बरेली(ब्यूरो)। जिले में डेंगू तेजी से पैर पसारने लगा है। बरसात व जलभराव से संचारी रोग के बढऩे की संभावना बनी हुई है। ट्यूजडे को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले में 164 लोगों की एनएस1 कार्ड से जांच की गई। इसके अलावा 72 लोगों का एलाइजा टेस्ट भी किया गया। इसमें एनएस1 कार्ड टेस्ट में 51 व एलाइजा टेस्ट में एक पॉजिटिव आया। इस प्रकार जिले में कुल पॉजिटिव केसेस की संख्या 9 हो गई है। इसमें 70 लोग रूरल से व 2 पॉजिटिव अर्बन एरिया के हैं। वहीं सोमवार को मीरगंज के युवक की बुखार से मौत हो गई, जिसके बाद वहां टीम ने जांच के लिए शिविर लगाया। सीएमओ डॉ। बलवीर सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फॉागिंग और आशा वर्कर्र्स द्वारा ट्रैकिंग की जा रही है।

फैक्ट एंड फिगर
99 केस अब तक जनपद में आ चुके हैं सामने
42 मामले डेंगू के अकेले मीरगंज में निकल चुके हैं
164 लोगों का एनएस1 टेस्ट ट्यूजडे को किया गया
72 लोगों का किया गया एलाइजा टेस्ट

बुखार से युवक की मौत
डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित मीरगंज के पैगानगरी निवासी 18 वर्षीय युवक की सोमवार शाम को मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार युवक को पांच अक्टूबर को बुखार आया था, जिसके बाद उसने दवा ले ली थी। लेकिन, तबीयत में सुधार न होने पर सात तारीख को उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसकी प्लेटलेट्स 19 हजार निकली, जिसके बाद उसे सोमवार को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। जहां शाम चार बजे उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को पैगानगरी में जांच शिविर का आयोजन किया। जिसमें 27 लोगों की मलेरिया जांच की गईं व 23 लोगों की एनएस1 कार्ड से डेंगू टेस्ट किया गया। इसमें एक व्यक्ति एनएस1 कार्ड में पॉजिटिव आया है, जिसका ब्लड सैैंपल जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। ग्राम में आशाओं की टीम बनाकर सोर्स रिडक्शन के लिए कहा गया है।

पब्लिक को कर रहे अवेयर
सीएमओ ने बताया कि अब तक डेंगू के 99 मरीज सामने आ चुके हैं। मीरगंज, बहेड़ी, नवाबगंज, भोजीपुरा, दलेलनगर संवेदनशील क्षेत्र हैं। यहां आशा कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दिया गया है। वह घर-घर जाकर ट्रैकिंग कर रही हैं। कूलर और फ्रिज की ट्रे को साप्ताहिक खाली करने के बारे में जानकारी दे रही हैं। जिस घर में कूलर, फ्रिज के पीछे, गमलों या कहीं भी पानी जमा मिलता है उसे सामने ही सफाई करवाती हैं जिससे डेंगू के मच्छर का प्रजनन न हो सके। डेंगू बरसात के मौसम में और उसके फौरन बाद के महीनों में यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे अधिक फैलता है। क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं।

क्या है उपचार
डॉ। बलवीर सिंह के अनुसार साधारण डेंगू बुखार खुद ठीक होने वाला रोग है। इसका उपचार लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है। बुखार के लिए पेरासिटामोल की गोली ही सुरक्षित है। रोगी डिस्प्रिन/एस्पिरिन कभी न दें। सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें व अधिक पानी पिलाएं। रोगी को आराम करने दें। अगर रोगी में डेंगू या हैमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिंड्रोम की ओर संकेत करने वाला एक भी लक्षण प्रकट होता नजर आए तो रोगी को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। जिससे वहां आवश्यक टेस्ट करके रोग का सही उपचार किया जा सके।