी जाती हैं। ताकि उन्हें विभाग से जुड़ा कोई दूसरा शख्स न रोके। सैटरडे को नो एंट्री में एंट्री पर रोक लगाने के दौरान चेकिंग में कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया।
बस कुछ बोला और जाने दिया
फ्राइडे को आई नेक्स्ट ने बियावान कोठी से हेड पोस्ट आफिस तक नो एंट्री में हेवी व्हीकल की एंट्री की न्यूज को प्रमुखता से पब्लिश किया था। खबर पब्लिश होने पर किरकिरी बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने दोनों छोर पर जवान तैनाती कर दिए। साथ ही, हेवी व्हीकल के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया। सुबह करीब साढ़े दस बजे पुलिस ने एक ट्रक को रोक लिया। पुलिस ने जब ट्रक चालक से कागज मांगे तो उसने देने से मना कर दिया। उसने सिटी के किसी नामी शख्स का ट्रक होना बताया। कुछ देर बाद ट्रक मालिक का भांजा बाइक से मौके पर पहुंच गया। उसने वहां तैनात एचसीपी से कुछ बात की और फिर आराम से ट्रक छोड़ दिया गया। इसी दौरान एक और ट्रक नो एंट्री से आ गया। जब ट्रक को रोका गया तो कुछ देर बाद एक कार से दो लोग पहुंचे और सेना के डिपो से सामान लोड करने की बात कहकर ट्रक छुड़ाकर ले गए।
आरटीओ और थानाध्यक्ष के नाम लेटर
करीब 11 बजे एक ईटों से भरी ट्रैक्टर-ट्राली को ट्रैफिक पुलिस ने रोक लिया। उसके पास हेवी की जगह लर्निग का लाइसेंस मिला। इस पर ड्राइवर ने ट्रैफिक पुलिस से ट्रैक्टर छोड़ने की रिक्वेस्ट की। जब नहीं छोड़ा तो उसने अपनी पाकेट से एक लेटर पैड निकालकर दिखाया। यह लेटर पैड 11 अक्टूबर 2012 को जारी किया गया था। लेटर पैड पर महानगर समाजवादी पार्टी बरेली लिखा हुआ था। लेटर पैड पर महानगर अध्यक्ष फहीम साबिर अंसारी भी लिखा था। यही नहीं नीचे उनके नाम के स्थान के ऊपर सिग्नेचर भी थे। इस लेटर में लिखा हुआ था आरटीओ/थानाध्यक्ष बरेली मोहम्मद शारिक पुत्र शाकिर मेरे बहुत करीब के व्यक्ति हैं। पार्टी के कार्यकर्ता हैं। तथा इनकी गाड़ी नंबर यूपी ख्भ् एडी 00ख्ब् को कभी न रोका जाए। हालांकि इस वक्त जफर बेग सपा के महानगर अध्यक्ष हैं। इसका मतलब है कि ड्राइवर कहीं न कहीं लेटर पैड का महानगर अध्यक्ष न होने के बाद भी मिस यूज कर रहा है।
पर्चियों पर लिखे थे कोड
पुलिसकर्मी लेटर पेड चेक ही कर रहे थे कि इसी दौरान ड्राइवर ने दो पर्ची भी निकालकर उन्हें दिखा दी। एक पर्ची में ट्रैक्टर का नंबर के नीचे क् अप्रैल ख्0क्भ् की डेट पड़ी हुई थी और ब्रेकेट में कोड ब्फ् लिखा था। इसके अलावा दूसरी पर्ची में गाड़ी का नंबर और टेड सेम थी लेकिन इसमें ब्रेकेट में कोड टीआई लिखा था। इसका मतलब है कि ये पर्चियां कहीं न कहीं ट्रैफिक पुलिस के द्वारा ही जारी की गई होंगी। इस पर भी जब ट्रैक्टर न छूटा दो ड्राइवर ने किसी को फोन लगाकर पुलिसकर्मी से बात करायी लेकिन पुलिस ने कैमरा सामने होने के चलते होमगार्ड के माध्यम से ट्रैक्टर-ट्राली को पुलिस लाइन भेजवा दिया।
ऐसे ही कोड से सब पास
नेताओं के कहने और पर्ची सिस्टम से शहर में हेवी व्हीकल की एंट्री का यह कोई इकलौता मामला नहीं है। बल्कि इस तरह से एंट्री का खेल लंबे समय से चला आ रहा है। किसी नेता के वाहनों पर कोड पड़ा होता है जिसे देखकर न तो ट्रैफिक पुलिस और न ही आरटीओ की टीम रोकती है। इसी तरह से अन्य को पर्ची दे दी जाती है जो पूरे महीने शहर में एंट्री दिलाती है। पर्ची को देखकर कोई भी व्हीकल को रोकने की हिम्मत नहीं करता है।
नो एंट्री में किसी को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। चाहें कोई पर्ची दिखाए । पर्चियों की भी जांच कराई जाएगी।
ओपी यादव, एसपी ट्रैफिक बरेली
मैनें ऐसा कोई लेटर पैड जारी नहीं किया है। किसी ने मेरे महानगर अध्यक्ष रहते वक्त मेरे आफिस या घर के आफिस से लेटर पैड चुराकर खुद इस तरह से लिखकर फर्जीवाड़ा किया है। ऐसे शख्स के खिलाफ कार्रवाई कराऊंगा।
फहीम साबिर अंसारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष सपा
यह काम किसी ने फर्जी तरीके से किया है। ये पार्टी को बदनाम करने की साजिश है। ऐसे शख्स के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करायी जाएगी।
जफर बेग, महानगर अध्यक्ष सपा