- ऑनलाइन आवेदन करते वक्त रहें अलर्ट

- नहीं तो दलाल ऐंठ सकते हैं पैसा

BAREILLY: फॉरेन की ट्रिप या फिर किसी कारण से आपको विदेश जाना है तो सबसे पहले चाहिए पासपोर्ट। गवर्नमेंट ने पासपोर्ट सेवा को ऑनलाइन करके काफी आसान व सरल बना दिया है। लेकिन, जमीनी हकीकत ये है कि आज भी पासपोर्ट बनवाना उतना आसान नहीं है। पीएसके का नजारा देखने से तो ऐसा ही लगता है। विभाग की अनदेखी कहें या फिर अप्लीकेंट्स की नासमझी, पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लीकेंट्स इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। सबसे बड़ी प्रॉब्लम पुलिस वेरीफिकेशन को लेकर होती है। वेरीफिकेशन में होने वाली लेटलतीफी के चलते विभाग को पासपोर्ट समय से जारी करने में भी परेशानी होती है।

आधी-अधूरी जानकारी बड़ी प्रॉब्लम

पुलिस वेरीफिकेशन समय पर न होना सबसे बड़ी समस्या है। पासपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा 60 दिन की बजाय 15 दिन में अप्वॉइटमेंट देने के बाद भी अप्लीकेंट्स को विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। जबकि, एलआईयू के माध्यम से पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट भी ऑनलाइन हो चुकी है। रिपोर्ट समय पर न भेजने के कारण पासपोर्ट जारी होने में भी काफी वक्त लगता है। पुलिस की तरफ से होने वाली लेटलतीफी को देखते हुए कई बार बैठकें भी हुई। लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ। बरेली पासपोर्ट सेवा से कुल 13 डिस्ट्रिक्ट जुड़े हुए हैं। समस्या से बचने के लिए अप्लीकेंट्स के बीच अवेयरनेस का होना बेहद जरूरी है। पासपोर्ट से रिलेटेड समस्या होने पर पासपोर्ट अधिकारियों से कांटैक्ट किया जा सकता है।

कैसे करें पासपोर्ट के लिए अप्लाई

- हिन्दी और इंग्लिश दोनों ही माध्यम से पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया जा सकता है।

-विभाग के लिंक www.passportindia.gov.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लीकेशन फीलिंग कॉलम में जाकर न्यू यूजर के सामने रजिस्टर पर क्लिक करें।

- मांगी गयी जानकारी भरकर यूजर आईडी बनाएं। -इसके बाद आपको ई-फार्म ऑप्शन मिल जाएगा। सही जानकारी भरकर फार्म अपलोड कर दें।

-फार्म के अपलोड होने के तुरंत बाद ही आपका अप्लीकेशन रिफरेंस नंबर (एआरएन) बन जाएगा।

-इसके बाद अप्वॉईटमेंट में शेड्यूल करें और अप्वॉइंटमेंट की रसीद प्रिंट आउट लेकर अपने पास रख लें।

-निर्धारित डेट और समय पर पीएसके पर पहुंच कर विभागीय प्रोसेस अपनाएं।

बचके नहीं तो लुट जाएंगे

यही नहीं पीएसके पर भी जाते वक्त सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि, आपके भोलेपन का फायदा पीएसके के आसपास सक्रिया दलाल फायदा उठा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करते वक्त आपने जो भी डॉक्यूमेंट का जिक्र कर रखा है उसकी ओरीजनल कापी अपने साथ ले जाना न भूलें। अन्यथा आपको प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ सकती है। यही नहीं फार्म भरते वक्त यह बात की दोबारा जांच कर लें कि, पूरी डिटेल सही है या नहीं। डॉक्यूमेंट और फार्म में भरी गयी जानकारी मैच नहीं करने पर आपके पासपोर्ट जारी नहीं होंगे। यानि, आपको फार्म भरने की प्रक्रिया अपनानी पड़ सकती है। सामान्य पासपोर्ट के लिए क्भ्00 और तत्काल पासपोर्ट के लिए फ्भ्00 फीस है।

तीन तरह के पासपोर्ट

समान्यत: पासपोर्ट थ्री कलर में होते हैं। अलग-अलग कलर का यूज एक स्पेशल कोड के रूप में किया जाता है। जैसे कि यदि आपके पासपोर्ट का रंग नीला है तो यह रेगुलर पासपोर्ट और साधारण व्यक्ति के लिए बनाया जाता है। यदि सफेद कलर है तो इसे सरकारी काम के लिए विदेश में जाने वाले के यूज किया जाता है। और एक कलर होता है मरून, जोकि भारतीय डिप्लोमेट्स के लिए प्रयोग होता है जैसे की प्राइम मिनिस्टर या सीनियर अधिकारी। कलर के अलावा पासपोर्ट को पेज या वैलिडिटी के हिसाब से भी केटेगरी वाइज शॉर्ट किया गया है। जैसे कि फ्म् पेज की बुकलेट यह बच्चों को इश्यू होती है। म्0 पेज को यदि वैलिडिटी के हिसाब से बात की जाए तो यह वयस्क को क्0 साल के लिए इश्यू होती है।

एज प्रूफ

बर्थ सर्टिफिकेट या क्0 वीं की सर्टिफिकेट। यह न होने की स्थिति में फ‌र्स्ट क्लॉस मजिस्ट्रेट (एसडीएम और सीनियर ऑफिसर) से लिखवा कर जमा करें।

एड्रेस प्रूफ

वोटर आईडी कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक या स्टेटमेंट, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस पॉलिसी, जनरल पावर ऑफ अटार्नी, बिजली, पानी का बिल। किराए के मकान में रह रहे लोगों को रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट के साथ एक और प्रूफ देना होगा। दूसरे प्रूफ के तौर पर डीएल, पैन कार्ड, आधार कार्ड की कापी जमा की जा सकती है।

आईडी प्रूफ

वोटर आईडी कार्ड, डीएल, पैन कार्ड, आधार कार्ड और फोटो लगी पासबुक मान्य है।

प्रॉब्लम्स से बचने के लिए ही मैनुअली व्यवस्था समाप्त कर ऑनलाइन सर्विस शुरू की गयी है। अधिक से अधिक लोगों को पासपोर्ट जारी हो सके, इसके लिए हर महीने पासपोर्ट मेला भी लगाया जा रहा है।

नवीन चंद्र बिष्ट, असिस्टेंट पासपोर्ट अधिकारी

पीएसके पर लोगों की भीड़ होने से थोड़ी बहुत दिक्कत हुई है। एक मार्च को अप्लाई किया था। हज यात्रियों के लिए पीएसके पर अलग से अरेजमेंट होनी चाहिए।

सब्बन खान, अप्लीकेंट

मुरादाबाद से यहां आया हूं। कुवैत जाने के लिए वीजा लग गया है। लेकिन, पीसीसी के वजह से मामला फंस गया है। जो यहां बनवाने आया हूं।

वसीम हैदर, अप्लीकेंट